फरीदाबाद: अगर दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो चाहे लाख मुश्किल ही क्यों न आ जाए इंसान अपनी मंजिल को पा ही लेता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बल्लभगढ़ के रहने वाले रंजीत भाटी (Ranjit Bhati) ने. जिन्होंने अपनी कड़ी महनत के बलबूते पर टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics 2021) में जगह बनाई है. रंजीत टोक्यो में भाला फेंक प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. जापान के टोक्यो में 24 अगस्त से पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) शुरू हो जाएगा और 5 सितंबर तक चलेगा जिसमें 28 अगस्त को रंजीत भाला फेंक प्रतियोगिता में भाग लेंगे. उन्हें उम्मीद है कि वो देश के लिए गोल्ड जरूर जीतेंगे.
रंजीत का टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) तक का सफर आसान नहीं था. दरअसल रंजीत 2012 में एक सड़क हादसे का शिकार हो गए थे. जिसके बाद वो 1 महीने तक वेंटिलेटर पर रहे और उनका बच पाना मुश्किल था. लेकिन भगवान ने उनके परिवार की प्रार्थना सुन ली और वो 1 महीने बाद ठीक होकर अपने घर आ गए. लेकिन उन्हें पूरी तरह से ठीक होने में 2 साल लग गए. सड़क दुर्घटना में दाएं पैर में चोट लगने की वजह से वो सामान्य व्यक्तियों की तरह चल नहीं पाते थे. लेकिन रंजीत ने अपनी इस कमजोरी को ही अपनी ताकत बना लिया.
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आपको बता दें कि रंजीत पहले नौकरी करते थे, लेकिन सड़क दुर्घटना के बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर खेलों में आने का फैसला किया. रंजीत महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने भी धोनी की तरह नौकरी छोड़ अपने सपने को साकार करने में जुट गए. हालांकि नौकरी छोड़ने के फैसले से उनके माता-पिता बिल्कुल खुश नहीं थे. उनके परिवार की आर्थिक हालत भी इतनी अच्छी नहीं थी जिस वजह से रंजीत के नौकरी छोड़ते ही परिजन काफी नाराज हो गए.
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वहीं रंजीत भाटी के कोच कृष्ण कुमार पालीवाल को भी रंजीत पर पूरा विश्वास है. उन्होंने कहा कि रंजीत जी-जान लगाकर मेहनत कर रहा है. भगवान ने चाहा तो इस बार पैरालंपिक में वो देश के लिए गोल्ड मेडल जरूर जीतेंगे.