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फरीदाबाद में कोरोना के बीच इस खतरनाक बीमारी ने दी दस्तक, 20 बच्चों में हुई पुष्टि

फरीदाबाद में मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम (Multi System Inflammatory Syndrome) ने दस्तक दे दी है. शहर में 20 बच्चों में इस वायरस की पुष्टि हो चुकी है. ये सभी वो बच्चे हैं जो कोरोना वायरस को मात देकर ठीक हो चुके हैं.

Multi System Inflammatory Syndrome
Multi System Inflammatory Syndrome
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Published : May 30, 2021, 10:20 PM IST

फरीदाबाद: कोरोना दूसरी लहर के बीच फरीदाबाद में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS-C) को लेकर परिवारों में दहशत है. ये दहशत उन परिवारों में है जिनके बच्चे कोरोना से ठीक हो चुके हैं.

स्वास्थ विभाग इस बीमारी को अभी मॉनिटर कर रहा है. स्वास्थ विभाग के मुताबिक कोरोना से ठीक होने के 15 से 20 दिनों में इसके लक्षण दिखाई पड़ते हैं. अधिकतर इसकी चपेट में 6 साल से 15 साल तक के बच्चे आ रहे हैं.

इस बीमारी की अगर बात करें तो बच्चों में सामान्य बुखार, खांसी और जुखाम होता है. जिसके बाद 1 सप्ताह के अंदर में बच्चा ठीक तो हो जाता है, लेकिन फिर से करीब 20 दिन बाद अचानक तेज बुखार चढ़ता है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस बीमारी से बच्चों के मस्तिष्क की मांसपेशियों और आंतरी में सूजन आ जाती है.

ये भी पढ़ें- राहत: हरियाणा में कम हो रही कोरोना संक्रमण की रफ्तार, रविवार को मिले इतने नए मरीज

शहर के अलग-अलग निजी अस्पतालों में बीमार बच्चों का इलाज चल रहा है. ईएसआई मेडिकल कॉलेज के रजिस्ट्रार डॉ. एके पांडे के मुताबिक डॉक्टर आने वाली तीसरी संभावित लहर को लेकर चिंतित हैं. तीसरी लहर को लेकर सैकड़ों डॉक्टरों की टीम वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के साथ अध्ययन कर रही है. डॉक्टर पांडे के मुताबिक तीसरी लहराने की पूरी संभावना है और अभी तक की रिपोर्ट के मुताबिक यह नवंबर तक आ सकती है.

इसके अलावा मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम की बीमारी में इजाफा होने वाला है और तीसरी लहर में बच्चे सबसे ज्यादा इसकी चपेट में होंगे. स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से ठीक हुए बच्चों को लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि यदि उनको बुखार आता है तो वह उसके हल्के में ना लें.

ये भी पढ़ें- अनाथ दिव्यांग का दर्दः जिन्होंने गोद लिया उनकी कोरोना से हो गई मौत, अब सरकार ने उठाया ये कदम

फरीदाबाद: कोरोना दूसरी लहर के बीच फरीदाबाद में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS-C) को लेकर परिवारों में दहशत है. ये दहशत उन परिवारों में है जिनके बच्चे कोरोना से ठीक हो चुके हैं.

स्वास्थ विभाग इस बीमारी को अभी मॉनिटर कर रहा है. स्वास्थ विभाग के मुताबिक कोरोना से ठीक होने के 15 से 20 दिनों में इसके लक्षण दिखाई पड़ते हैं. अधिकतर इसकी चपेट में 6 साल से 15 साल तक के बच्चे आ रहे हैं.

इस बीमारी की अगर बात करें तो बच्चों में सामान्य बुखार, खांसी और जुखाम होता है. जिसके बाद 1 सप्ताह के अंदर में बच्चा ठीक तो हो जाता है, लेकिन फिर से करीब 20 दिन बाद अचानक तेज बुखार चढ़ता है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस बीमारी से बच्चों के मस्तिष्क की मांसपेशियों और आंतरी में सूजन आ जाती है.

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शहर के अलग-अलग निजी अस्पतालों में बीमार बच्चों का इलाज चल रहा है. ईएसआई मेडिकल कॉलेज के रजिस्ट्रार डॉ. एके पांडे के मुताबिक डॉक्टर आने वाली तीसरी संभावित लहर को लेकर चिंतित हैं. तीसरी लहर को लेकर सैकड़ों डॉक्टरों की टीम वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के साथ अध्ययन कर रही है. डॉक्टर पांडे के मुताबिक तीसरी लहराने की पूरी संभावना है और अभी तक की रिपोर्ट के मुताबिक यह नवंबर तक आ सकती है.

इसके अलावा मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम की बीमारी में इजाफा होने वाला है और तीसरी लहर में बच्चे सबसे ज्यादा इसकी चपेट में होंगे. स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से ठीक हुए बच्चों को लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि यदि उनको बुखार आता है तो वह उसके हल्के में ना लें.

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