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शादी में कौन-कौन से 36 गुण मिलाए जाते हैं, सफल दांपत्य जीवन के लिए 36 गुणों के अलावा इन 6 गुणों का मिलान जरूरी - क्या होते हैं 36 गुण

हिंदू धर्म में शादी से पहले कई रीति-रिवाज होते हैं. लड़का और लड़की की शादी सही सलामत चले इसके लिए शादी से पहले कई सारी चीजें देखी और परखी भी जाती हैं. इन्हीं में से एक हैं लड़का और लड़की के कुंडली का मिलान. शादी से पहले 36 गुणों (hindu marriage Kundali Gun Milan) को मिलाया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है इन 36 के अलावा 6 और गुण हैं, जिनका मिलान बहुत जरूरी है.

hindu marriage Kundali Gun Milan
क्या होते हैं 36 गुण
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Published : Feb 3, 2023, 5:32 AM IST

क्या होते हैं 36 गुण और शादी से पहले क्यों मिलाए जाते हैं.

फरीदाबाद: एक बार फिर से सभी तरह के मांगलिक कार्य शुरू हो चुके हैं. वहीं, जब भी बात शादी की आती है तो सबसे पहले कुंडली मिलान किया जाता है. ताकि लड़का लड़की का कुंडली देखकर यह बताया जा सके कि इन दोनों में कितने गुण मिलते हैं. 36 के 36 गुण मिल जाते हैं तो शादी सफल मानी जाती है.

क्या होते हैं 36 गुण?: ज्योतिष के अनुसार, 18 से ऊपर दोनों के गुण मिल गया तो भी शादी सफल मानी जाती है. 36 गुणों में नाड़ी के 8 गुण, भकूट के 7 गुण, गण मैत्री के 6 गुण, ग्रह मैत्री के 5 गुण, योनि मैत्री के 4 गुण, ताराबल के 3 गुण, वश्य के 2 गुण और वर्ण के 1 गुण का मिलान होता है. इस प्रकार से कुल 36 गुण होते हैं.

गुण क्या होता है और कैसे मिलाया जाता है: महंत मुनिराज ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि वर्ग, नक्षत्र, गण, नाड़ी, भकूट और वर्ण ये 6 गुण अच्छे होते हैं. यह गुण में वर (लड़के) भी होते हैं और कन्या में भी होता है. फिर इन दोनों के राशियों का मिलान किया जाता है. इन्हीं राशियों को देखकर पता किया जाता है कि वर वधु के कितने गुण मिलते हैं.

महंत मुनिराज ने बताया कि यदि 18 से ज्यादा गुण मिल जाते हैं तो घर गृहस्थी सुखमय होता है. 18 से जैसे-जैसे ज्यादा गुण मिलते वैसे-वैसे वर वधु के दांपत्य जीवन सुखमय बीतता है. ढंग से भी आयु से भी संतान से भी जीवन सुखमय होता है. उन्होंने कहा कि, जिनके 18 से कम गुण मिलते हैं और शादी हो जाती है तो ऐसे में यह शादी जान तक सफल मानी नहीं जाती है. इस तरह की शादी होने पर दांपत्य जीवन में मनमुटाव, टकराव, गृह कलेश जैसी तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अंत में शादी टूट जाती है या टूटने तक की नौबत आ जाती है.

ये भी पढ़ें: Vivah Muhurat 2023: फरवरी में 13 दिन हैं विवाह के शुभ मुहूर्त, जानिए किस दिन करें कौन सा मांगलिक कार्य

राशियों के स्वामी पर भी निर्भर करता है सफल दांपत्य जीवन: महंत मुनिराज ने बताया कि हमारे यहां 2 राशियां महत्वपूर्ण है. इसमें एक खास बात यह है कि वर-वधु के 36 के 36 गुण मिल रहे हैं और राशियों के स्वामी एक दूसरे के विरोधी हैं तो भी शादियों में काफी दिक्कतें आती हैं. दांपत्य जीवन काफी दुख में बितता है और अंत में शादी टूट जाती है.

वहीं, महंत मुनिराज ने कहा कि, राम भगवान की बात करें तो 36 के 36 गुण उनके भी नहीं मिले थे और यही वजह है कि दांपत्य जीवन उनका भी काफी दुख में रहा था. शादी से पहले राम भगवान एक प्रतापी राजा थे, लेकिन शादी के बाद उनको भी वनवास काटनी पड़ी. सीता माता का अपहरण हुआ और जब सीता माता राम भगवान के पास आ भी गईं तो भी उन्हें अग्नि परीक्षा देनी पड़ी. ऐसे में जब भगवान के 36 गुण नहीं मिले तो इंसान की तो बात ही अलग है.

ऐसे में 36 के 36 गुण मिल भी जाये और राशियों के स्वामी एक-दूसरे के विरोधी हैं तो भी शादी सफल नहीं मानी जाती है. उन्होंने कहा कि राशियों के स्वामी का मिलान जरूरी है, नहीं तो दिक्कतें आती हैं. उन्होंने कहा कि, राशि के स्वामी अगर एक हों और पूरे के पूरे गुण न मिले तो भी दाम्पत्य जीवन सुखमय बीतता है.

ये भी पढ़ें: इस श्राप के कारण भगवान विष्णु बन गए थे पत्थर! अब उसी शालिग्राम शिला से बनेगी भगवान श्री राम की मूर्ति

क्या होते हैं 36 गुण और शादी से पहले क्यों मिलाए जाते हैं.

फरीदाबाद: एक बार फिर से सभी तरह के मांगलिक कार्य शुरू हो चुके हैं. वहीं, जब भी बात शादी की आती है तो सबसे पहले कुंडली मिलान किया जाता है. ताकि लड़का लड़की का कुंडली देखकर यह बताया जा सके कि इन दोनों में कितने गुण मिलते हैं. 36 के 36 गुण मिल जाते हैं तो शादी सफल मानी जाती है.

क्या होते हैं 36 गुण?: ज्योतिष के अनुसार, 18 से ऊपर दोनों के गुण मिल गया तो भी शादी सफल मानी जाती है. 36 गुणों में नाड़ी के 8 गुण, भकूट के 7 गुण, गण मैत्री के 6 गुण, ग्रह मैत्री के 5 गुण, योनि मैत्री के 4 गुण, ताराबल के 3 गुण, वश्य के 2 गुण और वर्ण के 1 गुण का मिलान होता है. इस प्रकार से कुल 36 गुण होते हैं.

गुण क्या होता है और कैसे मिलाया जाता है: महंत मुनिराज ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि वर्ग, नक्षत्र, गण, नाड़ी, भकूट और वर्ण ये 6 गुण अच्छे होते हैं. यह गुण में वर (लड़के) भी होते हैं और कन्या में भी होता है. फिर इन दोनों के राशियों का मिलान किया जाता है. इन्हीं राशियों को देखकर पता किया जाता है कि वर वधु के कितने गुण मिलते हैं.

महंत मुनिराज ने बताया कि यदि 18 से ज्यादा गुण मिल जाते हैं तो घर गृहस्थी सुखमय होता है. 18 से जैसे-जैसे ज्यादा गुण मिलते वैसे-वैसे वर वधु के दांपत्य जीवन सुखमय बीतता है. ढंग से भी आयु से भी संतान से भी जीवन सुखमय होता है. उन्होंने कहा कि, जिनके 18 से कम गुण मिलते हैं और शादी हो जाती है तो ऐसे में यह शादी जान तक सफल मानी नहीं जाती है. इस तरह की शादी होने पर दांपत्य जीवन में मनमुटाव, टकराव, गृह कलेश जैसी तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अंत में शादी टूट जाती है या टूटने तक की नौबत आ जाती है.

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राशियों के स्वामी पर भी निर्भर करता है सफल दांपत्य जीवन: महंत मुनिराज ने बताया कि हमारे यहां 2 राशियां महत्वपूर्ण है. इसमें एक खास बात यह है कि वर-वधु के 36 के 36 गुण मिल रहे हैं और राशियों के स्वामी एक दूसरे के विरोधी हैं तो भी शादियों में काफी दिक्कतें आती हैं. दांपत्य जीवन काफी दुख में बितता है और अंत में शादी टूट जाती है.

वहीं, महंत मुनिराज ने कहा कि, राम भगवान की बात करें तो 36 के 36 गुण उनके भी नहीं मिले थे और यही वजह है कि दांपत्य जीवन उनका भी काफी दुख में रहा था. शादी से पहले राम भगवान एक प्रतापी राजा थे, लेकिन शादी के बाद उनको भी वनवास काटनी पड़ी. सीता माता का अपहरण हुआ और जब सीता माता राम भगवान के पास आ भी गईं तो भी उन्हें अग्नि परीक्षा देनी पड़ी. ऐसे में जब भगवान के 36 गुण नहीं मिले तो इंसान की तो बात ही अलग है.

ऐसे में 36 के 36 गुण मिल भी जाये और राशियों के स्वामी एक-दूसरे के विरोधी हैं तो भी शादी सफल नहीं मानी जाती है. उन्होंने कहा कि राशियों के स्वामी का मिलान जरूरी है, नहीं तो दिक्कतें आती हैं. उन्होंने कहा कि, राशि के स्वामी अगर एक हों और पूरे के पूरे गुण न मिले तो भी दाम्पत्य जीवन सुखमय बीतता है.

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