फरीदाबाद: हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है. आज कल गेहूं की बुवाई का समय चल रहा है और हरियाणा में खाद (Fertilizer shortage in Haryana) की कमी से किसान परेशान है. किसान गेहूं की बुवाई करने में पिछड़ते जा रहे हैं. देरी से बुवाई होने पर फसल उत्पादन पर काफी बुरा असर पड़ता है. जहां गेहूं की बुवाई 1 नवंबर से किसान हर हालात में शुरू कर देते हैं तो वहीं गेहूं की बुवाई के लिए किसान सितंबर से ही डीएपी खाद का इंतजाम करने में जुट जाता है. हरियाणा में खाद ना मिलने से किसान परेशान है.
बता दें कि जिले में डीएपी (DAP Shortage in Haryana) खाद की लगातार समस्या बनी हुई है. किसानों को अभी तक डीएपी नहीं मिल पा रही. बुवाई शुरू हो चुकी है और नवंबर का आधा महीना भी निकल चुका है. किसानों ने कहा कि पिछले 2 महीने से डीएपी किसी भी सेंटर पर नहीं मिल पा रही. सेंटर के अधिकारियों से डीएपी के आने का समय पूछे जाने पर हर बार कहा जाता है कि अगले हफ्ते तक आ जाएगी.
वहीं खाद ना मिलने से परेशान किसानों का कहना है कि अगर डीएपी नहीं मिलेगी तो उनकी फसल खराब हो सकती है. दूसरी खाद लगाने से फसल जल्दी नहीं होती पर कुछ किसान मजबूरी में दूसरे खादों को डालकर बुवाई करना शुरू कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि पिछले 2 महीने से जेपी लेने की कोशिश की जा रही है पर डीपी मिलती ही नहीं है. सरकार को जल्द से जल्द किसानों की समस्या का समाधान करना चाहिए नहीं तो किसानों के लिए खेती करने में परेशानी शुरू हो जाएगी.
वहीं किसानों का ये भी कहना है कि जब हम दूसरे स्टोर से खाद खरीदते हैं तो वहां पर खाद काफी महंगी मिलती है जिसकी भरपाई किसान नहीं कर पाते और उन्हेल वहां पर भी समस्याओं से दो चार होना पड़ता है. जहां किसान एक तरफ खाद ना मिलने से परेशान है तो वहीं उनका कहना है कि पहले जो फसलें लगाई गई थी वो भारी बारिश के चलते खराब हो गई थी. अब खाद ना मिलने से समस्या ज्यादा हो रही है.ऐसे में किसानों ने सरकार से जल्द उनकी समस्या को हल करने की मांग की है.
वहीं NIT से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने किसानों को डीएपी ना मिलने को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इस सरकार से किसान आज बहुत परेशान है. पहले किसान दिल्ली की सड़कों पर भटकता रहा और अब बीजेपी किसानों को DAP नहीं दे पा रही है. साथ ही बीजेपी पर निशाना साधते हुए नीरज शर्मा ने कहा कि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने के नाम पर और मुआवजा देने के नाम पर सरकार ने किसानों को सिर्फ बहका रखा है. यह सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी सरकार है.
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