चंडीगढ़: हरियाणा में स्थानीय युवाओं के लिए निजी नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण का कानून लागू हो चुका (RESERVATION IN PRIVATE JOBS IN HARYANA) है. सरकार इस कानून को युवाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं मान रही. जबकि विपक्ष इस कानून के खिलाफ खड़ा है. फरीदाबाद एनआईटी से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा का कहना है कि जब विधानसभा में यह कानून लाया गया था तब मैं रोया था. उस दौरान मैने सब से इस बिल को पास न करने की गुहार लगाई थी क्योंकि यह कानून युवाओं के साथ धोखाधड़ी है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस कानून में जिलों के युवाओं लिए 10 फीसदी रिजर्वेशन की बात भी रखी है. यानी अगर किसी कंपनी में 75 फीसदी युवा हरियाणा से होंगे तो वही जिस जिले में वह कंपनी है उस जिले के मात्र 10 फीसदी युवाओं को ही इस आरक्षण का लाभ दिया जा सकता है जो उस जिले के युवाओं के साथ धोखा होगा. उन्होंने कहा कि मैं फरीदाबाद से आता हूं. फरीदाबाद हरियाणा का एक बड़ा इंडस्ट्रियल शहर है. यहां पर हजारों इंडस्ट्री है लेकिन यहां के युवाओं को इससे क्या लाभ होगा.
नीरज शर्मा ने कहा इंडस्ट्री लगने से जिलों पर अच्छे प्रभाव के साथ साथ कुछ बुरे प्रभाव भी पड़ते हैं. जैसे इंडस्ट्री के वजह से होने वाले प्रदूषण, ट्रैफिक जाम, कैंसर जैसी बीमारियां फरीदाबाद के लोग सहेंगे. इंडस्ट्री लगाने के लिए जमीन फरीदाबाद के किसान की जाएगी लेकिन नौकरी फरीदाबाद के युवाओं को नहीं मिलेगी. यह कैसा कानून है. उन्होंने कहा कि फरीदाबाद जैसे जिले ही सरकार चलाने के लिए मजबूत जिले माने जाते हैं और सरकार ने इन्ही जिलों के साथ ही धोखाधड़ी कर रही है. सरकार में फरीदाबाद के युवाओं के भविष्य को खत्म कर दिया है. इसलिए मैं इस कानून का विरोध करता हूं और इसे काला कानून मानता हूं.
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