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फरीदाबाद की डिप्टी लेबर कमिश्नर सुधा चौधरी सस्पेंड, उद्यमियों से वसूली का आरोप - faridabad deputy labor commissioner suspended

फरीदाबाद की डिप्टी लेबर कमिश्नर सुधा चौधरी को राज्य सरकार ने सस्पेंड कर दिया है. सुधा चौधरी पर जिले के उद्यमियों ने वसूली करने का आरोप लगाते हुए सरकार से शिकायत की थी. जिसके बाद सरकार ने इनपर कार्रवाई की है.

faridabad deputy labor commissioner sudha chaudhary suspended
फरीदाबाद की डिप्टी लेबर कमिश्नर सुधा चौधरी को हरियाणा सरकार ने किया सस्पेंड
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Published : Oct 18, 2020, 10:51 PM IST

फरीदाबाद: राज्य सरकार के आदेश का पालन ना करके कोर्ट से स्टे ऑर्डर लाकर फरीदाबाद में ही डटे रहना डिप्टी लेबर कमिश्नर सुधा चौधरी को महंगा पड़ गया. सरकार ने उन्हें रिटायरमेंट के तीन महीने पहले ही सस्पेंड कर दिया है.

कहा तो ये भी जा रहा है कि कुछ उद्यमियों ने कोरोना काल में अनलॉक लागू होने के बाद विभाग के अधिकारियों द्वारा कंपनियों में जाकर वसूली करने की शिकायत राज्य सरकार से की थी. इसकी कितनी सच्चाई है ये तो जांच का विषय है लेकिन डीएलसी खुद को बेकसूर बता रही हैं.

बता दें कि, डिप्टी लेबर कमिश्रर सुधा चौधरी कई वर्षों से फरीदाबाद में ही तैनात रही हैं. हुड्डा कार्यकाल में इनकी तूती बोलती थी. विभागीय सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों राज्य सरकार ने इनका ट्रांसफर कर दिया था. दूसरे जिले में जाने के बजाय सुधा चौधरी हाईकोर्ट जाकर स्टे ऑर्डर ले कर आ गयी और फरीदाबाद में ही डटी रही.

डिप्टी लेबर कमिश्रर के इस कदम से सरकार खासी नाराज थी. सूत्रों ने ये भी बताया कि कोरोना काल में जब अनलॉक लागू होने के बाद कंपनियां खुलनी शुरू हुई. तो श्रम विभाग के अधिकारी वहां पहुंचकर एसपीओ लागू न करने के नाम पर प्रताड़ित किया और जेब भी गरम की. इसकी शिकायत उद्यमियों ने सरकार से की. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने सुधा चौधरी को सस्पेंड कर दिया. अगले साल जनवरी 2021 में इनका रिटायरमेंट भी है.

सरकार ने व्यापारियों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डिप्टी लेबर कमिश्नर के खिलाफ कार्रवाई की है. अब जांच के बाद ही पता चल सकेगा के डिप्टी लेबर कमिश्नर पर लगे आरोप कितने सच हैं.

ये भी पढ़ें: बरोदा उपचुनाव में उतरेंगे कांग्रेस के ये 30 स्टार प्रचारक, राजस्थान के नेता भी शामिल

फरीदाबाद: राज्य सरकार के आदेश का पालन ना करके कोर्ट से स्टे ऑर्डर लाकर फरीदाबाद में ही डटे रहना डिप्टी लेबर कमिश्नर सुधा चौधरी को महंगा पड़ गया. सरकार ने उन्हें रिटायरमेंट के तीन महीने पहले ही सस्पेंड कर दिया है.

कहा तो ये भी जा रहा है कि कुछ उद्यमियों ने कोरोना काल में अनलॉक लागू होने के बाद विभाग के अधिकारियों द्वारा कंपनियों में जाकर वसूली करने की शिकायत राज्य सरकार से की थी. इसकी कितनी सच्चाई है ये तो जांच का विषय है लेकिन डीएलसी खुद को बेकसूर बता रही हैं.

बता दें कि, डिप्टी लेबर कमिश्रर सुधा चौधरी कई वर्षों से फरीदाबाद में ही तैनात रही हैं. हुड्डा कार्यकाल में इनकी तूती बोलती थी. विभागीय सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों राज्य सरकार ने इनका ट्रांसफर कर दिया था. दूसरे जिले में जाने के बजाय सुधा चौधरी हाईकोर्ट जाकर स्टे ऑर्डर ले कर आ गयी और फरीदाबाद में ही डटी रही.

डिप्टी लेबर कमिश्रर के इस कदम से सरकार खासी नाराज थी. सूत्रों ने ये भी बताया कि कोरोना काल में जब अनलॉक लागू होने के बाद कंपनियां खुलनी शुरू हुई. तो श्रम विभाग के अधिकारी वहां पहुंचकर एसपीओ लागू न करने के नाम पर प्रताड़ित किया और जेब भी गरम की. इसकी शिकायत उद्यमियों ने सरकार से की. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने सुधा चौधरी को सस्पेंड कर दिया. अगले साल जनवरी 2021 में इनका रिटायरमेंट भी है.

सरकार ने व्यापारियों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डिप्टी लेबर कमिश्नर के खिलाफ कार्रवाई की है. अब जांच के बाद ही पता चल सकेगा के डिप्टी लेबर कमिश्नर पर लगे आरोप कितने सच हैं.

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