फरीदाबाद: तीन साल बाद आखिरकार कोरोना का दंश खत्म हो गया है. रंगों के त्योहार होली को लेकर बाजार भी सजने लगे हैं. रंग और पिचकारियों की दुकानें भी लगने लगी हैं. यूं तो हर साल मार्केट में कुछ नया देखने को मिलता है लेकिन इस बार भी तीन वैरायटी ऐसी है जो ग्राहकों को खूब पसंद आ रही है और यह आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. उसमें कान्हा की बांसुरी, गुलाल वाली पिचकारी और पटाखे फोड़ने वाली पिचकारी प्रमुख है. नई वैरायटी में एक अलग-सी खास कारीगरी की गई है. बल्लभगढ़ की बाजार को रंग और पिचकारी की मार्केट भी कहा जाता है, जो होली आते ही दुकाने रंग गुलाल से सजती दिखाई दे रही है. बता दें कि पिछली बार मार्केट में योगी छाया हुआ था, लेकिन इस बार कान्हा की बांसुरी ग्राहकों को खूब पसंद आ रही है.
मार्केट में रंग गुलाल और पिचकारी खरीदने आए ग्राहक सुभाष बंसल ने बताया कि इस बार कान्हा की बंसी ग्राहकों की पहली पसंद बनी हुई है. उन्होंने बताया कि यह बंसी बजती भी है और पिचकारी का भी काम करती है. इसके अलावा एक ऐसी पिचकारी भी बाजार में आई है जो सामने वाले पर रंग और पानी नहीं बल्कि सुखा हुआ गुलाल फेंकती है.
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वहीं दुकानदार यशपाल ने बताया कि हर साल कुछ ना कुछ नया ही बाजार में मिलता है. इस बार कान्हा की बंसी लोगों को खूब भा रही है. गुलाल वाली पिचकारी और शहनाई की तरह चलने वाले पटाखे वाली पिचकारी खास है. बाजार में पिचकारियों और रंगों के साथ ही मिष्ठान भी लगाया गया है. सूखे-मेवे और ड्राईफ्रूट्स भी ग्राहक खरीदने में लगे हुए हैं. बता ते दें कि रंग के साथ गुझिया का इस दिन महत्व होता है.