फरीदाबाद: लॉकडाउन में फिर से कंपनियों में मजदूरों का आवागमन शुरू हो गया है. सरकार की शर्तों के साथ कंपनियां काम कर रही हैं. ऐसे में कंपनियां भी अपने मजदूरों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए कई प्रकार के इंतजामों पर ध्यान दे रही हैं.
हादसे रोकने के लिए खास इंतजाम
कंपनी में मजदूरों के साथ किसी भी प्रकार का हादसा ना हो इसके लिए सरकार द्वारा इन कंपनियों को कई तरह के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. ये कंपनिया सरकारी शर्तों के साथ ही शुरू हो रही हैं. इस दौरान उद्योगों में सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखने के लिए भी कहा गया है. लॉकडाउन से पहले कंपनियों में आए दिन कोई न कोई हादसा होता रहता था. जिसमें कई बार कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है.
श्रम विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 में लगभग 1000 से भी ज्यादा अलग-अलग प्रकार के हादसे हुए. जिसमें किसी फैक्ट्री में आग लग गई तो कहीं किसी मजदूर को अपने शरीर का कोई अंग गंवाना पड़ा. लगभग 20 से ज्यादा लोगों की इन हादसों में मौत भी हो गई. लॉकडाउन होने के कारण तमाम कंपनियां बंद हो गई. जिसके चलते इन हादसों पर ब्रेक लग गया.
अब सुरक्षा उपकरण पहनना अनिवार्य
एक बार फिर से सरकारी शर्तों के साथ ही कंपनियां शुरू हो रही हैं. ज्यादातर उद्योगों में काम सोशल डिस्टेंसिंग और कम मजदूरों के साथ कराया जा रहा है. कंपनियों ने भी इन हादसों में कमी लाने के लिए कई प्रकार के बंदोबस्त लॉकडाउन के बाद करने शुरू किए हैं.
ओरियंट कंपनी में लाइन चेन के इंचार्ज अनिल कुमार ने बताया कि पहले उनके यहां पर कई तरह से हादसे हो जाते थे. कई बार मजदूर लाइन पर काम करते हुए गलब्स और कंपनी द्वारा दिए गए जूते नहीं पहनते थे. लेकिन अब सभी गलब्स और जूते पहन का काम करते हैं.
इसके अलावा काम करते समय किसी का भी ध्यान इधर-उधर ना भटके. इसके लिए सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन बाहर ही जमा करा लिए जाते हैं. कंपनी से निकलते समय सभी को उनके फोन वापस कर दिए जाते हैं. इसके अलावा शॉर्ट सर्किट से जुड़े हादसों को रोकने के लिए कंपनियों में लॉकडाउन के समय पुरानी वायरों को बदल कर नहीं वायर डाल दी गई हैं ताकि किसी प्रकार का कोई हादसा ना हो सके.
ये भी जानें-रेड जोन फरीदाबाद बना डेंजर जोन! 95 पहुंची कोरोना मरीजों की संख्या
गौरतलब है कि लॉकडाउन 3.0 के दौरान सरकार ने व्यापारियों और उद्योग धंधों को राहत देने का फैसला किया था. मजदूरों की सुरक्षा को लेकर सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं.