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फरीदाबाद में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, 16 हजार 986 केसों का आपसी सहमति से हुआ निपटारा

Lok Adalat in Faridabad: फरीदाबाद में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गईं. इन अदालतों में दोनों पक्षों की सहमति से 16 हजार 986 केसों का निपटारा मौके पर ही कर दिया गया.

Lok Adalat in Faridabad
Lok Adalat in Faridabad
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 9, 2023, 8:07 PM IST

फरीदाबाद: हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के जज के दिशा निर्देशानुसार हरियाणा में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. फरीदाबाद के सत्र न्यायाधीश एवं चेयरमैन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संदीप गर्ग की अध्यक्षता में जिले के सेक्टर 12 में ये राष्ट्रीय लोक अदालतें लगाई गईं. जहां 32325 केस रखे गए.

लोक अदालतों में कुल 16 हजार 986 केसों का निपटारा आपसी सहमति से किया गया. इन केसों में प्रमुख रूप से मोटर व्हीकल दुर्घनटा के 40, 2196 छोटे-मोटे अपराधिक मामले, 664 चेक बाउंस, बिजली से संबंधित 1018, समरी चालान 6400, श्रमिक विवाद के 9 केस समेत 118 वैवाहिक संबंधित, दीवानी 678, बैंक रिकवरी 517 और रेवेन्यू 5296 का निपटारा आपसी सहमति से किया गया. सभी व्यक्ति अपने-अपने कैस के फैसले से संतुष्ट होकर वापस चले गए.

Lok Adalat in Faridabad
फरीदाबाद में लोक अदालत का आयोजन.

राष्ट्रीय लोक अदालत में रखे गए केसों का निपटारा आपसी सहमति से अदालतों द्वारा किया जाता है. जिनमें दुर्घटना, छोटे-मोटे अपराधिक मामले, चेक बाउंस, बिजली और वैवाहिक संबंधित केस शामिल होते हैं. इसके अलावा दीवानी, बैंक रिकवरी, रेवेन्यू के केसों का निपटारा भी आपसी सहमति से किया जाता है. लोक अदालतों में ऐसे केसों के निपटारे से समय और धन की बचत होती है.

सीजेएम सुकीर्ति गोयल ने बताया कि लोक अदालत में केस का फैसला होने पर सुप्रीम कोर्ट तक कोई अपील नहीं होती. इसके बाद कोर्ट फीस वापस हो जाती है. साथ ही केस का फैसला हमेशा-हमेशा के लिए हो जाता है. जिससे पैसे और समय दोनों की बचत होती है. आपसी सहमति होने पर दोनों पक्षों में भाईचारा भी बना रहता है.

ये भी पढ़ें- लोक अदालत का बड़ा फैसला: सड़क हादसे में हुई मौत मामले में पीड़ित परिजनों को 82 लाख रुपये देगी इंश्योरेंस कंपनी

ये भी पढ़ें- Road accident compensation: सड़क हादसे में मारीं गईं असिस्टेंट इंजीनियर को 1.75 करोड़ रुपये का मुआवजा

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लोक अदालतों में कुल 16 हजार 986 केसों का निपटारा आपसी सहमति से किया गया. इन केसों में प्रमुख रूप से मोटर व्हीकल दुर्घनटा के 40, 2196 छोटे-मोटे अपराधिक मामले, 664 चेक बाउंस, बिजली से संबंधित 1018, समरी चालान 6400, श्रमिक विवाद के 9 केस समेत 118 वैवाहिक संबंधित, दीवानी 678, बैंक रिकवरी 517 और रेवेन्यू 5296 का निपटारा आपसी सहमति से किया गया. सभी व्यक्ति अपने-अपने कैस के फैसले से संतुष्ट होकर वापस चले गए.

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फरीदाबाद में लोक अदालत का आयोजन.

राष्ट्रीय लोक अदालत में रखे गए केसों का निपटारा आपसी सहमति से अदालतों द्वारा किया जाता है. जिनमें दुर्घटना, छोटे-मोटे अपराधिक मामले, चेक बाउंस, बिजली और वैवाहिक संबंधित केस शामिल होते हैं. इसके अलावा दीवानी, बैंक रिकवरी, रेवेन्यू के केसों का निपटारा भी आपसी सहमति से किया जाता है. लोक अदालतों में ऐसे केसों के निपटारे से समय और धन की बचत होती है.

सीजेएम सुकीर्ति गोयल ने बताया कि लोक अदालत में केस का फैसला होने पर सुप्रीम कोर्ट तक कोई अपील नहीं होती. इसके बाद कोर्ट फीस वापस हो जाती है. साथ ही केस का फैसला हमेशा-हमेशा के लिए हो जाता है. जिससे पैसे और समय दोनों की बचत होती है. आपसी सहमति होने पर दोनों पक्षों में भाईचारा भी बना रहता है.

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