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34वां सूरजकुंड मेला: लोगों को भा रहे कैदियों के बनाए सामान - सूरजकुंड कैदियों ने तैयार किया क्राफ्ट

हरियाणा की अलग-अलग जेलों में बंद कैदियों के हाथों के हुनर से बने सामान को फरीदाबाद के सूरजकुंड में बेचा जा रहा है और ये सामान लोगों को काफी पसंद आ रहा है.

faridabad surajkund news
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Published : Feb 7, 2020, 9:02 AM IST

Updated : Feb 7, 2020, 9:45 AM IST

फरीदाबाद: सूरजकुंड मेले में जहां तरह-तरह के रंग देखने को मिल रहे हैं. वहीं इस मेले में हरियाणा कारागार द्वारा एक दुकान लगाई गई है. जिसमें आप हाथ से बने हुए घर की सजावट के सभी सामान जैसे कि पेंटिंग्स, मंदिर, आईना, घर में प्रयोग होने वाले शैंपू और जेल इत्यादि खरीद सकते हैं.

मेले में जेल प्रशासन ने लगाई दुकान

जब भी हम जेल का नाम सुनते है तो कुछ अलग सोच हमारे अंदर आती है, लेकिन हरियाणा की जेल अब सिर्फ जेल ना रहकर सुधार गृह बन रही है. जिसका उदाहरण है फरीदाबाद में लग रहे सूरजकुंड मेले के अंदर लगी हरियाणा कारागार की दुकान में देख सकते हैं.

मेले में कैदियों की कला

जेल के अंदर कैदियों के हाथों से बनाया हुआ सामान बेचा जा रहा है. इस सामान को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जेल के अंदर भी कैदियों की प्रतिभा को निखारने के लिए काम किया जा रहा है. इस दुकान में आपको घर की साज-सज्जा का हर वो सामान मिलेगा जो आपको दूसरी दुकानों में तलाशने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस दुकान में आपको आईना से लेकर घर में प्रयोग होने वाले शैंपू और जैल.

34वां सूरजकुंड मेला: लोगों को भा रहे कैदियों के बनाए सामान

जेल से सुधार गृह!

दीवारों पर लगाने के लिए पेंटिंग सहित अन्य सामान आप एक ही दुकान से खरीद सकते हैं और ये सारा सामान हाथ के द्वारा बनाया गया है. पूरा सामान जेल के अंदर कैदियों द्वारा बनाया गया है. फरीदाबाद कारागार सुपरिटेंडेंट अनिल कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं जेल मंत्री के आदेश अनुसार जेल में कैदियों की छुपी हुई प्रतिभा को निखारने के लिए और कारागार को सुधार ग्रह की तरफ बढ़ाने के लिए ये कदम उठाए गए हैं.

कैदियों ने बनाए क्राफ्ट

हरियाणा की सभी जेलों में बंद कैदियों की प्रतिभा को निखारने के लिए सभी पुलिस अधीक्षक अपनी-अपनी जेलों में काम कर रहे हैं. मेले में दुकान लगाने के पीछे लक्ष्य है कि लोगों को पता चले की जेल जेल नहीं है, बल्कि सुधार गृह भी है. उनका मकसद ये भी है कि जब भी कैदी जेल से बाहर निकले वो पूरे सम्मान के साथ अपना काम शुरू कर सके और आजीविका कमा सके.

ये भी पढ़ेंः- हिंसक राहुल गांधी का खुलेआम घूमना ठीक नहीं, पागलखाने में करवाओ भर्ती- अनिल विज

उन्होंने कहा कि कैदियों को मुख्यधारा में लाने के लिए ये काम बेहद जरूरी है. इससे जहां कैदियों को जेल में करने के लिए काम मिलता है. साथ ही साथ उनकी कला भी उभर कर आती है. मेले की दुकान में हरियाणा की लगभग सभी जिलों से कुछ ना कुछ सामान आया है और जिस बंदी की जो रुचि होती है जिसमें वो काम करने में सक्षम होता है उसको उसी प्रकार का काम दिया जाता है.

फरीदाबाद: सूरजकुंड मेले में जहां तरह-तरह के रंग देखने को मिल रहे हैं. वहीं इस मेले में हरियाणा कारागार द्वारा एक दुकान लगाई गई है. जिसमें आप हाथ से बने हुए घर की सजावट के सभी सामान जैसे कि पेंटिंग्स, मंदिर, आईना, घर में प्रयोग होने वाले शैंपू और जेल इत्यादि खरीद सकते हैं.

मेले में जेल प्रशासन ने लगाई दुकान

जब भी हम जेल का नाम सुनते है तो कुछ अलग सोच हमारे अंदर आती है, लेकिन हरियाणा की जेल अब सिर्फ जेल ना रहकर सुधार गृह बन रही है. जिसका उदाहरण है फरीदाबाद में लग रहे सूरजकुंड मेले के अंदर लगी हरियाणा कारागार की दुकान में देख सकते हैं.

मेले में कैदियों की कला

जेल के अंदर कैदियों के हाथों से बनाया हुआ सामान बेचा जा रहा है. इस सामान को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जेल के अंदर भी कैदियों की प्रतिभा को निखारने के लिए काम किया जा रहा है. इस दुकान में आपको घर की साज-सज्जा का हर वो सामान मिलेगा जो आपको दूसरी दुकानों में तलाशने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस दुकान में आपको आईना से लेकर घर में प्रयोग होने वाले शैंपू और जैल.

34वां सूरजकुंड मेला: लोगों को भा रहे कैदियों के बनाए सामान

जेल से सुधार गृह!

दीवारों पर लगाने के लिए पेंटिंग सहित अन्य सामान आप एक ही दुकान से खरीद सकते हैं और ये सारा सामान हाथ के द्वारा बनाया गया है. पूरा सामान जेल के अंदर कैदियों द्वारा बनाया गया है. फरीदाबाद कारागार सुपरिटेंडेंट अनिल कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं जेल मंत्री के आदेश अनुसार जेल में कैदियों की छुपी हुई प्रतिभा को निखारने के लिए और कारागार को सुधार ग्रह की तरफ बढ़ाने के लिए ये कदम उठाए गए हैं.

कैदियों ने बनाए क्राफ्ट

हरियाणा की सभी जेलों में बंद कैदियों की प्रतिभा को निखारने के लिए सभी पुलिस अधीक्षक अपनी-अपनी जेलों में काम कर रहे हैं. मेले में दुकान लगाने के पीछे लक्ष्य है कि लोगों को पता चले की जेल जेल नहीं है, बल्कि सुधार गृह भी है. उनका मकसद ये भी है कि जब भी कैदी जेल से बाहर निकले वो पूरे सम्मान के साथ अपना काम शुरू कर सके और आजीविका कमा सके.

ये भी पढ़ेंः- हिंसक राहुल गांधी का खुलेआम घूमना ठीक नहीं, पागलखाने में करवाओ भर्ती- अनिल विज

उन्होंने कहा कि कैदियों को मुख्यधारा में लाने के लिए ये काम बेहद जरूरी है. इससे जहां कैदियों को जेल में करने के लिए काम मिलता है. साथ ही साथ उनकी कला भी उभर कर आती है. मेले की दुकान में हरियाणा की लगभग सभी जिलों से कुछ ना कुछ सामान आया है और जिस बंदी की जो रुचि होती है जिसमें वो काम करने में सक्षम होता है उसको उसी प्रकार का काम दिया जाता है.

Intro:
एंकर-- फरीदाबाद के सूरजकुंड मेले में जहां तरह-तरह के रंग देखने को मिल रहे हैं वहीं इस मेले में हरियाणा कारागार, द्वारा एक दुकान लगाई गई है जिसमें आप हाथ से बने हुए घर की सजावट के सभी सामान जैसे कि पेंटिंग्स, मंदिर, आईना, घर में प्रयोग होने वाले शैंपू व जैल इत्यादि खरीद सकते हैं।Body:

वीओ-- जब भी हम जेल का नाम सुनते है तो कुछ अलग सोच डरावनी सोच हमारे अंदर आती है। लेकिन। हरियाणा की जेल अब सिर्फ जेल ना रहकर सुधार गृह बन रही है। जिसका उदाहरण है फरीदाबाद में लग रहे सूरजकुंड मेले के अंदर लगी हरियाणा कारागार की दुकान इस दुकान में। जेल के अंदर। कैदियों के हाथों से बनाया हुआ सामान बेचा जा रहा है। इस सामान को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जेल के अंदर भी कैदियों की प्रतिभा को निखारने के लिए काम किया जा रहा है। इस दुकान में आपको घर की साज-सज्जा का हर वह सामान मिलेगा जो आपको दूसरी दुकानों में तलाशने की जरूरत नहीं पड़ेगी इस दुकान में आपको आईना से लेकर। घर में प्रयोग होने वाले शैंपू व जेल , दीवारों पर लगाने के लिए पेंटिंग सहित अन्य सामान आप एक ही दुकान से खरीद सकते हैं और यह सारा सामान हाथ के द्वारा बनाया गया है। क्योंकि यह पूरा सामान जेल के अंदर कैदियों द्वारा बनाया गया है। फरीदाबाद कारागार सुप्रिडेंट अनिल कुमार ने बताया की मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं जेल मंत्री। के आदेश अनुसार। जेल में कैदियों की छुपी हुई प्रतिभा को निखारने के लिए। और कारागार को सुधार ग्रह की तरफ बढ़ाने के लिए यह कदम उठाए गए हैं। हरियाणा की सभी जेलों में बंद कैदियों की प्रतिभा को। निखारने के लिए सभी पुलिस अधीक्षक अपनी-अपनी जेलों में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा मेले में दुकान लगाने के पीछे यह लक्ष्य है कि लोगों को पता चले की जेल जेल नहीं है। बल्कि सुधार गृह भी है। उन्होंने कहा कि उनका मकसद यह भी है। कि जब भी कैदी जेल से बाहर निकले वह पूरे सम्मान के साथ अपना काम शुरू कर सके और आजीविका कमा सके उन्होंने कहा कि कैदियों को मुख्यधारा में लाने के लिए यह काम बेहद जरूरी है। क्योंकि इससे जहां कैदियों को जेल में करने के लिए काम मिलता है। साथ ही साथ उनकी कला भी उभर कर आती है। उन्होंने कहा कि मेले की दुकान में हरियाणा की लगभग सभी जिलों से कुछ ना कुछ सामान आया है और जिस बंदी की जो रुचि होती है जिसमें वो काम करने में सक्षम होता है उसको उसी प्रकार का काम दिया जाता है।

बाईट-- अनिल कुमार, जेल सुप्रिडेंट फरीदाबाद


Conclusion:हरियाणा की अलग-अलग जेलों में बंद कैदियों के हाथों के हुनर से बने सामान को फरीदाबाद के सूरजकुंड में बेचा जा रहा है और यह सामान लोगों को काफी पसंद आ रहा है।
Last Updated : Feb 7, 2020, 9:45 AM IST
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