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फरीदाबाद में केंद्रीय बजट के खिलाफ कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी का विरोध प्रदर्शन - CPM protest faridabad

कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के सैकड़ों पदाधिकारियों ने सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि केंद्रीय बजट अमीर लोगों के लिए बनाया गया है. इसमें गरीब लोगों के लिए कुछ नहीं है.

protest against budget faridabad
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Published : Feb 25, 2020, 8:18 AM IST

Updated : Feb 25, 2020, 8:42 AM IST

फरीदाबाद: कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के सैकड़ों पदाधिकारियों ने फरीदाबाद के बीके चौक पर बजट में सरकार द्वारा अमीरों और कॉरपोरेट घरानों को भारी छूट देने के विरोध में नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने देश की परिसंपत्तियों को बेचने पर रोक लगाने, एलआईसी, रेलवे, बीएसएनएल, बैंकों और बीमा क्षेत्र में निजी निवेश करने के निर्णय को वापस लेने के नारे लगाए.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस बजट में गरीबों के लिए कुछ भी नहीं है. अर्थव्यवस्था में मंदी जारी है. बेरोजगारी की हालत काफी चिंताजनक है. सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण करना चाहती है. महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचार की घटनाओं में बढ़ोतरी देखने में आ रही है.

केंद्रीय बजट के खिलाफ कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी का विरोध प्रदर्शन, देखें वीडियो

'महिलाओं के साथ हो रहा है भेदभाव'

सत्ता में बैठे लोगों के संरक्षण के साथ ये बढ़ोतरी कई गुना और हो रही है. कामकाजी महिलाओं के खिलाफ अलग किस्म का भेदभाव जारी है. वित्त मंत्री ने बजट भाषण में व्यक्तिगत नागरिकों के लिए ईज आफ लिविंग (जीवन आसान बनाने) के लिए काफी बातें कहीं, लेकिन वास्तव में इसके उलट काम हो रहा है.

'सरकारी योजनाओं के आवंटित धन में भारी कटौती हुई है'

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए बजट में कटौती की गई है. मनरेगा और आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री किसान योजना के लिए आवंटित धन में भी भारी कटौती की गई है. इस बजट में उन कामकाजी लोगों के लिए जो वास्तव में देश के लिए दौलत का सृजन करते हैं उनको न्यूनतम वेतन देने में बढ़ोतरी करने का कोई प्रावधान नहीं है.

ये भी पढ़ें- ईटीवी भारत पर कांग्रेस विधायक जगबीर मलिक, 'सरकार के पास नहीं है रोडमैप'

गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार के द्वारा बजट पेश किया गया. जिसके खिलाफ आज फरीदाबाद में कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के सैकड़ों पदाधिकारियों ने सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बजट में सिर्फ अमीरों और कॉरपोरेट घरानों को छूट दी गई है. जबकि आम आदमी के लिए किसी प्रकार का कोई काम नहीं किया गया है.

फरीदाबाद: कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के सैकड़ों पदाधिकारियों ने फरीदाबाद के बीके चौक पर बजट में सरकार द्वारा अमीरों और कॉरपोरेट घरानों को भारी छूट देने के विरोध में नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने देश की परिसंपत्तियों को बेचने पर रोक लगाने, एलआईसी, रेलवे, बीएसएनएल, बैंकों और बीमा क्षेत्र में निजी निवेश करने के निर्णय को वापस लेने के नारे लगाए.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस बजट में गरीबों के लिए कुछ भी नहीं है. अर्थव्यवस्था में मंदी जारी है. बेरोजगारी की हालत काफी चिंताजनक है. सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण करना चाहती है. महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचार की घटनाओं में बढ़ोतरी देखने में आ रही है.

केंद्रीय बजट के खिलाफ कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी का विरोध प्रदर्शन, देखें वीडियो

'महिलाओं के साथ हो रहा है भेदभाव'

सत्ता में बैठे लोगों के संरक्षण के साथ ये बढ़ोतरी कई गुना और हो रही है. कामकाजी महिलाओं के खिलाफ अलग किस्म का भेदभाव जारी है. वित्त मंत्री ने बजट भाषण में व्यक्तिगत नागरिकों के लिए ईज आफ लिविंग (जीवन आसान बनाने) के लिए काफी बातें कहीं, लेकिन वास्तव में इसके उलट काम हो रहा है.

'सरकारी योजनाओं के आवंटित धन में भारी कटौती हुई है'

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए बजट में कटौती की गई है. मनरेगा और आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री किसान योजना के लिए आवंटित धन में भी भारी कटौती की गई है. इस बजट में उन कामकाजी लोगों के लिए जो वास्तव में देश के लिए दौलत का सृजन करते हैं उनको न्यूनतम वेतन देने में बढ़ोतरी करने का कोई प्रावधान नहीं है.

ये भी पढ़ें- ईटीवी भारत पर कांग्रेस विधायक जगबीर मलिक, 'सरकार के पास नहीं है रोडमैप'

गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार के द्वारा बजट पेश किया गया. जिसके खिलाफ आज फरीदाबाद में कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के सैकड़ों पदाधिकारियों ने सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बजट में सिर्फ अमीरों और कॉरपोरेट घरानों को छूट दी गई है. जबकि आम आदमी के लिए किसी प्रकार का कोई काम नहीं किया गया है.

Last Updated : Feb 25, 2020, 8:42 AM IST
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