फरीदाबाद: 36वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में अलग-अलग रंग देखने को मिल रहा है. मेले में कई जगहों पर सेल्फी पॉइंट बनाया गया है. मेले में आप एक से बढ़कर एक कलाकारी को भी देख सकते हैं. सूरजकुंड मेले में आकर्षण का केंद्र बना 'हरियाणा का आपणा घर' में हरियाणा की संस्कृति कल्चर से जुड़े सभी तरह के सामानों को खूब पसंद किया जा रहा है. 'हरियाणा का आपणा घर' में हरियाणा की संस्कृति से जुड़े पुराने सामान का एग्जीबिशन लगा हुआ है, जिसमें मुख्य रुप से हरियाणा का पहनावा, ज्वेलरी, हाथ का कंगन यह तमाम चीजें जो दादी पहना करती थीं सभी कुछ मेले में लगा हुआ है.
वहीं लोंगों के घर में जब बिजली नहीं हुआ करती थी तो उस समय लोग लालटेन से अपने घर को उजाला किया करते थे. पुरानी सभ्यता के दौरान प्रयोग में लाए गए लालटेन को भी यह पर रखा गया है. इसके बाद बात की जाए तालों की तो आप देखेंगे तालों का वजन 20 से 25 किलो तक है. वह इसी तरह से हरियाणा की संस्कृति को संभालकर रखने वाले सामानों का यहां पर एग्जीबिशन लगाया गया है, जहां पर लोग जिन्होंने अपने दिनचर्या में इन चीजों का कभी प्रयोग नहीं किया वह लोग यहां पर आते हैं और इन चीजों के बारे में नजदीकी से जानते हैं.
परिधान का एग्जीबिशन लगाने वाली महिला का कहना है कि अब जमाना आधुनिक है, लेकिन पुराने जमाने में यह परिधान हमारे घर की महिलाएं पहले पहना करती थीं. इस परिधान को पहनकर वह शादी कार्यक्रम में शिरकत भी करती थीं. महिला ने बताया कि एक-एक सामान को उसने संजोकर रखा है.
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आजकल के युवाओं को इन परिधान के बारे में नहीं पता है. वह मेला आते हैं और बस यह जानने की कोशिश करते हैं कि उनकी दादी परदादी इसी तरह का परिधान पहला पहना करती थीं. यही वह परिधान है जिसको हर एक उत्सव में महिलाओं द्वारा पहना जाता था. इसके अलावा बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जो हमारी संस्कृति से जुड़ी हुई है. ऐसे सामान जोकि अब विलुप्त होते जा रहे हैं लेकिन फिर भी हमने इस धरोहर को संभाल के रखा हुआ है.