फरीदाबाद: एनआईटी थाना इलाके की भगत कॉलोनी में रहने वाले शराब व्यापारी के घर तीन महीने पहले हुई 55 लाख रुपए (Faridabad police exposed theft of 55 lakhs) की चोरी का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने चोरी के आरोप में व्यापारी के भाई की बेटी,उसके दोस्त व एक तांत्रिक सहित 4 जनों को गिरफ्तार किया है. सभी आरोपी फरीदाबाद के एनआईटी एरिया के रहने वाले हैं. आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने चोरी किए गए 13 लाख रुपए,दो मोबाइल फोन व चोरी के रुपयों से खरीदी कार को बरामद किया है. पुलिस इस केस में शामिल अन्य नामजद आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दे रही है.
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि आरोपियों ने चोरी की इस वारदात को 3 महीने पहले अगस्त में अंजाम दिया था. लेकिन शराब व्यापारी मनोज को 12 नवंबर को इसके बारे में पता चला. जब उसे घर की अलमारी में रखे 55 लाख रुपए नहीं मिले. व्यापारी ने इसकी रिपोर्ट एनआईटी पुलिस थाने में दर्ज कराई. मनोज ने रिपोर्ट में बताया कि किस्त भरने के लिए अलमारी में रखे 55 लाख रुपए गायब हैं. इस पर केस दर्ज कर पुलिस टीम का गठन किया गया. एनआईटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुनीता व उनकी टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी सागर,कशिश के साथ ही तांत्रिक रफीक व संजौली को धर दबोचा.
सीसीटीवी फुटेज, आसपास के लोगों से की गई पूछताछ के आधार पर पुलिस ने 13 नवंबर को आरोपी सागर व कशिश को नीलम चौक से गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों की निशानदेही पर संजौली और आरोपी तांत्रिक रफीक भी पकड़े गए. आरोपी सागर तथा तांत्रिक रफीक को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया. पुलिस जांच के दौरान सामने आया कि आरोपी सागर पहले शराब कारोबारी के ठेके पर काम करता था. शराब व्यापारी मनोज का एक भाई नितिन भी भगत कॉलोनी में ही रहता है. पिछले वर्ष नितिन को पैरालिसिस हो गया था. इसके बाद व्यापारी ने सागर को उसकी देखभाल करने के लिए रखा था.
इसी दौरान उसकी मुलाकात नितिन की बेटी कशिश से हुई और दोनों की दोस्ती हो गई. आरोपी सागर सट्टे की लत के कारण बढ़ते कर्ज से परेशान रहने लगा. कशिश ने जब उससे इस बारे में पूछा तो उसने अपने घर से जेवरात लाकर सागर को दे दिए. सागर ने मुथूट फाइनेंस कंपनी से इन जेवरात पर 15 लाख रुपए का लोन ले लिया. इसके बाद भी आरोपी सट्टा खेलता रहा. उसने कशिश को खुद पर काफी कर्जा होने की बात बताई. कशिश और सागर को पता था कि व्यापारी मनोज के घर पर काफी कैश रहता है. दोनों ने चोरी की योजना बनाई.
ऐसे दिया वारदात को अंजाम: व्यापारी मनोज अगस्त में हिमाचल के चंबा स्थित अपनी रिश्तेदारी में गया था. इस दौरान उसकी मां भी अपने नए मकान में चली गई. सागर और कशिश ने इस मौके का फायदा उठाते हुए पैसों का लालच देकर पड़ोस में रहने वाली संजौली को भी वारदात में शामिल कर लिया. घटना के समय संजौली घर के बाहर निगरानी कर रही थी. योजना के मुताबिक आरोपियों ने चाबी बनाने वाले को घर बुलाया और उससे मकान की नकली चाबी बनवा ली. दोनों ने अलमारी में रखा रुपयों से भरा बैग चोरी कर लिया. इसमें से 50 हज़ार रुपए संजौली को देकर बाकी के रुपए सागर अपने घर ले गया.
सट्टे की लत ने बनाया चोर: पुलिस के अनुसार वारदात का मुख्य आरोपी सागर तांत्रिक रफीक के संपर्क में था. जिससे वह सट्टे का नंबर लेता था. तांत्रिक के कहने पर सागर ने एक बार ढाई लाख रुपए का सट्टा लगाया था.इसमें वह 10 लाख रुपए जीता था. लालच के चलते उसे सट्टे की लत लग गई. सट्टे में लगातार हारने के कारण उस पर कर्जा चढ़ गया, जिसे उतारने के लिए उसने बड़ी चोरी की योजना बनाई थी.
ऐशो आराम पर खर्च किए लाखों रुपए: कशिश ने सागर से 8 लाख रुपए लिए. जिसमें से 3 लाख रुपए से उसने मकान की मरम्मत कराई. वहीं सागर ने 23 लाख रुपए से जेवरात पर लिए कर्ज को चुकाया और जो जेवरात वापस मिले उन पर एक और लोन ले लिया. जेवरात के मामले में सागर के खिलाफ पुलिस ने अलग से केस दर्ज किया है. जिसकी जांच अभी की जा रही है. सागर ने 4.50 लाख रुपए की एक कार खरीद ली और 8 लाख रुपए से मकान की मरम्मत कराई. सागर ने पुलिस को बताया कि चुराए रुपयों में से 5-5 लाख रुपए अपने मामा किशन व मौसी के लड़के नोनी को दिए. वहीं 2 लाख रुपए अपनी बहन काजल को दिए, जो दिल्ली में रहती है. इसके अलावा 2 लाख रुपए तांत्रिक रफीक को दिए. यह रुपए रफीक ने हथीन में रहने वाले अपने मामा खुर्शीद को दे दिए. पुलिस अब उन लोगों की तलाश में जुटी है, जिन्हें सागर ने रुपए दिए थे.