फरीदाबाद: हरियाणा में लगातार हो रही बारिश से किसान इन दिनों काफी परेशान हो रहे हैं. भारी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की पक्की हुई गेहूं और सरसों की फसल बर्बाद हो चुकी है. जिससे किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. फरीदाबाद में भी बेमौसम बूंदाबांदी से खेतों में लगे गेहूं की फसल पूरी तरह से जमीन पर गिर गई है. जिससे किसान काफी चिंतित हैं. हालांकि आज किसानों ने थोड़ी राहत की सांस जरूर ली. क्योंकि रविवार सुबह से ही धूप खिली हुई है.
जमीन पर बिछी फसल: वहीं, खेतों में पड़ी फसल पूरी तरह से गीली हो गई है. किसानों को यह भी डर सता रहा है की यदि फिर बूंदाबांदी हुई, तो दाने अंकुरित हो जाएंगे. आपको बता दें फरीदाबाद में लगातार 3-4 दिनों से हल्की बूंदाबांदी के साथ ओलावृष्टि भी हुई है. जिसके बाद किसान लगातार चिंतित है. खेतों में पड़ी फसल पूरी तरह से जमीन पर गिर गई हैं. जिसको लेकर किसान को यह भी चिंता सता रही है, कि इसकी कटाई कैसे होगी. क्योंकि जमीन पर गिरी फसल को ना तो हार्वेस्टर काट पाएगी और ना ही काटने के लिए मजदूर मिलेंगे. जब मजदूर खेत में फसल काटने के लिए तैयार होगा वो अधिक पैसे मांगेगा.
पक्की हुई गेहूं-सरसों की फसल बर्बाद: वहीं, नीचे दबने वाली फसल हवा ना लगने के कारण गल जाएगी और दाना काला पड़ जाएगा. जिससे किसान की लागत भी निकलना मुश्किल है. हालांकि जिले में 729 किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा करवाया है. लेकिन बहुत सारे किसान ऐसे हैं जिन्होंने फसलों का बीमा नहीं करवाया है. हालांकि किसानों का यह भी कहना है कि पूरे 5 महीने से फसल में खुद और परिवार की मेहनत लगती है. लेकिन अब बारिश के बाद सारी मेहनत पर पानी फिर गया है. गेहूं की 70% फसल पक चुकी हैं. लेकिन तेज हवा संग हुई वर्षा ने फसल को भारी क्षति पहुंचाई है.
नुकसान झेल रहे किसान: ईटीवी भारत से बातचीत में किसानों ने बताया कि फसल देखकर ऐसा लग रहा है कि जो भी हमने इसमें लागत लगाई है. वह भी निकल नहीं पाएगी. सरकार को चाहिए कि किसानों के बारे में सोचें और फसल जो बर्बाद हुई है. इसका किसानों को मुआवजा दिया जाए. अब फसल जमीन पर गिर गई है. जिसे काटने के लिए काफी मेहनत लगेगी. लेबर का भी खर्चा बढ़ जाएगा.
पोर्टल से किसान अनजान: वहीं, स्पेशल गिरदावरी को लेकर सरकार द्वारा पोर्टल भी बनाया गया है. जहां पर किसान अपनी बर्बाद हुई फसल का ब्यौरा रख सकता है. लेकिन कई किसानों का यह भी कहना है कि वह पढ़े-लिखे नहीं है. ऐसे में पोर्टल पर कैसे इसकी जानकारी देंगे. हालांकि अब बूंदाबांदी नहीं हो रही है और खिलकर धूप भी निकली है. जिसके कारण अब किसानों की चिंता थोड़ी कम हुई है.
जमीन पर गिरी फसल ने बढ़ाई टेंशन: किसान अभी भी परेशान हैं कि खेतों में गिरे हुए फसल को किस तरह से काटा जाए. यदि फिर से बारिश होती है, तो यह फसल अंकुरित हो जाएगी. जो जमीन पर गिरी हुई फसल है, उसमें हवा ना लगने की वजह से फसल खराब हो जाएगी. ऐसे में देखने वाली बात यह होगी है कि बर्बाद हुई फसल का मुआवजा सरकार किसानों को कब तक दे सकती है.
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