ETV Bharat / state

कोरोना की दूसरी लहर ने फिर चौपट किए छोटे उद्योग, घर गए कामगार वापस ही नहीं लौटे

कोरोना की दूसरी लहर ने छोटे उद्योगों के लिए एक बार फिर मुसीबत खड़ी कर दी है. लॉकडाउन के डर से ज्यादा तर मजदूर पलायन कर चुके हैं और जो अपने घर नहीं गए हैं वो ज्यादा बहतर तरीके से काम नहीं कर पा रहे हैं जिसकी वजह से व्यापारियों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

faridabad Corona small industries
कोरोना की दूसरी लहर ने फिर चौपट किए छोटे उद्योग, घर गए कामगार वापस ही नहीं लौटे
author img

By

Published : May 5, 2021, 10:22 PM IST

फरीदाबाद: कोरोना महामारी की वजह से हरियाणा में एक बार फिर से लॉकडाउन लगने के बाद व्यापार जगत पर बुरा असर पड़ा है, खासतौर पर छोटे उद्योगों के सामने एक बार फिर से मुसीबत खड़ी हो गई है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से बहुत से उद्योग पहले ही बंद हो चुके हैं और जो चल रहे हैं वहां काम करने के लिए कुशल कामगारों की कमी है. अब आलम ये है कि बहुत सी छोटी फैक्ट्रियों पर कभी भी ताला लग सकता है.

डीएलएफ इंडस्ट्रीज के प्रेसिडेंट जेपी मल्होत्रा का कहना है कि साल 2020 में लॉकडाउन के बाद जैसे तैसे छोटे उद्योगों ने अपने आप को संभाला लेकिन इस वर्ष फिर से वही स्थिति पैदा हो गई है और कुशल कामगारों की कमी के चलते छोटे उद्योगों पर संकट मंडरा रहा है. उनका कहना है कि हमारी तरफ से मजदूरों को यहां रोकने की पूरी कोशिश की जा रही है.

कोरोना की दूसरी लहर ने फिर चौपट किए छोटे उद्योग, घर गए कामगार वापस ही नहीं लौटे

ये भी पढ़ें: कोरोना की दूसरी लहर में छोटे दुकानदार हुए बेहाल, पहुंचे वहीं जहां खड़े थे एक साल पहले

जेपी मल्होत्रा का कहना है कि इन उद्योगों में प्रोडक्शन चाहे पहले जितना नहीं हो रहा हो लेकिन फैक्ट्रियों के बिजली का बिल और किराए के साथ-साथ मजदूरों का वेतन सहित अन्य खर्चे छोटे कारोबारियों के सामने खड़े हुए हैं.

फरीदाबाद में बहुत सारे उद्योग ऐसे हैं जो गर्मियों के सीजन का माल जैसे, कूलर, पंखा सहित दूसरे सामान तैयार करते हैं. लेकिन अब लेबर के ना मिलने से गर्मियों के मौसम में वो माल तैयार नहीं कर पा रहे हैं जो कि लघु उद्योगों के लिए सबसे बड़ी समस्या बन चुका है.

ये भी पढ़ें: मंदी की मार झेल रहे कपड़ा व्यापारी, बोले- यही हाल रहा तो आत्महत्या के लिए हो जाएंगे मजबूर

बता दें कि फरीदाबाद में करीब 25,000 छोटे और बड़े उद्योग हैं, इसमें से 15,000 के करीब लघु उद्योग है जो बड़े उद्योगों के ऑर्डर पर माल तैयार करने में उनकी मदद करते हैं. अब ऐसे में लॉकडाउन लग जाने के कारण पहले ही बड़े उद्योगों को दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है. फैक्ट्री के मालिकों का कहना है कि पिछले वर्ष पलायन कर चुके मजदूरों में बहुत कम मजदूर वापस आए हैं और उनमें से भी कई मजदूर इतने कुशल नहीं है की वो बहतर तरीके से काम कर सकें.

व्यापारियों का ये भी कहना है कि लेबर की कमी की वजह से सेल्स डिपार्टमेंट पर भी फर्क पड़ रहा है. वो अपनी फैक्ट्री से माल को तय समय में डिस्ट्रीब्यूटर तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: अंबाला: सराफा व्यापारियों पर लॉकडाउन की मार, अनलॉक 3.0 में भी नहीं मिली राहत

कुशल कामगारों की कमी के चलते छोटे उद्योगों में समय पर माल तैयार नहीं हो रहा है और अब इन व्यापारियों को डर है कि अगर आगे भी ये ही स्थिति रही तो कही उनकी फैक्ट्रियों पर ताला न लग जाए.

फरीदाबाद: कोरोना महामारी की वजह से हरियाणा में एक बार फिर से लॉकडाउन लगने के बाद व्यापार जगत पर बुरा असर पड़ा है, खासतौर पर छोटे उद्योगों के सामने एक बार फिर से मुसीबत खड़ी हो गई है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से बहुत से उद्योग पहले ही बंद हो चुके हैं और जो चल रहे हैं वहां काम करने के लिए कुशल कामगारों की कमी है. अब आलम ये है कि बहुत सी छोटी फैक्ट्रियों पर कभी भी ताला लग सकता है.

डीएलएफ इंडस्ट्रीज के प्रेसिडेंट जेपी मल्होत्रा का कहना है कि साल 2020 में लॉकडाउन के बाद जैसे तैसे छोटे उद्योगों ने अपने आप को संभाला लेकिन इस वर्ष फिर से वही स्थिति पैदा हो गई है और कुशल कामगारों की कमी के चलते छोटे उद्योगों पर संकट मंडरा रहा है. उनका कहना है कि हमारी तरफ से मजदूरों को यहां रोकने की पूरी कोशिश की जा रही है.

कोरोना की दूसरी लहर ने फिर चौपट किए छोटे उद्योग, घर गए कामगार वापस ही नहीं लौटे

ये भी पढ़ें: कोरोना की दूसरी लहर में छोटे दुकानदार हुए बेहाल, पहुंचे वहीं जहां खड़े थे एक साल पहले

जेपी मल्होत्रा का कहना है कि इन उद्योगों में प्रोडक्शन चाहे पहले जितना नहीं हो रहा हो लेकिन फैक्ट्रियों के बिजली का बिल और किराए के साथ-साथ मजदूरों का वेतन सहित अन्य खर्चे छोटे कारोबारियों के सामने खड़े हुए हैं.

फरीदाबाद में बहुत सारे उद्योग ऐसे हैं जो गर्मियों के सीजन का माल जैसे, कूलर, पंखा सहित दूसरे सामान तैयार करते हैं. लेकिन अब लेबर के ना मिलने से गर्मियों के मौसम में वो माल तैयार नहीं कर पा रहे हैं जो कि लघु उद्योगों के लिए सबसे बड़ी समस्या बन चुका है.

ये भी पढ़ें: मंदी की मार झेल रहे कपड़ा व्यापारी, बोले- यही हाल रहा तो आत्महत्या के लिए हो जाएंगे मजबूर

बता दें कि फरीदाबाद में करीब 25,000 छोटे और बड़े उद्योग हैं, इसमें से 15,000 के करीब लघु उद्योग है जो बड़े उद्योगों के ऑर्डर पर माल तैयार करने में उनकी मदद करते हैं. अब ऐसे में लॉकडाउन लग जाने के कारण पहले ही बड़े उद्योगों को दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है. फैक्ट्री के मालिकों का कहना है कि पिछले वर्ष पलायन कर चुके मजदूरों में बहुत कम मजदूर वापस आए हैं और उनमें से भी कई मजदूर इतने कुशल नहीं है की वो बहतर तरीके से काम कर सकें.

व्यापारियों का ये भी कहना है कि लेबर की कमी की वजह से सेल्स डिपार्टमेंट पर भी फर्क पड़ रहा है. वो अपनी फैक्ट्री से माल को तय समय में डिस्ट्रीब्यूटर तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: अंबाला: सराफा व्यापारियों पर लॉकडाउन की मार, अनलॉक 3.0 में भी नहीं मिली राहत

कुशल कामगारों की कमी के चलते छोटे उद्योगों में समय पर माल तैयार नहीं हो रहा है और अब इन व्यापारियों को डर है कि अगर आगे भी ये ही स्थिति रही तो कही उनकी फैक्ट्रियों पर ताला न लग जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.