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कोरोना सर्वाइवर्स हो रहे मानसिक तनाव का शिकार, देखें ये स्पेशल रिपोर्ट - Mental stress corona patient

कोरोना को मात देने वाले लोगों को मानसिक तनाव का शिकार होना पड़ रहा है. इस तनाव का मुख्य कारण है कि इस वायरस से स्वस्थ होने के बावजूद भी लोग उनको शक की नजरों से देखते हैं और उनसे दूरी बनाकर रखते हैं. जिससे वो अपने आपको अकेलेपन में महसूस करते हैं.

Corona Survivors are suffering from mental stress
Corona Survivors are suffering from mental stress
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Published : Oct 3, 2020, 9:06 PM IST

फरीदाबाद: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रभाव हर किसी पर पड़ा है. कोरोना से पीड़ित होने वाले लोगों को तो शारीरिक के साथ-साथ मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ता है. लेकिन जो लोग कोरोना को मात दे चुके हैं अब वो लोग भी मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं.

कोरोना सर्वाइवर्स हो रहे मानसिक तनाव का शिकार, देखें ये स्पेशल रिपोर्ट

इस तनाव का मुख्य कारण लोगों की शक की नजरें हैं. लोग इनसे सामाजिक दूरी तो बना कर रखते ही हैं, लेकिन इनको अकेला छोड़कर इनका सामाजिक बहिष्कार तक किया जा रहा है, जिससे ये लोग अकेलेपन में जकड़ते जा रहे हैं.

सामाजिक दूरी रखें, अकेलेपन में ना ढकेलें

कोरोना वायरस को मात देने वाले प्रेम कुमार बताते हैं कि वो जबसे ठीक हुए हैं तभी से उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता. लोग उनको देखते ही दूर भागने लगते हैं. आस-पास के लोगों को ऐसा लगता है कि अगर इसके संपर्क में आए तो उन्हें भी कोरोना हो जाएगा.

कोरोना वायरस से बचाव के लिए सामाजिक दूरी बेहद जरूरी है, लेकिन ये दूरी उन लोगों के लिए अभिशाप साबित हो रही जो कोरोना पॉजिटिव होने के बाद ठीक हो चुके हैं. लोग उनसे सहानुभूति रखने की बजाय दूर भाग रहे हैं.

सामाजिक दूरी के साथ सहानुभूति जरूरी

सिविल सर्जन डॉ. ब्रह्मदीप कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना से ठीक हो चुका है तो उस आवश्यक दूरी रखें, लेकिन उनका मनोबल जरूर बढ़ाएं. जिससे वो व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होता है. कोरोना ये ठीक हुए मरीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. सामाजिक दूरी रखें, लेकिन उन्हें अकेलेपन में ना ढकेलें. अगर उन्हें शक की नजरों से देखा जाएगा तो वो मानसिक तनाव से गुजरेंगे, जो एक स्वस्थ समाज के लिए खतरनाक है.

ये भी पढे़ं- नूंह में बरसाती प्याज की रिकॉर्ड खेती, किसानों को अच्छा दाम मिलने की उम्मीद

फरीदाबाद: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रभाव हर किसी पर पड़ा है. कोरोना से पीड़ित होने वाले लोगों को तो शारीरिक के साथ-साथ मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ता है. लेकिन जो लोग कोरोना को मात दे चुके हैं अब वो लोग भी मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं.

कोरोना सर्वाइवर्स हो रहे मानसिक तनाव का शिकार, देखें ये स्पेशल रिपोर्ट

इस तनाव का मुख्य कारण लोगों की शक की नजरें हैं. लोग इनसे सामाजिक दूरी तो बना कर रखते ही हैं, लेकिन इनको अकेला छोड़कर इनका सामाजिक बहिष्कार तक किया जा रहा है, जिससे ये लोग अकेलेपन में जकड़ते जा रहे हैं.

सामाजिक दूरी रखें, अकेलेपन में ना ढकेलें

कोरोना वायरस को मात देने वाले प्रेम कुमार बताते हैं कि वो जबसे ठीक हुए हैं तभी से उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता. लोग उनको देखते ही दूर भागने लगते हैं. आस-पास के लोगों को ऐसा लगता है कि अगर इसके संपर्क में आए तो उन्हें भी कोरोना हो जाएगा.

कोरोना वायरस से बचाव के लिए सामाजिक दूरी बेहद जरूरी है, लेकिन ये दूरी उन लोगों के लिए अभिशाप साबित हो रही जो कोरोना पॉजिटिव होने के बाद ठीक हो चुके हैं. लोग उनसे सहानुभूति रखने की बजाय दूर भाग रहे हैं.

सामाजिक दूरी के साथ सहानुभूति जरूरी

सिविल सर्जन डॉ. ब्रह्मदीप कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना से ठीक हो चुका है तो उस आवश्यक दूरी रखें, लेकिन उनका मनोबल जरूर बढ़ाएं. जिससे वो व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होता है. कोरोना ये ठीक हुए मरीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. सामाजिक दूरी रखें, लेकिन उन्हें अकेलेपन में ना ढकेलें. अगर उन्हें शक की नजरों से देखा जाएगा तो वो मानसिक तनाव से गुजरेंगे, जो एक स्वस्थ समाज के लिए खतरनाक है.

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