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केंद्रीय बजट से हरियाणा के उद्योगपतियों को काफी उम्मीदें, बोले- इनकम टैक्स स्लैब बढ़ाया जाए - haryana latest news

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को केंद्रीय बजट (Union Budget 2022) पेश करने वाली हैं. ऐसे में ईटीवी भारत केंद्रीय बजट से संबंधित हर विषय से जुड़े सभी मुद्दों पर खास सीरीज चला रहा है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम फरीदाबाद में उद्योगपतियों के बीच पहुंची, और जाना कि इस बार बजट में उन्हें केंद्र से क्या उम्मीदें हैं.

haryana Industrialist expectations from Budget
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Published : Jan 30, 2022, 6:02 PM IST

फरीदाबाद: एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट पेश करेंगी. ऐसे में कोरोना महामारी से जूझ रहे देशवासियों को केंद्रीय बजट से काफी उम्मीदें हैं. ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने देश की उद्योगपतियों से जानने की कोशिश की कि उन्हें इस बजट (Haryana Industrialists Expectations From Union Budget) से क्या उम्मीदें है. इस दौरान उद्योगपतियों ने कच्चे माल की लागत कम करने, इनकम टैक्स की स्लैब को बढ़ाने, ऑटो पार्ट्स में GST घटाने सहित कई उम्मीदें बजट से रखी हैं.

आने वाले बजट को लेकर उद्योगपतियों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि पूरे देश में गैस का एक ही रेट होना चाहिए. उद्योगपतियों ने बताया कि एनसीआर के फरीदाबाद में गैस के दाम में 14 से लेकर 30 रुपए का अंतर आ रहा है, जबकि केंद्र सरकार ने क्लीन फ्यूल की मुहिम चलाई है और यदि केंद्र सरकार गैस के दाम कम रखेगी तभी क्लीन फ्यूल को उद्योगपति यूज करेंगे. वहीं उन्होंने कहा कि निर्यात के अंदर कंटेनर का भाड़ा डबल से भी ज्यादा हो गया है, जिससे एक्सपोर्टर को बहुत फर्क पड़ रहा है. ऐसे में एक्सपोर्टर को बजट में रियायत मिलेगी तभी विदेशी मुद्रा अर्जित हो पाएगी.

केंद्रीय बजट से हरियाणा के उद्योगपतियों को काफी उम्मीदें, बोले- इनकम टैक्स स्लैब बढ़ाया जाए

ये भी पढ़ें- Union Budget 2022: कोरोना से परेशान छोटे व्यापारियों को बजट से हैं काफी उम्मीदें, जानिए क्या हैं मांगें

वहीं उद्योगपतियों ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं जैसे कि रोड और बिजली अच्छी नहीं है. इसलिए औद्योगिक क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाई जाए ताकि जनरेटर का इस्तेमाल बंद हो सके. साथ ही दूसरे उद्योगपतियों ने कहा की स्माल स्केल इंडस्ट्री पर टैक्स कम किया जाए और उद्योगपतियों को लोन की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए. क्योंकि आज के दौर में लोन के मामलों में बैंकों का व्यवहार ठीक नहीं है. वहीं ऑटो पार्ट्स और पैकेजिंग से जुड़े उद्योगपतियों ने सरकार से आम बजट में राहत देने की उम्मीद लगाई है.

उद्योगपतियों ने कहा कि पिछले 2 साल से इंडस्ट्री चलाना बेहद मुश्किल हो रहा है. कई सारे उद्योगपति अपनी इंडस्ट्री बेचना चाहते हैं, इसलिए सरकार जो इस बार बजट ला रही है, उसमें इंडस्ट्री को लेकर ध्यान देना बेहद जरूरी है. उद्योगपतियों ने बताया कि आज रॉ मैटेरियल के भाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं. बजट में इन दामों को कंट्रोल में करना बेहद जरूरी होगा जब रॉ मैटेरियल के दाम बढ़ रहे हैं तो उनके द्वारा तैयार की गई प्रोडक्ट का भी मार्केट प्राइस बढ़ रहा है. ऐसे में आम आदमी की जेब पर यह असर पड़ रहा है.

haryana Industrialist expectations from Budget
केंद्रीय बजट में उद्योगपतियों की मांगें

ये भी पढ़ें- Union Budget 2022: केंद्रीय बजट से इस बार ज्यादा फायदा ले पाएगी हरियाणा सरकार? जानें क्या कहना है राजनीतिक पार्टियों का

उद्योगपतियों ने कहा कि इनकम टैक्स में भी छूट मिलनी चाहिए. इनकम टैक्स की स्लैब को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख तक कर देना चाहिए. इसके साथ ही ऑटो पार्ट्स पर आज भी उनको 28 फीसदी जीएसटी देनी पड़ रही है. उद्योगपति चाहते है कि इसको बजट में घटाकर 18 फीसदी ही किया जाए. इसके अलावा इंडिविजुअल टैक्स में उनको छूट मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आज 2 लाख 50 हजार से लेकर 5 लाख रुपए तक उनको 5 फीसदी टैक्स देना पड़ रहा है. वह चाहते हैं कि 5 लाख तक कोई टैक्स न दिया जाए. इसके अलावा 10 लाख से 20 लाख तक उनको 30 प्रतिशत इंडिविजुअल टैक्स देना पड़ रहा है. वह चाहते हैं कि इसको घटाया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रीज को राहत देने के लिए लोन प्रक्रिया सरल होनी चाहिए ताकि उनको आसानी से लोन मिल सके.

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फरीदाबाद: एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट पेश करेंगी. ऐसे में कोरोना महामारी से जूझ रहे देशवासियों को केंद्रीय बजट से काफी उम्मीदें हैं. ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने देश की उद्योगपतियों से जानने की कोशिश की कि उन्हें इस बजट (Haryana Industrialists Expectations From Union Budget) से क्या उम्मीदें है. इस दौरान उद्योगपतियों ने कच्चे माल की लागत कम करने, इनकम टैक्स की स्लैब को बढ़ाने, ऑटो पार्ट्स में GST घटाने सहित कई उम्मीदें बजट से रखी हैं.

आने वाले बजट को लेकर उद्योगपतियों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि पूरे देश में गैस का एक ही रेट होना चाहिए. उद्योगपतियों ने बताया कि एनसीआर के फरीदाबाद में गैस के दाम में 14 से लेकर 30 रुपए का अंतर आ रहा है, जबकि केंद्र सरकार ने क्लीन फ्यूल की मुहिम चलाई है और यदि केंद्र सरकार गैस के दाम कम रखेगी तभी क्लीन फ्यूल को उद्योगपति यूज करेंगे. वहीं उन्होंने कहा कि निर्यात के अंदर कंटेनर का भाड़ा डबल से भी ज्यादा हो गया है, जिससे एक्सपोर्टर को बहुत फर्क पड़ रहा है. ऐसे में एक्सपोर्टर को बजट में रियायत मिलेगी तभी विदेशी मुद्रा अर्जित हो पाएगी.

केंद्रीय बजट से हरियाणा के उद्योगपतियों को काफी उम्मीदें, बोले- इनकम टैक्स स्लैब बढ़ाया जाए

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वहीं उद्योगपतियों ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं जैसे कि रोड और बिजली अच्छी नहीं है. इसलिए औद्योगिक क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाई जाए ताकि जनरेटर का इस्तेमाल बंद हो सके. साथ ही दूसरे उद्योगपतियों ने कहा की स्माल स्केल इंडस्ट्री पर टैक्स कम किया जाए और उद्योगपतियों को लोन की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए. क्योंकि आज के दौर में लोन के मामलों में बैंकों का व्यवहार ठीक नहीं है. वहीं ऑटो पार्ट्स और पैकेजिंग से जुड़े उद्योगपतियों ने सरकार से आम बजट में राहत देने की उम्मीद लगाई है.

उद्योगपतियों ने कहा कि पिछले 2 साल से इंडस्ट्री चलाना बेहद मुश्किल हो रहा है. कई सारे उद्योगपति अपनी इंडस्ट्री बेचना चाहते हैं, इसलिए सरकार जो इस बार बजट ला रही है, उसमें इंडस्ट्री को लेकर ध्यान देना बेहद जरूरी है. उद्योगपतियों ने बताया कि आज रॉ मैटेरियल के भाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं. बजट में इन दामों को कंट्रोल में करना बेहद जरूरी होगा जब रॉ मैटेरियल के दाम बढ़ रहे हैं तो उनके द्वारा तैयार की गई प्रोडक्ट का भी मार्केट प्राइस बढ़ रहा है. ऐसे में आम आदमी की जेब पर यह असर पड़ रहा है.

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केंद्रीय बजट में उद्योगपतियों की मांगें

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उद्योगपतियों ने कहा कि इनकम टैक्स में भी छूट मिलनी चाहिए. इनकम टैक्स की स्लैब को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख तक कर देना चाहिए. इसके साथ ही ऑटो पार्ट्स पर आज भी उनको 28 फीसदी जीएसटी देनी पड़ रही है. उद्योगपति चाहते है कि इसको बजट में घटाकर 18 फीसदी ही किया जाए. इसके अलावा इंडिविजुअल टैक्स में उनको छूट मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आज 2 लाख 50 हजार से लेकर 5 लाख रुपए तक उनको 5 फीसदी टैक्स देना पड़ रहा है. वह चाहते हैं कि 5 लाख तक कोई टैक्स न दिया जाए. इसके अलावा 10 लाख से 20 लाख तक उनको 30 प्रतिशत इंडिविजुअल टैक्स देना पड़ रहा है. वह चाहते हैं कि इसको घटाया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रीज को राहत देने के लिए लोन प्रक्रिया सरल होनी चाहिए ताकि उनको आसानी से लोन मिल सके.

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