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सरेआम हो रही है सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना! PLPA पर लगी रोक के बाद भी जारी है अवैध खनन

27 फरवरी को हरियाणा विधानसभा में पारित विधेयक के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पीएलपीए पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे. उसके बावजूद कुछ लोग अरावली पर अवैध खनन का काम कर सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना कर रहे हैं.

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Published : Mar 12, 2019, 4:02 PM IST

अरावली में अवैध खनन जारी

फरीदाबादः सुप्रीम कोर्ट के पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट (पीएलपीए) पर रोक लगाने के बावजूद अरावली पर निर्माण जारी है. जिसकी कुछ लाइव तस्वीरें भी सामने आई हैं. इन तस्वीरों के आधार पर सूरजकुंड थाने में आरोपी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है.

अरावली में अवैध खनन पर नहीं लगी रोक

ये एफआईआर वन विभाग के इंस्पेक्टर ने मेवला महाराजपुर के किसी बलजीत के ऊपर दर्ज करवाई है. एफआईआर नंबर 129 में कहा गया है कि बलजीत अरावली पर अवैध निर्माण करवा रहा था औरपीएलपीए का उल्लंघन कर रहा था.

खनन माफियाओं ने अरावली को किया बर्बाद
वन विभाग इंस्पेक्टर पाराशर ने कहा कि लगभग 120 साल पहले ये ऐक्ट इसलिए लाया गया था ताकि दिल्ली एनसीआर की जनता को प्रदूषण से बचाया जाए लेकिन दो दशकों से खनन माफियाओं ने अरावली को बर्बाद कर दिया है.

aravali illegal mining
अरावली में अवैध खनन जारी

'रक्षा कवक्ष की तरह है अरावली'
पाराशर ने कहा अगर अरावली उजाड़ दी गई तो राजस्थान के रेगिस्तान की आंधियां एनसीआर में भारीतबाही मचा सकती हैं, क्योंकि इन धूल भरी आंधियों से बचाव करने को प्राचीनतम अरावली पर्वतमाला यहां है.

SC में पेश करेंगे सबूत- इंस्पेक्टर
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने कुछ नहीं सोंचा बस अरावली को उजाड़ने का विधेयक पास कर दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने रविवार को अरावली पर चल रहे जितने भी अवैध निर्माण देखे हैं, उन सभी सबूतों को सुप्रीम कोर्ट में पेश करेंगे.

aravali illegal mining
अरावली में अवैध खनन जारी

आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज
वहीं पुलिस पीआरओ सूबे सिंह ने बताया कि अरावली पर अवैध निर्माण करने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि आरोपी सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना कर रहा था जिसमें आगे की कार्रवाई की जा रही है.

फरीदाबादः सुप्रीम कोर्ट के पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट (पीएलपीए) पर रोक लगाने के बावजूद अरावली पर निर्माण जारी है. जिसकी कुछ लाइव तस्वीरें भी सामने आई हैं. इन तस्वीरों के आधार पर सूरजकुंड थाने में आरोपी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है.

अरावली में अवैध खनन पर नहीं लगी रोक

ये एफआईआर वन विभाग के इंस्पेक्टर ने मेवला महाराजपुर के किसी बलजीत के ऊपर दर्ज करवाई है. एफआईआर नंबर 129 में कहा गया है कि बलजीत अरावली पर अवैध निर्माण करवा रहा था औरपीएलपीए का उल्लंघन कर रहा था.

खनन माफियाओं ने अरावली को किया बर्बाद
वन विभाग इंस्पेक्टर पाराशर ने कहा कि लगभग 120 साल पहले ये ऐक्ट इसलिए लाया गया था ताकि दिल्ली एनसीआर की जनता को प्रदूषण से बचाया जाए लेकिन दो दशकों से खनन माफियाओं ने अरावली को बर्बाद कर दिया है.

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अरावली में अवैध खनन जारी

'रक्षा कवक्ष की तरह है अरावली'
पाराशर ने कहा अगर अरावली उजाड़ दी गई तो राजस्थान के रेगिस्तान की आंधियां एनसीआर में भारीतबाही मचा सकती हैं, क्योंकि इन धूल भरी आंधियों से बचाव करने को प्राचीनतम अरावली पर्वतमाला यहां है.

SC में पेश करेंगे सबूत- इंस्पेक्टर
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने कुछ नहीं सोंचा बस अरावली को उजाड़ने का विधेयक पास कर दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने रविवार को अरावली पर चल रहे जितने भी अवैध निर्माण देखे हैं, उन सभी सबूतों को सुप्रीम कोर्ट में पेश करेंगे.

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अरावली में अवैध खनन जारी

आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज
वहीं पुलिस पीआरओ सूबे सिंह ने बताया कि अरावली पर अवैध निर्माण करने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि आरोपी सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना कर रहा था जिसमें आगे की कार्रवाई की जा रही है.

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एंकर ।  27 फरवरी को हरियाणा विधानसभा में पारित विधेयक के बाद सुप्रीम कोर्ट ने  पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट (पीएलपीए) पर रोक लगाई थी लेकिन रोक के बाद भी अरावली पर निर्माण जारी है। जिसकी लाइव तस्वीरें सामने आई है, तस्वीरे वायरल होने के बाद सूरजकुंड थाने में एक एफआईआर दर्ज हुई है जो  पीएलपीए का उल्लंघन कर रहा था। ये एफआईआर वन विभाग के इंस्पेक्टर ने दर्ज करवाया है जो मेवला महाराजपुर के किसी बलजीत के ऊपर दर्ज हुई है।।

वीओ।।  एफआईआर नंबर 129 में कहा गया है कि बलजीत अरावली पर अवैध निर्माण करवा रहा था और  पीएलपीए का उल्लंघन कर रहा था। ये एफआईआर हरियाणा सरकार के गाल पर एक तमाचा है जो अरावली को तवाह करने पर तुली थी। उन्होंने कहा कि मैंने  अरावली का दौरा किया और  अरावली पर निर्माण होते देखा जिसे देख मुझे लगा कि बड़े माफियाओं पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। वो अब भी धड़ल्ले से अवैध निर्माण करवा रहे हैं।
पाराशर ने कहा कि लगभग 120 साल पहले ये ऐक्ट इसलिए लाया गया था ताकि दिल्ली एनसीआर की जनता को प्रदूषण से बचाया जाए लेकिन दो दशकों से खनन माफियाओं ने अरावली को बर्बाद कर दिया और कई पहाड़ बेंचकर खा गए। पाराशर ने कहा अगर अरावली उजाड़ दी गई तो राजस्थान के रेगिस्तान की आंधियां एनसीआर में भारी  तबाही मचा सकती हैं क्योंकि इन धूल भरी आंधियों से बचाव करने को प्राचीनतम अरावली पर्वतमाला यहां है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने कुछ नहीं सोंचा बस अरावली को उजाड़ने का विधेयक पास कर दिया। उन्होंने कहा कि रविवार उन्होंने अरावली पर चल रहे जितने भी अवैध निर्माण देखे हैं सभी सबूत सुप्रीम कोर्ट में पेश करेंगे और कोर्ट को बताएँगे कि अब भी वहां अवैध निर्माण चल रहे हैं।
वहीं पुलिस पीआरओ सूबे सिंह ने बताया कि अरावली पर अवैध निर्माण करने वाले एक व्यक्ति के नाम मामला दर्ज किया गया है जो की सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना कर रहा था जिसमें आगे की कार्रवाई की जा रही है।

बाइट । सूबे सिंह, पुलिस पीआरओ फरीदाबाद। 

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