फरीदाबाद: देश में जैसे-जैसे विदेशी निवेश बढ़ रहा है. वैसे ही विदेशी भाषाओं की तरफ भारतीय युवक-युवतियां तेजी के साथ आकर्षित हो रहे (Faridabad Student learning Foreign Languages) हैं. इसकी एक मुख्य वजह यह भी है कि भारतीय युवा देश से बाहर जाकर काम करना चाहता है. इसके लिए विदेशी भाषा का ज्ञान होना बेहद जरूरी है. दूसरी तरफ एक बड़ी वजह यह भी है कि भारत में मल्टीनेशनल विदेशी कंपनियां निवेश कर रही हैं. इसीलिए कंपनियों की पहली पसंद वह भारतीय ही हैं जिनको उनके देश से संबंधित विदेशी भाषा आती है. ऐसे में फ्रेंच भाषा सहित जर्मन और स्पेनिश सीखने वाले युवाओं की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है.
विदेशों में बोले जाने वाली भाषाओं में इन तीनों भाषाओं की सबसे ज्यादा डिमांड देखी जा रही है. बड़ी-बड़ी विदेशी कंपनियां भारत के युवाओं को काम करने का मौका दे रही हैं. ऐसे में विदेशी भाषा का ज्ञान होना भारतीय युवाओं के पास एक और सुनहरे मौके की चाबी है जिसके लिए हर कोई युवा इंतजार करता है. पिछले लगभग 13 सालों से जर्मन और स्पेनिश भाषा को सिखा रही सुनैना चौधरी ने बताया कि विदेशी भाषा का ज्ञान होना अपने आप में ही एक बड़ी बात होती है. विदेशी भाषा का ज्ञान न केवल हमारी बुद्धि का विकास करता है बल्कि इसमें युवा अपने सुनहरे भविष्य की झलक भी देख सकता है. हर कोई युवा विदेश में काम करके अच्छा पैसा कमाना चाहता है और इसके लिए उसको विदेशी भाषा के ज्ञान होना बेहद जरूरी है.
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उन्होंने बताया कि किसी भी भाषा को सीखने के लिए 3 लेवल होते हैं. इन तीनों लेवल के पूरे होने के बाद ही आप किसी भाषा पर अपनी पकड़ कर पाते हो. आधुनिकता के इस युग में आज पूरा संसार तेजी के साथ बदल रहा है. भारतीय युवाओं की डिमांड हर क्षेत्र में देखी जा रही है. विदेशों की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारतीय युवाओं को अपने साथ जोड़ना चाहती है. ऐसे में भारतीय युवा भी विदेशी भाषाओं का ज्ञान सीखने के लिए आगे आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन भाषाओं को सीखने में केवल वह युवा ही शामिल नहीं है जो बाहर काम करना चाहते हैं बल्कि वह विद्यार्थी भी शामिल है जो इन देशों में जाकर पढ़ना चाहते हैं.
अब ऐसे में उनको जब पहले से ही वहां की विदेशी भाषा का ज्ञान होगा तो उनको वहां पर पढ़ने और काम करने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी. सुनैना चौधरी ने बताया कि हाल में ही उनके पास पढ़ने वाले 3 विद्यार्थियों का जर्मन और स्पेन में दाखिला हुआ है. इसके साथ ही विदेशी कंपनियों में चार ऐसे युवाओं का सिलेक्शन हुआ है. दोनों ने उनके पास से जर्मन और स्पेनिश दोनों भाषाएं सीखी थी. फ्रेंच भाषा में भी युवाओं की रुचि काफी बढ़ रही है. विदेशों में फ्रेंच भाषा को बोलने वालों की तादाद काफी ज्यादा है. ऐसे में फ्रेंच भाषा का प्रचलन तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है.
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पिछले 4 सालों से फरीदाबाद फ्रेंच भाषा सिखाने वाले अशीष ने बताया कि कोऑपरेटिव हाउसेज में वह फ्रेंच भाषा सिखाने का काम कर रहे हैं. फ्रेंच भाषा सीखने के बाद आप न केवल कोऑपरेटिव सोसाइटी में बल्कि दूसरी फर्म में भी काम कर सकते हैं. मेडिकल लाइन से लेकर तमाम बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में आप अपनी जगह बना सकते हैं. इसके अलावा आप फ्रेंच ट्रांसलेटर के तौर पर अपना कैरियर बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि फ्रेंच में युवा अपना कैरियर बनाने के लिए आगे आ रहे हैं. पिछले कुछ सालों में जिस तरह से भारत में विदेशी कंपनियों का निवेश बढ़ा है और विदेशी कंपनियां भारतीय युवाओं को मौका दे रही हैं ऐसे में विदेशी भाषाओं की तरफ भी भारतीय युवाओं की रुचि काफी बढ़ी है.
जर्मन भाषा सीख रहे अंशुल जैन ने बताया कि वह पढ़ाई के लिए जर्मनी जाने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में पहले से ही जर्मन भाषा सीख रहे हैं ताकि उनको वहां पर किसी प्रकार की परेशानी ना हो. उन्होंने कहा कि विदेशी भाषा सीखने के बाद वह अपने कैरियर को लेकर पूरी तरह से सेफ रहेंगे. उन्होंने कहा कि केवल मल्टीनेशनल कंपनी में ही नहीं बल्कि दूसरी फील्ड में भी विदेशी भाषा के साथ अपना भविष्य सुरक्षित रख सकते हैं. कुल मिलाकर विदेशी भाषा सीखकर युवा अपना कैरियर बनाने के लिए आगे आ रहे हैं और पिछले कुछ सालों में जिस तरह से भारत में विदेशी कंपनियों का निवेश बढ़ा है और विदेशी कंपनियां भारतीय युवाओं को मौका दे रही हैं ऐसे में विदेशी भाषाओं की तरफ भी भारतीय युवाओं की रुचि काफी बढ़ी है जिससे रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं.
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