फरीदाबाद: फरीदाबाद में प्रदूषण का स्तर लोगों के लिए खतरे की घंटी बनता जा रहा है. शहर में प्रदूषण का स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच (Faridabad AQI on danger mark) गया है. जिससे लोगों को कापी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में प्रशासन के प्रदूषण कम करने दावे भी फेल होते नजर आ रहे है. शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के करीब पहुंच गया है. प्रदूषण के चलते लोगों को घने कोहरे की चादर के बीच से होकर अपने काम के लिए निकलना पड़ रहा है.
जब भी प्रदूषण को लेकर कोई भी सर्वे सामने आता है, उसमें फरीदाबाद प्रदूषण (Faridabad Air Quality Index) के मामले में हमेशा पहले पायदान पर ही रहता है. रविवार को भी फरीदाबाद के अलग-अलग हिस्सो का एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के करीब रहा. फरीदाबाद के सेक्टर 11 का एयर क्वालिटी इंडेक्स 448 रहा, इंडस्ट्रियल टाउन का एयर क्वालिटी इंडेक्स 449, फरीदाबाद के सेक्टर 30 का एयर क्वालिटी इंडेक्स 447 नजर आया. इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि फरीदाबाद की आबोहवा में किस तरह से जहर घुल रहा है.
हालांकि नगर निगम प्रदूषण को कम करने के लाख दावे कर रहा है. लेकिन धरातल पर नगर निगम प्रशासन के दावे फेल होते नजर आ रहे है. फरीदाबाद में प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने तमाम तरह के कंस्ट्रक्शन पर रोक लगाई हुई है. उसके बाद भी फरीदाबाद का AQI कम होने का नाम नहीं ले रहा है. आलम यह है कि पूरे दिन सड़कों पर घना कोहरा देखने को मिल रहा है. प्रदूषण का स्तर बढ़ने से (Faridabad Air Quality Index) कहीं ना कहीं सांस के मरीजों में भी बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही सांस संबंधी मरीजों को कई प्रकार की दिक्कतें हो रही हैं. ऐसे में वायु प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और नगर निगम को कई सारे सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है.
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एयर क्वालिटी इंडेक्स कैसे जाना जाएं: एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.
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