फरीदाबाद: अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रहे आईडी स्वामी का 15 दिसंबर को लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया. उन्होंने फरीदाबाद के मेट्रो हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली. आईडी स्वामी को उनके परिजन शनिवार देर शाम फरीदाबाद अस्पताल में लेकर आए थे, जहां उनका रात भर इलाज चला, लेकिन रविवार दोपहर उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
'25 साल से चल रहा था आईडी स्वामी का निधन'
आईडी स्वामी का इलाज कर रहे डॉ. एसएस बंसल की माने तो वो पिछले 25 साल से उनसे इलाज करा रहे थे. उनका बीपी लो रहता था और दोनों किडनी ने भी काम करना बंद कर दिया था. पूरी रात उनके इलाज के दौरान उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन बचाया नहीं जा सका.
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'आईडी स्वामी के लालकृष्ण आडवाणी से थे अच्छे रिश्ते'
वहीं पार्थिव शरीर को लेने पहुंचे उनके छोटे भाई ने कहा कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री आईडी स्वामी का दुनिया से चला जाना देश और प्रदेश की बड़ी क्षति है. उन्होंने बताया कि वो शुरू से ही बड़े होनहार व्यक्तित्व के आदमी थे. पढ़ाई के वक्त भी उन्होंने वजीफा तक हासिल किया था. उसके बाद आईएएस बन गए और करीब 30 साल तक आईएएस की नौकरी की और रिटायर होने के बाद उनके संपर्क लालकृष्ण आडवाणी से हो गए.
करनाल से दो बार सांसद बने आईडी स्वामी
इस मुलाकात के दौरान ही लालकृष्ण आडवाणी ने उनसे चुनाव लड़ने के लिए कहा. हालांकि, पहले खुद आइडी स्वामी ने चुनाव लड़ने से ये कहते हुए मना कर दिया कि उनके लिए राजनीति करना और वो भी बिना पैसे के बूते बात नहीं है, लेकिन जब आडवाणी ने चुनाव लड़ने के लिए दबाव बनाया तो वो चुनाव लड़ने के लिए तैयार हुए और करनाल से दो बार सांसद बने.
आईडी स्वामी ने भजनलाल को हराया था चुनाव
उनके छोटे भाई खुद सेना में कमांडेंट रह चुके हैं, उन्होंने बताया कि आईडी स्वामी ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भजनलाल को भी चुनाव में हरा दिया था.