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धोनी की राह पर फरीदाबाद का रंजीत सिंह भाटी, नौकरी छोड़कर खेल को चुना, टोक्यो पैरालंपिक में किया क्वालीफाई

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Published : Jul 29, 2021, 1:23 PM IST

Updated : Jul 29, 2021, 1:56 PM IST

फरीदाबाद (Faridabad) के रंजीत सिंह भाटी अगले महीने जापान के टोक्यो में होने वाले पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) में हिस्सा लेंगे. रंजीत यहां भाला फेंक प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. लेकिन रंजीत भाटी का टोक्यो तक का सफर इतना आसान नहीं था. उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) से प्रेरित होकर खेलों को चुना और आज वो इस मुकाम को हालिस कर पाएं है.

Faridabad Ranjit Bhati qualify Tokyo Paralympics
धोनी का राह पर फरीदाबाद का रंजीत सिंह भाटी, नौकरी छोड़कर खेल को चुना, पैरालंपिक में किया क्वालीफाई

फरीदाबाद: अगर दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो चाहे लाख मुश्किल ही क्यों न आ जाए इंसान अपनी मंजिल को पा ही लेता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बल्लभगढ़ के रहने वाले रंजीत भाटी (Ranjit Bhati) ने. जिन्होंने अपनी कड़ी महनत के बलबूते पर टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics 2021) में जगह बनाई है. रंजीत टोक्यो में भाला फेंक प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. जापान के टोक्यो में 24 अगस्त से पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) शुरू हो जाएगा और 5 सितंबर तक चलेगा जिसमें 28 अगस्त को रंजीत भाला फेंक प्रतियोगिता में भाग लेंगे. उन्हें उम्मीद है कि वो देश के लिए गोल्ड जरूर जीतेंगे.

रंजीत का टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) तक का सफर आसान नहीं था. दरअसल रंजीत 2012 में एक सड़क हादसे का शिकार हो गए थे. जिसके बाद वो 1 महीने तक वेंटिलेटर पर रहे और उनका बच पाना मुश्किल था. लेकिन भगवान ने उनके परिवार की प्रार्थना सुन ली और वो 1 महीने बाद ठीक होकर अपने घर आ गए. लेकिन उन्हें पूरी तरह से ठीक होने में 2 साल लग गए. सड़क दुर्घटना में दाएं पैर में चोट लगने की वजह से वो सामान्य व्यक्तियों की तरह चल नहीं पाते थे. लेकिन रंजीत ने अपनी इस कमजोरी को ही अपनी ताकत बना लिया.

धोनी का राह पर फरीदाबाद का रंजीत सिंह भाटी, नौकरी छोड़कर खेल को चुना, पैरालंपिक में किया क्वालीफाई

ये भी पढ़ें: Tokyo Olympics 2020, Day 7: पीवी सिंधु ने डेनमार्क की खिलाड़ी को 2-0 से हराकर किया क्वार्टर फाइनल में क्वालीफाई

आपको बता दें कि रंजीत पहले नौकरी करते थे, लेकिन सड़क दुर्घटना के बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर खेलों में आने का फैसला किया. रंजीत महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने भी धोनी की तरह नौकरी छोड़ अपने सपने को साकार करने में जुट गए. हालांकि नौकरी छोड़ने के फैसले से उनके माता-पिता बिल्कुल खुश नहीं थे. उनके परिवार की आर्थिक हालत भी इतनी अच्छी नहीं थी जिस वजह से रंजीत के नौकरी छोड़ते ही परिजन काफी नाराज हो गए.

Faridabad Ranjit Bhati qualify Tokyo Paralympics
इन प्रतियोगिताओं में दिखा चुके हैं अपना दम

ये भी पढ़ें: Tokyo Olympics 2020, Day 7: सतीश कुमार 91 किलो भारवर्ग में 4-1 से एकतरफा जीते

वहीं रंजीत भाटी के कोच कृष्ण कुमार पालीवाल को भी रंजीत पर पूरा विश्वास है. उन्होंने कहा कि रंजीत जी-जान लगाकर मेहनत कर रहा है. भगवान ने चाहा तो इस बार पैरालंपिक में वो देश के लिए गोल्ड मेडल जरूर जीतेंगे.

फरीदाबाद: अगर दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो चाहे लाख मुश्किल ही क्यों न आ जाए इंसान अपनी मंजिल को पा ही लेता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बल्लभगढ़ के रहने वाले रंजीत भाटी (Ranjit Bhati) ने. जिन्होंने अपनी कड़ी महनत के बलबूते पर टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics 2021) में जगह बनाई है. रंजीत टोक्यो में भाला फेंक प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. जापान के टोक्यो में 24 अगस्त से पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) शुरू हो जाएगा और 5 सितंबर तक चलेगा जिसमें 28 अगस्त को रंजीत भाला फेंक प्रतियोगिता में भाग लेंगे. उन्हें उम्मीद है कि वो देश के लिए गोल्ड जरूर जीतेंगे.

रंजीत का टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) तक का सफर आसान नहीं था. दरअसल रंजीत 2012 में एक सड़क हादसे का शिकार हो गए थे. जिसके बाद वो 1 महीने तक वेंटिलेटर पर रहे और उनका बच पाना मुश्किल था. लेकिन भगवान ने उनके परिवार की प्रार्थना सुन ली और वो 1 महीने बाद ठीक होकर अपने घर आ गए. लेकिन उन्हें पूरी तरह से ठीक होने में 2 साल लग गए. सड़क दुर्घटना में दाएं पैर में चोट लगने की वजह से वो सामान्य व्यक्तियों की तरह चल नहीं पाते थे. लेकिन रंजीत ने अपनी इस कमजोरी को ही अपनी ताकत बना लिया.

धोनी का राह पर फरीदाबाद का रंजीत सिंह भाटी, नौकरी छोड़कर खेल को चुना, पैरालंपिक में किया क्वालीफाई

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आपको बता दें कि रंजीत पहले नौकरी करते थे, लेकिन सड़क दुर्घटना के बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर खेलों में आने का फैसला किया. रंजीत महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने भी धोनी की तरह नौकरी छोड़ अपने सपने को साकार करने में जुट गए. हालांकि नौकरी छोड़ने के फैसले से उनके माता-पिता बिल्कुल खुश नहीं थे. उनके परिवार की आर्थिक हालत भी इतनी अच्छी नहीं थी जिस वजह से रंजीत के नौकरी छोड़ते ही परिजन काफी नाराज हो गए.

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वहीं रंजीत भाटी के कोच कृष्ण कुमार पालीवाल को भी रंजीत पर पूरा विश्वास है. उन्होंने कहा कि रंजीत जी-जान लगाकर मेहनत कर रहा है. भगवान ने चाहा तो इस बार पैरालंपिक में वो देश के लिए गोल्ड मेडल जरूर जीतेंगे.

Last Updated : Jul 29, 2021, 1:56 PM IST
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