ETV Bharat / state

खोरी गांव में तोड़फोड़ के बाद अब अरावली में बने अवैध फार्म हाउसों पर होगी कार्रवाई

खोरी गांव में तोड़फोड़ (Khori Village Demolition) के मामले पर कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा (Moolchand Sharma Cabinet Minister) ने कहा कि खोरी गांव में तोड़फोड़ के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए अरावली वन क्षेत्र में बने अवैध फार्म हाउस (Aravali Illegal Farm House) और शिक्षण संस्थानों पर कार्रवाई की जाएगी.

Khori Village Demolition
Khori Village Demolition
author img

By

Published : Jul 31, 2021, 4:42 PM IST

फरीदाबाद: खोरी गांव में तोड़फोड़ (Khori Village Demolition) के मामले पर हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा (Moolchand Sharma Cabinet Minister) ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि खोरी गांव में तोड़फोड़ के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए अरावली वन क्षेत्र में बने अवैध फार्म हाउस (Aravali Illegal Farm House) और शिक्षण संस्थानों पर कार्रवाई की जाएगी. परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने फरीदाबाद सेक्टर 65 में हुए पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान ये बात कही.

मूलचंद शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना करना हरियाणा सरकार का दायित्व है. जल्द ही जिला प्रशासन अरावली वन क्षेत्र पर बने अवैध फार्म हाउसों (illegal farm house aravali) के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रहा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि खोरी गांव में कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई हुई है. जिन लोगों ने अरावली में अवैध रूप से जमीन को कब्जा कर फार्म हाउस बनाए हैं और अरावली में जंगल की जमीन को जिस तरह से बर्बाद किया है. अब समय आ गया है कि उस जमीन को खाली किया जाए. जो जमीन पहले से ही जंगल की थी. उस पर कब्जा करना गलत था.

प्रशासन के मुताबिक जिले में 5,434 हेक्टेयर पीएलपीए नोटिफाइड एरिया है. इसमें से करीब 500 हेक्टेयर में अवैध निर्माण किए गए हैं. करीब 130 अवैध रूप से निर्माण हुए हैं. जिन लोगों ने कोर्ट से स्टे ले रखा था सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब स्टे खुद समाप्त हो गया है. डिप्टी कमिश्नर यशपाल यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश साफ है कि वन क्षेत्र और पीएलपीए नोटिफाइड एरिया में बने सभी अवैध निर्माण हटाए जाएं. ऐसे में जिन लोगों ने इस एरिया में निर्माण कार्य किए हुए हैं उन्हें 4 दिन का समय दिया जा रहा है ताकि वह अपने निर्माण खुद हटा सकें.

ये भी पढ़ें- खोरी गांव के बाद अब अरावली में इन 'फाइव स्टार' फॉर्म हाउसों पर होगी कार्रवाई, जल्द चलेगा बुलडोजर

बता दें कि, पंजाब लैंड प्रिवेंशन एक्ट-1900 (Punjab Land Prevention Act- PLPA) को अंग्रेजों के समय में सन 1900 में तैयार किया गया था, तो उस वक्त ये कानून मिट्टी के कटाव को बचाने के लिए लागू किया गया था. ये अधिनियमन के उस समय संयुक्त पंजाब के लिए लागू किया गया था. जो पूरे हरियाणा राज्य के लिए भी लागू है. इस कानून के अंतर्गत कुछ गतिविधियों पर प्रतिबंध रखा गया है. दक्षिणी क्षेत्र में अरावली की पहाड़ियां शामिल हैं. ये कहा गया था कि यह अधिनियम प्रदेश के कुछ भागों के बेहतर संरक्षण और सुरक्षा प्रदान करने के लिए है. ये एक्ट भूमि के कटाव को रोकने के लिए बनाया गया था, क्योंकि पहले इस प्रकार की सड़कें व नहरें नहीं थी, जो वर्तमान में हैं. इसलिए हरियाणा ने गत वर्ष पीएलपीए में संशोधन किया था.

फरीदाबाद: खोरी गांव में तोड़फोड़ (Khori Village Demolition) के मामले पर हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा (Moolchand Sharma Cabinet Minister) ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि खोरी गांव में तोड़फोड़ के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए अरावली वन क्षेत्र में बने अवैध फार्म हाउस (Aravali Illegal Farm House) और शिक्षण संस्थानों पर कार्रवाई की जाएगी. परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने फरीदाबाद सेक्टर 65 में हुए पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान ये बात कही.

मूलचंद शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना करना हरियाणा सरकार का दायित्व है. जल्द ही जिला प्रशासन अरावली वन क्षेत्र पर बने अवैध फार्म हाउसों (illegal farm house aravali) के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रहा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि खोरी गांव में कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई हुई है. जिन लोगों ने अरावली में अवैध रूप से जमीन को कब्जा कर फार्म हाउस बनाए हैं और अरावली में जंगल की जमीन को जिस तरह से बर्बाद किया है. अब समय आ गया है कि उस जमीन को खाली किया जाए. जो जमीन पहले से ही जंगल की थी. उस पर कब्जा करना गलत था.

प्रशासन के मुताबिक जिले में 5,434 हेक्टेयर पीएलपीए नोटिफाइड एरिया है. इसमें से करीब 500 हेक्टेयर में अवैध निर्माण किए गए हैं. करीब 130 अवैध रूप से निर्माण हुए हैं. जिन लोगों ने कोर्ट से स्टे ले रखा था सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब स्टे खुद समाप्त हो गया है. डिप्टी कमिश्नर यशपाल यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश साफ है कि वन क्षेत्र और पीएलपीए नोटिफाइड एरिया में बने सभी अवैध निर्माण हटाए जाएं. ऐसे में जिन लोगों ने इस एरिया में निर्माण कार्य किए हुए हैं उन्हें 4 दिन का समय दिया जा रहा है ताकि वह अपने निर्माण खुद हटा सकें.

ये भी पढ़ें- खोरी गांव के बाद अब अरावली में इन 'फाइव स्टार' फॉर्म हाउसों पर होगी कार्रवाई, जल्द चलेगा बुलडोजर

बता दें कि, पंजाब लैंड प्रिवेंशन एक्ट-1900 (Punjab Land Prevention Act- PLPA) को अंग्रेजों के समय में सन 1900 में तैयार किया गया था, तो उस वक्त ये कानून मिट्टी के कटाव को बचाने के लिए लागू किया गया था. ये अधिनियमन के उस समय संयुक्त पंजाब के लिए लागू किया गया था. जो पूरे हरियाणा राज्य के लिए भी लागू है. इस कानून के अंतर्गत कुछ गतिविधियों पर प्रतिबंध रखा गया है. दक्षिणी क्षेत्र में अरावली की पहाड़ियां शामिल हैं. ये कहा गया था कि यह अधिनियम प्रदेश के कुछ भागों के बेहतर संरक्षण और सुरक्षा प्रदान करने के लिए है. ये एक्ट भूमि के कटाव को रोकने के लिए बनाया गया था, क्योंकि पहले इस प्रकार की सड़कें व नहरें नहीं थी, जो वर्तमान में हैं. इसलिए हरियाणा ने गत वर्ष पीएलपीए में संशोधन किया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.