फरीदाबाद: नागरिकता संशोधन कानून पर अब देशभर में राजनीति तेज हो गई है. पहले इस बिल का विरोध केवल छात्र कर रहे थे वहीं अब इस बिल के विरोध में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है. फरीदाबाद में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के ओर से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया और इस बिल को देश को बांटने वाला बताया. साथ ही सरकार से बिल वापस लेने की मागं की.
नागरिकता संशोधन बिल का विरोध
फरीदाबाद के सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय पर एकत्रित हुए वामपंथियों ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. कानून पर विरोध जताते हुए वामदलों के नेताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया की ओर से सैंकडों प्रदर्शनकारियों ने बिल के खिलाफ स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर रोष मार्च निकाला.
स्वतंत्रता सेनानियों को किया याद
टाउन पार्क पहुंचे वामदलों के नेताओं ने पहले अशफाकउल्लाह खां, रामप्रसाद बिस्मिल और चंद्रशेखर आजात को याद किया और लघु सचिवालय की ओर कूच किया, जहां उन्होंने कहा कि जब हिंदु-मुस्लिम ने एक साथ शाहदत दी थी तो विरासत भी एक साथ ही बंटनी चाहिए, बैनर पर लिखा था सांझी शाहदत-सांझी विरासत.
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मीडिया से बात करते हुए मार्क्सवादी नेता वीरेंद्र डंगवाल ने कहा कि ये देश एक धर्म का नहीं है बल्कि हिदु, मुस्लिम, सिख और ईसाई सहित सभी धर्मों का है. इसलिए ये कानून इस देश में लागू नहीं हो सकता है. वो इसका पुरजोर विरोध करे हैं. साथ ही उन्होंने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा सरकार इस बिल के माध्यम से लोगों को भटका रही है.