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हरियाणा की बेटी ने कॉर्क के पेड़ को चमड़े का स्थायी विकल्प बना शुरू किया स्टार्टअप, पर्यावरण बचाने के साथ महिलाओं को दे रही रोजगार

चमड़ा आज हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, लेकिन इस चमड़े से आपको नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं. ये शायद ही आपने सोचा होगा. चमड़े की वजह से पशुओं की हत्या तो होती ही है, साथ में पर्यावरण को भी नुकसान होता है. इसी को ध्यान में रख हरियाणा की बेटी आरती ने पर्यावरण को बचने के लिए अनोखा स्टार्टअप शुरू किया. आज आरती दूसरों के लिए मिसाल बनी हैं.

Aarti startup making leather products
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Published : Apr 1, 2022, 10:45 PM IST

फरीदाबाद: हरियाणा के रोहतक जिले की रहने वाली आरती ने साल 2018-19 में कॉर्क के पेड़ की छाल से चमड़े और प्लास्टिक का स्थायी विकल्प तलाश कर उत्पाद बनाने शुरू किए. आज इस स्टॉर्टअप (Aarti startup making leather products) के जरिए आरती अपनी अलग पहचान बनाकर दूसरों के लिए मिसाल बनी हुई हैं. आरती ने साल 2015 में हिमाचल नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन डिजाइनिंग से डिजाइनिंग में अपनी ग्रेजुएशन पूरी की जिसके बाद उन्होंने भारतीय क्राफ्ट के साथ मिलकर काम करने की शुरुआत की.

आरती ने बताया कि चमड़े से बने उत्पादों को देखकर उनको इस बात का बुरा लगा कि इनको बनाने के लिए पशुओं को मारा जाता है. इसलिए चमड़े का कोई विकल्प तलाशा जाए. जिससे पशुओं ना तो पशुओं को मारना पड़े और ना ही पर्यावरण को कोई नुकसान पहुंचे. इसी सोच को लेकर आरती ने रिसर्च शुरु किया. करीब दो साल की रिसर्च के बाद साल 2018-19 में आरती ने स्टार्टअप की शुरुआत (startup making leather products) की.

हरियाणा की बेटी ने कॉर्क के पेड़ को चमड़े का स्थायी विकल्प बना शुरू किया स्टार्टअप

करीब 60 महिलाओं को दे चुकी रोजगार: आरती ने कॉर्क पेड़ की छाल से भारतीय क्राफ्ट के साथ मिलकर कई प्रकार के उत्पाद (Cork tree bark products) जैसे पर्स, बेल्ट, प्लेट, टेबल मैट, गमले और कंप्यूटर के माउस पैड को बनाया. आरती का ये आइडिया कामयाब रहा. कॉर्क के पड़े के की छाल से बने उत्पाद चमड़े की तरह दिखते हैं. इस स्टार्टअप के जरिए आरती करीब 60 महिलाओं को रोजगार दे चुकी हैं. हाउस वाइफ छोटे स्तर पर इस काम को आसानी से कर सकती हैं. 10 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक के बीच इस स्टार्टअप को शुरू किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- 8वीं पास कलाकार ने बनाई ऐसी 'दिव्य दृष्टि' कलाकृति, 5 सेकेंड देखने पर ईश्वर साधना में हो जायेंगे लीन !

आरती ने कॉर्क से ढूंढ़ा चमड़े का विकल्प: कॉर्क एक पेड़ होता है. जिसकी छाल काफी मोटी होती है. उसे उतार कर ये उत्पाद बनाए जाते हैं. ये उत्पाद पूरी तरह से शाकाहारी ब्रांड है. जो जानवरों के चमड़े और प्लास्टिक के लिए स्थाई विकल्प के तौर पर मौजूद हैं. आरती ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जब हम चमड़े से बने किसी भी उत्पाद को तैयार करते हैं, तो उसे प्रोसेस करते समय हवा, पानी और मिट्टी को भारी नुकसान पहुंचता है. जो मानवता के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है. चमड़े से कोई भी लग्जरी आइटम बनाते समय बहुत अधिक मात्रा में कार्बन उत्सर्जन होता है. जो पर्यावरण और मानव जीवन के लिए बहुत खतरनाक है.

Aarti startup making leather products
कॉर्क के पेड़ की छाल से बनाए जाते हैं चमड़े के उत्पाद

अगर बात कॉर्क से बने उत्पादों की करें तो इनसे पर्यावरण को नुकसान ना के बराबर होता है. एक तो इस प्रक्रिया में किसी भी जीव को नहीं मारना पड़ता. दूसरा इसके लिए कोई पेड़ भी काटना नहीं पड़ता, क्योंकि ये उत्पाद पेड़ की छाल से तैयार किए जाते हैं. एक बार छाल उतारने के बाद 5 साल में पेड़ इसे रिग्रो कर लेता है. सबसे बड़ी बात कॉर्क से बने उत्पाद फेंकने के बाद मिट्टी में मिल जाते हैं. ये खाद का काम करते हैं. इसलिए ये पर्यावरण के लिहाज से काफी अहम हो जाते हैं.

ये भी पढ़ें- पं. बंगाल के युवा शिल्पकार ने केले के बेकार तने को बनाया रोजगार का जरिया, हर माह कर रहे हजारों की कमाई

कॉर्क के पेड़ की खासियात: कॉर्क के पेड़ पुर्तगाल और स्पेन के आसपास होते हैं. इसके लिए समुद्र के नजदीक कम गर्मी का तापमान होना चाहिए, साथ ही वातावरण में आर्द्रता होनी चाहिए. इसके उत्पाद बनाने के लिए पेड़ को काटने की जरूरत नहीं होती, बल्कि उसकी छाल उतारी जाती है और इसकी छाल उतारने के बाद वो पेड़ और अधिक मात्रा में कार्बन ऑक्साइड को अपने अंदर सोखता है. कॉर्क एक बहुत ही महत्वपूर्ण मेटेरियल है. इसकी लकड़ी को हवाई जहाज तथा स्पेसक्राफ्ट में भी इस्तेमाल किया जाता है. ये वजन में बहुत ही हल्का होता है और 200 डिग्री सेल्सियस तक हीट को बर्दाश्त कर सकता है. इसमें इंसुलेशन प्रॉपर्टी होती है, साथ ही ये वाइब्रेशन और साउंड को भी एबजोर्ब करता है. पहले दवाइयों की शीशी पर कॉर्क के ही ढक्कन लगे होते थे. इसके अलावा महंगी ब्रांड की शराब की बोतल पर केवल कॉर्क का ढक्कन होता है.

ये भी पढ़ें- मंदिर में चढ़ाये गए फूलों से हरियाणा की महिला ने शुरू किया अनोखा स्टार्टअप, देशभर में 500 महिलाओं को दिया रोजगार

आरती ने बताया कि आज वो इंडिया ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल स्तर पर अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेच रही हैं. उनके बनाए गए उत्पाद की कीमत 350 रुपये से शुरू होकर 5 हजार रुपये तक है. आरती ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि अलग-अलग जगह पर उनके कार्यालय हैं. साल 2021 में उनका सालाना टर्नओवर करीब 27 लाख रुपये रहा. देश की अलग-अलग क्राफ्ट के साथ मिलकर वो विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार कर रही हैं. उनके उत्पाद लोगों को भी खूब पसंद आ रहे हैं. उनकी कंपनी का नाम किर्गिति डिजाइनर है. पूरी कंपनी का काम आरती अकेले देख रही हैं, जबकि उनके परिवार के अन्य सदस्य कंपनी में शेयर होल्डर के तौर पर हैं.

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फरीदाबाद: हरियाणा के रोहतक जिले की रहने वाली आरती ने साल 2018-19 में कॉर्क के पेड़ की छाल से चमड़े और प्लास्टिक का स्थायी विकल्प तलाश कर उत्पाद बनाने शुरू किए. आज इस स्टॉर्टअप (Aarti startup making leather products) के जरिए आरती अपनी अलग पहचान बनाकर दूसरों के लिए मिसाल बनी हुई हैं. आरती ने साल 2015 में हिमाचल नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन डिजाइनिंग से डिजाइनिंग में अपनी ग्रेजुएशन पूरी की जिसके बाद उन्होंने भारतीय क्राफ्ट के साथ मिलकर काम करने की शुरुआत की.

आरती ने बताया कि चमड़े से बने उत्पादों को देखकर उनको इस बात का बुरा लगा कि इनको बनाने के लिए पशुओं को मारा जाता है. इसलिए चमड़े का कोई विकल्प तलाशा जाए. जिससे पशुओं ना तो पशुओं को मारना पड़े और ना ही पर्यावरण को कोई नुकसान पहुंचे. इसी सोच को लेकर आरती ने रिसर्च शुरु किया. करीब दो साल की रिसर्च के बाद साल 2018-19 में आरती ने स्टार्टअप की शुरुआत (startup making leather products) की.

हरियाणा की बेटी ने कॉर्क के पेड़ को चमड़े का स्थायी विकल्प बना शुरू किया स्टार्टअप

करीब 60 महिलाओं को दे चुकी रोजगार: आरती ने कॉर्क पेड़ की छाल से भारतीय क्राफ्ट के साथ मिलकर कई प्रकार के उत्पाद (Cork tree bark products) जैसे पर्स, बेल्ट, प्लेट, टेबल मैट, गमले और कंप्यूटर के माउस पैड को बनाया. आरती का ये आइडिया कामयाब रहा. कॉर्क के पड़े के की छाल से बने उत्पाद चमड़े की तरह दिखते हैं. इस स्टार्टअप के जरिए आरती करीब 60 महिलाओं को रोजगार दे चुकी हैं. हाउस वाइफ छोटे स्तर पर इस काम को आसानी से कर सकती हैं. 10 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक के बीच इस स्टार्टअप को शुरू किया जा सकता है.

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आरती ने कॉर्क से ढूंढ़ा चमड़े का विकल्प: कॉर्क एक पेड़ होता है. जिसकी छाल काफी मोटी होती है. उसे उतार कर ये उत्पाद बनाए जाते हैं. ये उत्पाद पूरी तरह से शाकाहारी ब्रांड है. जो जानवरों के चमड़े और प्लास्टिक के लिए स्थाई विकल्प के तौर पर मौजूद हैं. आरती ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जब हम चमड़े से बने किसी भी उत्पाद को तैयार करते हैं, तो उसे प्रोसेस करते समय हवा, पानी और मिट्टी को भारी नुकसान पहुंचता है. जो मानवता के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है. चमड़े से कोई भी लग्जरी आइटम बनाते समय बहुत अधिक मात्रा में कार्बन उत्सर्जन होता है. जो पर्यावरण और मानव जीवन के लिए बहुत खतरनाक है.

Aarti startup making leather products
कॉर्क के पेड़ की छाल से बनाए जाते हैं चमड़े के उत्पाद

अगर बात कॉर्क से बने उत्पादों की करें तो इनसे पर्यावरण को नुकसान ना के बराबर होता है. एक तो इस प्रक्रिया में किसी भी जीव को नहीं मारना पड़ता. दूसरा इसके लिए कोई पेड़ भी काटना नहीं पड़ता, क्योंकि ये उत्पाद पेड़ की छाल से तैयार किए जाते हैं. एक बार छाल उतारने के बाद 5 साल में पेड़ इसे रिग्रो कर लेता है. सबसे बड़ी बात कॉर्क से बने उत्पाद फेंकने के बाद मिट्टी में मिल जाते हैं. ये खाद का काम करते हैं. इसलिए ये पर्यावरण के लिहाज से काफी अहम हो जाते हैं.

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कॉर्क के पेड़ की खासियात: कॉर्क के पेड़ पुर्तगाल और स्पेन के आसपास होते हैं. इसके लिए समुद्र के नजदीक कम गर्मी का तापमान होना चाहिए, साथ ही वातावरण में आर्द्रता होनी चाहिए. इसके उत्पाद बनाने के लिए पेड़ को काटने की जरूरत नहीं होती, बल्कि उसकी छाल उतारी जाती है और इसकी छाल उतारने के बाद वो पेड़ और अधिक मात्रा में कार्बन ऑक्साइड को अपने अंदर सोखता है. कॉर्क एक बहुत ही महत्वपूर्ण मेटेरियल है. इसकी लकड़ी को हवाई जहाज तथा स्पेसक्राफ्ट में भी इस्तेमाल किया जाता है. ये वजन में बहुत ही हल्का होता है और 200 डिग्री सेल्सियस तक हीट को बर्दाश्त कर सकता है. इसमें इंसुलेशन प्रॉपर्टी होती है, साथ ही ये वाइब्रेशन और साउंड को भी एबजोर्ब करता है. पहले दवाइयों की शीशी पर कॉर्क के ही ढक्कन लगे होते थे. इसके अलावा महंगी ब्रांड की शराब की बोतल पर केवल कॉर्क का ढक्कन होता है.

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आरती ने बताया कि आज वो इंडिया ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल स्तर पर अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेच रही हैं. उनके बनाए गए उत्पाद की कीमत 350 रुपये से शुरू होकर 5 हजार रुपये तक है. आरती ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि अलग-अलग जगह पर उनके कार्यालय हैं. साल 2021 में उनका सालाना टर्नओवर करीब 27 लाख रुपये रहा. देश की अलग-अलग क्राफ्ट के साथ मिलकर वो विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार कर रही हैं. उनके उत्पाद लोगों को भी खूब पसंद आ रहे हैं. उनकी कंपनी का नाम किर्गिति डिजाइनर है. पूरी कंपनी का काम आरती अकेले देख रही हैं, जबकि उनके परिवार के अन्य सदस्य कंपनी में शेयर होल्डर के तौर पर हैं.

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