फरीदाबाद: शहर के नगर निगम का एक ओर कारनामा सामने आया है. निगम ने इंडियन ऑयल और अन्य कंपनियों से सीएसआर के तहत मिले 50 ट्रैक्टर निजी ठेका कंपनी इकोग्रीन (Ecogreen company in Faridabad) को सौंप दिए. इकोग्रीन इन ट्रैक्टरों से शहर का कचरा उठा रही थी. जबकि इनका उपयोग नगर निगम द्वारा शहर में स्वच्छता अभियान को लेकर किया जाना चाहिए था. अब इसका खुलासा होने पर कंपनी से किराया वसूलने की तैयारी की जा रही है.
शहर की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रही निजी कंपनी इकोग्रीन सीएसआर से मिले 50 ट्रैक्टर-ट्रॉली से शहर के अलग-अलग इलाकों से कचरा उठा रही है. कंपनी इन ट्रैक्टरों का खुद के लाभ के लिए व्यवसायिक उपयोग कर रही है. यह नियमानुसार गलत है. क्योंकि नगर निगम द्वारा इकोग्रीन कंपनी को कचरा उठाने के लिए हर महीने करोड़ों रुपए का भुगतान किया जाता है. चाइनीज कंपनी इकोग्रीन को 2017 में शहर की सफाई व्यवस्था का ठेका दिया गया.
इस दौरान हुए कार्यक्रम में सीएम मनोहर लाल ने हरी झंडी दिखाकर इन्हें रवाना किया था. निजी कंपनी की जिम्मेदारी बनती है कि वो खुद के वाहनों से कचरा उठाए लेकिन कंपनी सीएसआर के तहत मिले ट्रैक्टर-ट्रॉली का उपयोग कर रही है. इसकी शिकायत मिलने पर सरकार ने इस पर संज्ञान लिया है.
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मुख्य सचिव कार्यालय ने पत्र लिखकर कमेटी को जांच करने का आदेश दिया है. कमेटी से 3 हफ्ते के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी गई है. निगमायुक्त जितेंद्र दहिया ने संयुक्त आयुक्त डॉक्टर गौरव अंतिल की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है. इसी कमेटी को तय करना है कि इकोग्रीन से ट्रैक्टर ले लिए जाएं और ठेका कंपनी से उसका किराया भी वसूला जाए. किराए की राशि भी इसी कमेटी को तय करनी है. वहीं इकोग्रीन के सहायक महाप्रबंधक अनंतनाथ सुथु ने माना कि नगर निगम ने किराए की मांग की है. निगम जो भी किराया तय करेगी वह कंपनी उसे देने को तैयार है. निगम द्वारा दिए गए ट्रैक्टरों को भी जल्द ही निगम को लौटा दिया जाएगा.
नगर निगम (Faridabad Municipal Corporation) द्वारा लगभग 2 करोड़ रुपए इकोग्रीन कंपनी को दिए जाते हैं. इसके साथ ही इकोग्रीन प्रत्येक घर से 50 रुपए मासिक शुल्क लेता है. बावजूद इसके इकोग्रीन कंपनी के कर्मचारी रोजाना कचरा उठाने नहीं आ रहे हैं. कई बार शिकायत करने के बावजूद भी ठेका कंपनी की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हुआ है. इसको लेकर कंपनी पर सरकार ने कई बार जुर्माना भी लगाया लेकिन कंपनी की कार्यप्रणाली जस की तस बनी हुई है.