फरीदाबाद: जिला स्वास्थ्य विभाग की तमाम कोशिशों के बाद भी गांवों और शहरों में झोलाछाप डॉक्टरों की पूरी भरमार है. गांव के मोहल्ले हों या फिर शहर की कालोनियां, सभी जगह झोलाछाप डॉक्टर भारी संख्या में पैर पसार कर जमे हुए हैं. मरीज इन झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज जरूर करवाते हैं, लेकिन उन्हें ये मालूम नहीं होता कि उनका इलाज भगवान भरोसे ही हो रहा है.
झोलाछाप डॉक्टर वो होते हैं जिन्होंने ना तो डॉक्टरी की पढ़ाई की होती है और ना ही इनके पास कोई डिग्री होती है. प्राइवेट अस्पतालों में एक से दो साल अवैध रूप से प्रैक्टिस करते हैं और फिर किसी मोहल्ले में अपना क्लीनिक खोलकर बैठ जाते हैं.
झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला
फरीदाबाद में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसका एक कारण सरकारी तंत्र भी है. सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था बेहतर नहीं है और हर कोई बड़े-बड़े प्राइवेट अस्पतालों में इलाज नहीं करवा सकता.
ऐसे में लोगों को झोलाछाप डॉक्टर एक बेहतर विकल्प दिखते हैं, लेकिन इन डॉक्टरों से इलाज करवाना जान जोखिम में डालने के बराबर है. कई बार ऐसा होता है कि मरीज की हालत नाजुक होती है और फिर भी झोलाछाप डॉक्टर अपने अनुसार इलाज करते हैं. ऐसे में कई मरीज अपनी जान तक गंवा देते हैं.
इनकी शिकायत करना बेहद जरूरी
पुलिस आंकड़ों की मानें तो साल 2019 में फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी कर 16 फर्जी अस्पतालों और डॉक्टरों का भंडोफोड़ किया. जिनमें से कुछ बिना मेडिकल डिग्री के अस्पताल चला रहे थे, तो कुछ एसबीबीएस डॉक्टर के पास कंपाउंडर का काम करके आए थे.
ये भी पढे़ं- हरियाणा में ठंड का प्रकोप, यहां जानिए क्या हैं सर्दी से बचने के आयुर्वेदिक तरीके
ऐसे में एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर ये जिम्मेदारी आपकी भी बनती है कि अगर आपके मोहल्ले में कोई झोलाछाप डॉक्टर अपना क्लीनिक चला रहा है तो उसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन से करें, ताकि मरीजों की जान से खिलवाड़ ना हो.