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पोलैंड बॉर्डर पर फंसे भारतीय छात्र, पैदल पूरा किया 40 किलोमीटर का सफर...वीडियो जारी कर सुनाया दर्द

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच यूक्रेन के ज्यादातर लोग पोलैंड जाकर शरण ले रहे हैं. वहां फंसे भारतीय छात्र भी यूक्रेन बॉर्डर (Indian students at Poland border) तक पहुंच चुके हैं. भारतीय छात्रों ने वीडियो जारी कर आपबीती सुनाई है.

Indian students trapped in Ukraine
Indian students trapped in Ukraine
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Published : Feb 26, 2022, 10:49 PM IST

फरीदाबाद: रूस और यूक्रेन के बीच तीसरे दिन भी युद्ध जारी रहा. रूस का दावा है कि वो यूक्रेन की राजधानी कीव में घुस चुका है. यूक्रेन के लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं. इस बीच भारत के छात्र भी जान बचाने की जुगत में लगे हैं. यूक्रेन के ज्यादातर लोग पोलैंड जाकर शरण ले रहे हैं. वहां फंसे भारतीय छात्र भी यूक्रेन बॉर्डर (Indian students at Poland border) तक पहुंच चुके हैं. भारतीय छात्रों ने वीडियो जारी कर आपबीती सुनाई है.

छात्रों के मुताबिक हर कोई अपनी जान बचाने के लिए यूक्रेन से पोलैंड की तरफ भाग रहा है. जब छात्रों को कोई रास्ता नहीं मिला तो उन्होंने भी बाकी लोगों के साथ पोलैंड की तरफ जाना सही समझा, लेकिन बॉर्डर तक पहुंचने के लिए भी भारतीय छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. पौलेंड जाने के लिए यूक्रेन (Indian students trapped in Ukraine) के लिए भारी भरकम रकम चुका रहे हैं. भारतीय छात्रों को बॉर्डर पार नहीं करवाया जा रहा.

पोलैंड बॉर्डर तक 40 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे भारतीय छात्र, खाना भी खत्म...सुनें उन्हीं की जुबानी

भारतीय छात्रों को कहा जा रहा है कि आपकी मदद भारत की सरकार ही करेगी. वहीं यूक्रेन फोर्स का कहना है कि जब भारत ही उनकी मदद नहीं कर रहा तो वो छात्रों की मदद नहीं कर सकते. छात्रों के मुताबिक भारतीय छात्र बचने के लिए या तो बंकरों में रह रहे हैं. या फिर किसी दूसरी जगह ठिकाना ढूंढ रहे हैं. पोलैंड में भारतीय दूतावास के संपर्क के बाद हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं पोलैंड बॉर्डर पहुंच गए, लेकिन यहां भी उनको निराशा ही हाथ लगी.

यूक्रेन फोर्स के द्वारा उनको ये कहकर पोलैंड बॉर्डर तक नहीं पहुंचने दिया जा रहा है कि उनके पास किसी प्रकार का कोई आदेश नहीं है. यूक्रेन सेना कह रही है कि जब भारत सरकार हमारी मदद नहीं कर रही है तो ऐसे में हम भी मदद नहीं कर सकते. आलम ये है कि भारतीय छात्र पोलैंड की सीमा तक 40 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करने के बाद पहुंचे हैं. क्योंकि उनको कोई ट्रांसपोर्ट भी नहीं मिल रहा.

ये भी पढ़ें- केंद्र सरकार से साझा की गई यूक्रेन में फंसे हरियाणा के 750 लोगों की डीटेल- सीएम मनोहर लाल खट्टर

अगर कोई ट्रांसपोर्ट मिल भी रहा है तो वो इतनी फीस वसूल रहा है जो छात्रों के पास नहीं है. वीडियो में छात्राएं ये भी कह रही हैं कि यूक्रेन की सेना बॉर्डर क्रॉस करवाने के लिए प्रति छात्र 200 डॉलर की मांग कर रही है. बात यहीं तक सीमित नहीं है. भारतीय छात्रों के पास खाने-पीने के सामान की किल्लत पैदा हो रही है. वहां का तापमान माइनस पांच डिग्री सेल्सियस है. जिससे की ज्यादातर छात्रों की तबीयत खराब हो रही है.उन्हें मेडिकल सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं.

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फरीदाबाद: रूस और यूक्रेन के बीच तीसरे दिन भी युद्ध जारी रहा. रूस का दावा है कि वो यूक्रेन की राजधानी कीव में घुस चुका है. यूक्रेन के लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं. इस बीच भारत के छात्र भी जान बचाने की जुगत में लगे हैं. यूक्रेन के ज्यादातर लोग पोलैंड जाकर शरण ले रहे हैं. वहां फंसे भारतीय छात्र भी यूक्रेन बॉर्डर (Indian students at Poland border) तक पहुंच चुके हैं. भारतीय छात्रों ने वीडियो जारी कर आपबीती सुनाई है.

छात्रों के मुताबिक हर कोई अपनी जान बचाने के लिए यूक्रेन से पोलैंड की तरफ भाग रहा है. जब छात्रों को कोई रास्ता नहीं मिला तो उन्होंने भी बाकी लोगों के साथ पोलैंड की तरफ जाना सही समझा, लेकिन बॉर्डर तक पहुंचने के लिए भी भारतीय छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. पौलेंड जाने के लिए यूक्रेन (Indian students trapped in Ukraine) के लिए भारी भरकम रकम चुका रहे हैं. भारतीय छात्रों को बॉर्डर पार नहीं करवाया जा रहा.

पोलैंड बॉर्डर तक 40 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे भारतीय छात्र, खाना भी खत्म...सुनें उन्हीं की जुबानी

भारतीय छात्रों को कहा जा रहा है कि आपकी मदद भारत की सरकार ही करेगी. वहीं यूक्रेन फोर्स का कहना है कि जब भारत ही उनकी मदद नहीं कर रहा तो वो छात्रों की मदद नहीं कर सकते. छात्रों के मुताबिक भारतीय छात्र बचने के लिए या तो बंकरों में रह रहे हैं. या फिर किसी दूसरी जगह ठिकाना ढूंढ रहे हैं. पोलैंड में भारतीय दूतावास के संपर्क के बाद हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं पोलैंड बॉर्डर पहुंच गए, लेकिन यहां भी उनको निराशा ही हाथ लगी.

यूक्रेन फोर्स के द्वारा उनको ये कहकर पोलैंड बॉर्डर तक नहीं पहुंचने दिया जा रहा है कि उनके पास किसी प्रकार का कोई आदेश नहीं है. यूक्रेन सेना कह रही है कि जब भारत सरकार हमारी मदद नहीं कर रही है तो ऐसे में हम भी मदद नहीं कर सकते. आलम ये है कि भारतीय छात्र पोलैंड की सीमा तक 40 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करने के बाद पहुंचे हैं. क्योंकि उनको कोई ट्रांसपोर्ट भी नहीं मिल रहा.

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अगर कोई ट्रांसपोर्ट मिल भी रहा है तो वो इतनी फीस वसूल रहा है जो छात्रों के पास नहीं है. वीडियो में छात्राएं ये भी कह रही हैं कि यूक्रेन की सेना बॉर्डर क्रॉस करवाने के लिए प्रति छात्र 200 डॉलर की मांग कर रही है. बात यहीं तक सीमित नहीं है. भारतीय छात्रों के पास खाने-पीने के सामान की किल्लत पैदा हो रही है. वहां का तापमान माइनस पांच डिग्री सेल्सियस है. जिससे की ज्यादातर छात्रों की तबीयत खराब हो रही है.उन्हें मेडिकल सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं.

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