ETV Bharat / state

34 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में छाए श्रीलंकाई हस्त शिल्पी, लोगों को भा रहा नारियल से बना सामान

34 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में जहां आपको तरह-तरह की कला देखने को मिल रही है. वहीं श्रीलंका से आए कलाकारों की कलाकारी ने पूरे मेले में धूम मचा रखी है. श्रीलंका से आए आनंदा अपने साथ नारियल के खोल से बना सामान और ज्वेलरी लेकर आए हैं, जो लोगों को बेहद पसंद आ रही है.

srilankan handicraft in 34th surajkund mela
34 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में छाए श्रीलंकाई हस्त शिल्पी
author img

By

Published : Feb 13, 2020, 8:09 AM IST

Updated : Feb 13, 2020, 9:32 AM IST

फरीदाबाद: सूरजकुंड मेले में पड़ोसी देश श्रीलंका से आने वाले हस्त शिल्पी नारियल के खोल से बने उत्पाद बेच रहे हैं. नारियल के खोल से तैयार किए गए ये सामान पर्यावरण के लिए पूरी तरह से हेल्दी है.

नारियल के खोल से तैयार सामान का उपयोग भी दूसरे स्टील के सामानों की तरह किया जा सकता है. इतना ही नहीं नारियल के खोल से ज्वेलरी भी तैयार की गई है, जो इको फ्रेंडली है और जिसके लिए श्रीलंका हस्त शिल्पी कलाकार 2013 में नेशनल स्तर पर पुरस्कार भी जीत चुका हैं.

34 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में छाए श्रीलंकाई हस्त शिल्पी

इसके साथ ही सूरजकुंड मेले में नारियल के खोल से तैयार किए गए रसोई घर के सामान भी लोगों को खूब भा रहे हैं, क्योंकि सूरजकुंड मेले में पहली बार ऐसी कोई चीज आई है जो नारियल से तैयार की गई है. श्रीलंका से आए हस्त शिल्पी आनंदा कुमार ने बताया कि नारियल एक प्रकार का ताड़ का पेड़ है और श्रीलंका में कपरुका का अर्थ है वो पेड़ जो सभी चीजे देता है.

उन्होंने बताया कि नारियल के पेड़ का एक-एक हिस्सा ट्रंक, पत्तियां, भूसी, फल, और शेल लोगों के लिए उपयोगी है. वो नारियल के पत्तों से बुनाई मैट, बैग और अन्य कंटेनरों के साथ अपने घरों की छतें बिछाते हैं. घरों के निर्माण के लिए टिम्बर का उपयोग किया जाता है. नारियल के अंदर का कठोर खोल रचनात्मक कारीगरों के हाथों से सुंदर सजावटी वस्तुओं में बदल जाता है.

शेल की कठोरता और आकार का प्राकृतिक रंग कलाकार को उत्पादों की एक श्रृंखला बनाने में आसान बनाता है. चम्मच और कांटे, विभिन्न प्रकार के खाद्य कंटेनर, पशु, दीपक, दीवार की सजावट और चित्र नारियल के गोले का उपयोग करके उत्पादित किए जाते हैं.

ये भी पढ़िए: शुरू होने से पहले 'खंडहर' बना चंडीगढ़ का सरकारी स्कूल, हालत देखकर आप भी रह जाएंगे हैरान


इसके अलावा :वुडन बैंगल्स, वुडन कटलरी सेट, कोकोनट शैल आइसक्रीम कप जैसे उत्पाद तैयार कियए जाते हैं. उन्होंने कहा कि नारियल के द्वारा बनाए गए सभी उत्पाद पर्यावरण के लिए कोई नुकसानदायक नहीं है और सभी उत्पादों को आसानी से नष्ट भी किया जा सकता है.

34 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में जहां आपको तरह-तरह की कला देखने को मिल रही है। वहीं श्रीलंका से आए कलाकारों की कलाकारी ने पूरे मेले में धूम मचा रखी है। श्रीलंका से आए आनंदा कलाकार अपने साथ नारियल के खोल से बना सामान और ज्वेलरी लेकर आए हैं जो लोगों को बेहद पसंद आ रही है।

फरीदाबाद: सूरजकुंड मेले में पड़ोसी देश श्रीलंका से आने वाले हस्त शिल्पी नारियल के खोल से बने उत्पाद बेच रहे हैं. नारियल के खोल से तैयार किए गए ये सामान पर्यावरण के लिए पूरी तरह से हेल्दी है.

नारियल के खोल से तैयार सामान का उपयोग भी दूसरे स्टील के सामानों की तरह किया जा सकता है. इतना ही नहीं नारियल के खोल से ज्वेलरी भी तैयार की गई है, जो इको फ्रेंडली है और जिसके लिए श्रीलंका हस्त शिल्पी कलाकार 2013 में नेशनल स्तर पर पुरस्कार भी जीत चुका हैं.

34 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में छाए श्रीलंकाई हस्त शिल्पी

इसके साथ ही सूरजकुंड मेले में नारियल के खोल से तैयार किए गए रसोई घर के सामान भी लोगों को खूब भा रहे हैं, क्योंकि सूरजकुंड मेले में पहली बार ऐसी कोई चीज आई है जो नारियल से तैयार की गई है. श्रीलंका से आए हस्त शिल्पी आनंदा कुमार ने बताया कि नारियल एक प्रकार का ताड़ का पेड़ है और श्रीलंका में कपरुका का अर्थ है वो पेड़ जो सभी चीजे देता है.

उन्होंने बताया कि नारियल के पेड़ का एक-एक हिस्सा ट्रंक, पत्तियां, भूसी, फल, और शेल लोगों के लिए उपयोगी है. वो नारियल के पत्तों से बुनाई मैट, बैग और अन्य कंटेनरों के साथ अपने घरों की छतें बिछाते हैं. घरों के निर्माण के लिए टिम्बर का उपयोग किया जाता है. नारियल के अंदर का कठोर खोल रचनात्मक कारीगरों के हाथों से सुंदर सजावटी वस्तुओं में बदल जाता है.

शेल की कठोरता और आकार का प्राकृतिक रंग कलाकार को उत्पादों की एक श्रृंखला बनाने में आसान बनाता है. चम्मच और कांटे, विभिन्न प्रकार के खाद्य कंटेनर, पशु, दीपक, दीवार की सजावट और चित्र नारियल के गोले का उपयोग करके उत्पादित किए जाते हैं.

ये भी पढ़िए: शुरू होने से पहले 'खंडहर' बना चंडीगढ़ का सरकारी स्कूल, हालत देखकर आप भी रह जाएंगे हैरान


इसके अलावा :वुडन बैंगल्स, वुडन कटलरी सेट, कोकोनट शैल आइसक्रीम कप जैसे उत्पाद तैयार कियए जाते हैं. उन्होंने कहा कि नारियल के द्वारा बनाए गए सभी उत्पाद पर्यावरण के लिए कोई नुकसानदायक नहीं है और सभी उत्पादों को आसानी से नष्ट भी किया जा सकता है.

34 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में जहां आपको तरह-तरह की कला देखने को मिल रही है। वहीं श्रीलंका से आए कलाकारों की कलाकारी ने पूरे मेले में धूम मचा रखी है। श्रीलंका से आए आनंदा कलाकार अपने साथ नारियल के खोल से बना सामान और ज्वेलरी लेकर आए हैं जो लोगों को बेहद पसंद आ रही है।

Last Updated : Feb 13, 2020, 9:32 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.