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पतंजलि ने खरीदी अरावली में जमीन! सरपंच ने ईटीवी से कहा- हमें धोखा देकर हड़प ली

सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद अरावली पर्वत श्रृंख्ला में 400 एकड़ से ज्यादा जमीन को बेच दिया गया. गांव कोट के लोगों का कहना है कि ये उनके साथ धोखा है. ग्रामीणों का कहना है कि लोगों को बहला-फुसलाकर शामलात देह की जमीन को पतंजलि ग्रुप की तरफ से हड़प लिया गया है.

पतंजलि ने खरीदी अरावली में जमीन! सरपंच ने ईटीवी से कहा- हमें धोखा देकर हड़पी ली
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Published : Jun 12, 2019, 12:07 AM IST

Updated : Jun 12, 2019, 1:52 AM IST

फरीदाबाद: अरावली पर्वतों में पतंजलि ग्रुप द्वारा अधिग्रहित की गई 400 एकड़ से ज्यादा भूमि का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. एक तरफ ग्रामीण पतंजलि ग्रुप की तरफ से उनके साथ धोखा बता रहे हैं वही दूसरी राजनीतिक पार्टियां अभी से चुनावी मुद्दा बना रही है. इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने गांव कोर्ट जाकर ग्रामीणों से जानकारी हासिल की, क्योंकि अरावली के पहाड़ों के बीच बसे गांव कोर्ट कि 400 एकड़ ज्यादा देह शामलात की भूमि पतंजलि ग्रुप के कब्जे में है.

अरावली में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची, देखिए वीडियो

ईटीवी भारत पर बातचीत करते हुए ग्रामीणों ने बताया की पतंजलि की तरफ से लोगों को कुछ रुपयों का लालच देकर बहला फुसलाया गया और करोड़ों की जमीन को कौड़ियों के दाम धोखे से खरीदा गया, उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को तो जमीन का एक पैसा भी नहीं दिया गया. लोगों ने बताया कि जमीन बेचे जाने के बारे में उनको जब पता चला जब उनकी जमीन पर तार फेंसिंग होने लगी तो उनको पता चला कि उनकी जमीन पर पतंजलि ग्रुप ने कब्जा कर लिया है.

पैसों का लालच देकर जमीन हड़प ली- सरपंच
लोगों ने कहा कि 400 एकड़ से भी ज्यादा भूमि शामलात देह गांव की थी जो गांव के लोगों के पास थी, लेकिन पतंजलि ग्रुप ने अधिकारियों के साथ मिलकर सारी शामलात देह की जमीन को अपने कब्जे में ले लिया और लोगों को थोड़े-थोड़े पैसों का लालच देकर लोगो से जमीन छीनकर उस पर पतंजलि समूह ने कब्जा कर लिया, गांव के युवकों ने बताया एक गांव के ही कुछ लोगों ने अपने लालच के लिए पतंजलि ग्रुप के साथ मिलकर गांव के साथ धोखा किया ,युवकों ने कहा कि उन लोगों के साथ पतंजलि ग्रुप ने धोखा किया है और वह चाहते हैं कि वह जमीन गांव को वापस मिले।

'पतंजलि के अलावा कई ग्रुप कर रहे हैं कब्जा'
वहीं कोट गांव की सरपंच केसर सिंह ने बताया के 2016 में जब उनकी पत्नी सरपंच बनी तो डीसी कोर्ट में इस मामले को लेकर गए, जो मामला अभी भी चल रहा है उन्होंने कहा कि पतंजलि ही नहीं पतंजलि के अलावा कई ऐसे अन्य ग्रुप हैं. जिन्होंने शामलात देह की जमीन पर कब्जा किया हुआ है, लेकिन देह शामलात की सबसे ज्यादा जमीन 400 एकड़ से भी ज्यादा जमीन पर पतंजलि ने कब्जा किया हुआ है. उन्होंने कहा कि पतंजलि ने देह शामलात कि जिस जमीन पर कब्जा किया वह 2011 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया.

SC ने शामलात जमीन को पंचायत को देने का आदेश दिया था
उन्होंने कहा कि 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश किया कि शामलात देह की जमीन को पंचायत को दे दिया जाएगा और इस जमीन को ना तो कोई खरीद सकता है ना ही बेच सकता है. इस जमीन पर किसी प्रकार का खेती और व्यवसायीकरण इस जमीन पर नहीं किया जा सकता, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी ना तो देह शामलात की जमीन को पंचायत को दिया गया और ना ही जमीन के ऊपर से पतंजलि ग्रुप द्वारा कब्जे हटाए गए.

'20-50 हजार का लालच देकर हड़पी जमीन'
उन्होंने कहा के कांग्रेस के समय भी कौड़ियों के भाव जमीन को धोखे से कब्जाया गया, लेकिन किसी ने ग्रामीणों की मदद नहीं की, उन्होंने कहा कि 50,000 और 20,000 रुपये का लालच देकर लोगों को जमीन से हटाया गया और उन पर गलत तरीके से पतंजलि ग्रुप द्वारा कब्जे किये किए गए. उन्होंने कहा कि पैसा और पावर के चलते अब बहुत जल्द ही इस जमीन की चकबंदी होने वाली है. जिसके बाद देह शामलात की जमीन पंचायत को कभी वापस नहीं मिलेगी.

क्या है पूरा मामला ?
रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि, बाबा रामदेव के पतंजलि समूह ने हरियाणा के फरीदाबाद जिले में अरावली क्षेत्र में 400 एकड़ से अधिक भूमि को खरीद लिया है. रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि वन भूमि के बड़े हिस्से का लेनदेन 2014 से 2016 के बीच हुआ था. इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि नियमानुसार यह जमीन अधिग्रहित नहीं की जा सकती इस अधिग्रहण 400 एकड़ में से अधिकतर जमीन गैर मुमकिन पहाड़ या शामलात देह की है. 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि श्यामलात देह यानी गांव की सारी जमीन को ग्राम पंचायतों को वापस कर दिया जाना चाहिए और इसके साथ ही ऐसी किसी भी बिक्री को अवैध करार दिया गया था.

सरकार ने बनाया कानून तो SC ने लगा दी फटकार
आपको ये भी बता दें कि हरियाणा विधानसभा ने इसी साल फरवरी में 'पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम, 1990' में संशोधन किया. इस संसोधन से पर्वतीय श्रृंखला में रियल स्टेट के विकास और खनन के लिए हजारों एकड़ जमीन अधिग्रहण करने का रास्ता साफ हो गया है. सरकार के इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जंगल को तबाह करने की कोशिश करने के लिए सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी. शीर्ष अदालत ने संशोधित अधिनियम के तहत किसी भी जमीन अधिग्रहण जैसी किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.

फरीदाबाद: अरावली पर्वतों में पतंजलि ग्रुप द्वारा अधिग्रहित की गई 400 एकड़ से ज्यादा भूमि का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. एक तरफ ग्रामीण पतंजलि ग्रुप की तरफ से उनके साथ धोखा बता रहे हैं वही दूसरी राजनीतिक पार्टियां अभी से चुनावी मुद्दा बना रही है. इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने गांव कोर्ट जाकर ग्रामीणों से जानकारी हासिल की, क्योंकि अरावली के पहाड़ों के बीच बसे गांव कोर्ट कि 400 एकड़ ज्यादा देह शामलात की भूमि पतंजलि ग्रुप के कब्जे में है.

अरावली में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची, देखिए वीडियो

ईटीवी भारत पर बातचीत करते हुए ग्रामीणों ने बताया की पतंजलि की तरफ से लोगों को कुछ रुपयों का लालच देकर बहला फुसलाया गया और करोड़ों की जमीन को कौड़ियों के दाम धोखे से खरीदा गया, उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को तो जमीन का एक पैसा भी नहीं दिया गया. लोगों ने बताया कि जमीन बेचे जाने के बारे में उनको जब पता चला जब उनकी जमीन पर तार फेंसिंग होने लगी तो उनको पता चला कि उनकी जमीन पर पतंजलि ग्रुप ने कब्जा कर लिया है.

पैसों का लालच देकर जमीन हड़प ली- सरपंच
लोगों ने कहा कि 400 एकड़ से भी ज्यादा भूमि शामलात देह गांव की थी जो गांव के लोगों के पास थी, लेकिन पतंजलि ग्रुप ने अधिकारियों के साथ मिलकर सारी शामलात देह की जमीन को अपने कब्जे में ले लिया और लोगों को थोड़े-थोड़े पैसों का लालच देकर लोगो से जमीन छीनकर उस पर पतंजलि समूह ने कब्जा कर लिया, गांव के युवकों ने बताया एक गांव के ही कुछ लोगों ने अपने लालच के लिए पतंजलि ग्रुप के साथ मिलकर गांव के साथ धोखा किया ,युवकों ने कहा कि उन लोगों के साथ पतंजलि ग्रुप ने धोखा किया है और वह चाहते हैं कि वह जमीन गांव को वापस मिले।

'पतंजलि के अलावा कई ग्रुप कर रहे हैं कब्जा'
वहीं कोट गांव की सरपंच केसर सिंह ने बताया के 2016 में जब उनकी पत्नी सरपंच बनी तो डीसी कोर्ट में इस मामले को लेकर गए, जो मामला अभी भी चल रहा है उन्होंने कहा कि पतंजलि ही नहीं पतंजलि के अलावा कई ऐसे अन्य ग्रुप हैं. जिन्होंने शामलात देह की जमीन पर कब्जा किया हुआ है, लेकिन देह शामलात की सबसे ज्यादा जमीन 400 एकड़ से भी ज्यादा जमीन पर पतंजलि ने कब्जा किया हुआ है. उन्होंने कहा कि पतंजलि ने देह शामलात कि जिस जमीन पर कब्जा किया वह 2011 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया.

SC ने शामलात जमीन को पंचायत को देने का आदेश दिया था
उन्होंने कहा कि 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश किया कि शामलात देह की जमीन को पंचायत को दे दिया जाएगा और इस जमीन को ना तो कोई खरीद सकता है ना ही बेच सकता है. इस जमीन पर किसी प्रकार का खेती और व्यवसायीकरण इस जमीन पर नहीं किया जा सकता, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी ना तो देह शामलात की जमीन को पंचायत को दिया गया और ना ही जमीन के ऊपर से पतंजलि ग्रुप द्वारा कब्जे हटाए गए.

'20-50 हजार का लालच देकर हड़पी जमीन'
उन्होंने कहा के कांग्रेस के समय भी कौड़ियों के भाव जमीन को धोखे से कब्जाया गया, लेकिन किसी ने ग्रामीणों की मदद नहीं की, उन्होंने कहा कि 50,000 और 20,000 रुपये का लालच देकर लोगों को जमीन से हटाया गया और उन पर गलत तरीके से पतंजलि ग्रुप द्वारा कब्जे किये किए गए. उन्होंने कहा कि पैसा और पावर के चलते अब बहुत जल्द ही इस जमीन की चकबंदी होने वाली है. जिसके बाद देह शामलात की जमीन पंचायत को कभी वापस नहीं मिलेगी.

क्या है पूरा मामला ?
रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि, बाबा रामदेव के पतंजलि समूह ने हरियाणा के फरीदाबाद जिले में अरावली क्षेत्र में 400 एकड़ से अधिक भूमि को खरीद लिया है. रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि वन भूमि के बड़े हिस्से का लेनदेन 2014 से 2016 के बीच हुआ था. इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि नियमानुसार यह जमीन अधिग्रहित नहीं की जा सकती इस अधिग्रहण 400 एकड़ में से अधिकतर जमीन गैर मुमकिन पहाड़ या शामलात देह की है. 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि श्यामलात देह यानी गांव की सारी जमीन को ग्राम पंचायतों को वापस कर दिया जाना चाहिए और इसके साथ ही ऐसी किसी भी बिक्री को अवैध करार दिया गया था.

सरकार ने बनाया कानून तो SC ने लगा दी फटकार
आपको ये भी बता दें कि हरियाणा विधानसभा ने इसी साल फरवरी में 'पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम, 1990' में संशोधन किया. इस संसोधन से पर्वतीय श्रृंखला में रियल स्टेट के विकास और खनन के लिए हजारों एकड़ जमीन अधिग्रहण करने का रास्ता साफ हो गया है. सरकार के इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जंगल को तबाह करने की कोशिश करने के लिए सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी. शीर्ष अदालत ने संशोधित अधिनियम के तहत किसी भी जमीन अधिग्रहण जैसी किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.

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सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद अरावली पर्वत श्रृंख्ला में 400 एकड़ से ज्यादा जमीन को बेच दिया गया. गांव कोट के लोगों का कहना है कि ये उनके साथ धोखा बताया है. ग्रामीणों का कहना है कि लोगों को बहला-फुसलाकर शामलात देह की जमीन को पतंजलि ग्रुप की तरफ से हड़प लिया गया है.

 


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Last Updated : Jun 12, 2019, 1:52 AM IST
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