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फरीदाबाद: कांत एनक्लेव पर चला बुलडोजर, सुप्रीम कोर्ट ने दिया था गिराने का आदेश

फरीदाबाद में अरावली में हो रहे अवैध निर्माण पर प्रशासन ने कार्रवाई की है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन ने कांत एंक्लेव में बने मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है. इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए जिला प्रशासन ने कांत एनक्लेव की कड़ी घेरा बंदी की. सभी जगह भारी पुलिस तैनात की गई है. किसी को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है.

कांत एंक्लेव पर चला बुलडोजर
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Published : Apr 1, 2019, 3:31 PM IST

Updated : Apr 1, 2019, 5:02 PM IST

फरीदाबाद: बहुचर्चित कांत एंक्लेव में आखिरकार आज पीला पंजा चल ही गया, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद सुबह से ही कांत एंक्लेव में फॉरेस्ट विभाग तोड़फोड़ कर रहा है.

कांत एंक्लेव पर चला बुलडोजर

पीड़ितों की याचिका के बाद लटका मामला
11 सितम्बर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद के अरावली में अवैध तरीके से निर्मित कांत एंक्लेव को 31 दिसंबर को गिराने का आदेश दिया था. जिसके बाद पीड़ित परिवारों ने कोर्ट में याचिका दायर की जिसके बाद मामला लटक गया था.

विभाग ने की कार्रवाई
इस दौरान बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एल एन पराशर ने सुप्रीम कोर्ट में कांत एंक्लेव को तोड़ने के लिए याचिका दायर कर दी जिसके बाद विभाग ने कार्रवाई की.

फिर से जीव-जंतुओं को मिलेगा बसेरा
इस पूरे मामले पर बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एल.एन. पराशर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें खुशी है कि आखिरकार कांत एंक्लेव में तोड़फोड़ की जा रही है. अब अरावली बच पायेगी और वहां रहने वाले जीव-जंतुओं को फिर से बसेरा मिलेगा.

जानें क्या है? पूरा मामला
अरावली पर्वत की रेंज में बने कांत एनक्लेव की जमीन को जंगल घोषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. पिछले साल कार्रवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मकानों को तोड़ने के आदेश दिए थे. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने लोगों को मुआवजा देने के आदेश भी दिए थे.

हरियाणा सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक कांत एनक्लेव में करीब 43 मकान बने हुए हैं. इनमें से 23 का नक्शा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के पास है. इसके अलावा 20 मकानों का निर्माण बिना नक्शा पास करवाए ही करा दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च तक खुद मकान खाली करने के लिए शपथ पत्र देना अनिवार्य किया था. शपथ पत्र न देने की स्थिति में 31 मार्च के बाद मकान तोड़ देने के आदेश दिए थे.

टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अनुसार करीब 20 मकानों के शपथ पत्र नहीं दिए गए थे. 31 मार्च के बाद मकान तोड़ने के आदेश पर प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है.

फरीदाबाद: बहुचर्चित कांत एंक्लेव में आखिरकार आज पीला पंजा चल ही गया, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद सुबह से ही कांत एंक्लेव में फॉरेस्ट विभाग तोड़फोड़ कर रहा है.

कांत एंक्लेव पर चला बुलडोजर

पीड़ितों की याचिका के बाद लटका मामला
11 सितम्बर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद के अरावली में अवैध तरीके से निर्मित कांत एंक्लेव को 31 दिसंबर को गिराने का आदेश दिया था. जिसके बाद पीड़ित परिवारों ने कोर्ट में याचिका दायर की जिसके बाद मामला लटक गया था.

विभाग ने की कार्रवाई
इस दौरान बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एल एन पराशर ने सुप्रीम कोर्ट में कांत एंक्लेव को तोड़ने के लिए याचिका दायर कर दी जिसके बाद विभाग ने कार्रवाई की.

फिर से जीव-जंतुओं को मिलेगा बसेरा
इस पूरे मामले पर बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एल.एन. पराशर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें खुशी है कि आखिरकार कांत एंक्लेव में तोड़फोड़ की जा रही है. अब अरावली बच पायेगी और वहां रहने वाले जीव-जंतुओं को फिर से बसेरा मिलेगा.

जानें क्या है? पूरा मामला
अरावली पर्वत की रेंज में बने कांत एनक्लेव की जमीन को जंगल घोषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. पिछले साल कार्रवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मकानों को तोड़ने के आदेश दिए थे. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने लोगों को मुआवजा देने के आदेश भी दिए थे.

हरियाणा सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक कांत एनक्लेव में करीब 43 मकान बने हुए हैं. इनमें से 23 का नक्शा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के पास है. इसके अलावा 20 मकानों का निर्माण बिना नक्शा पास करवाए ही करा दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च तक खुद मकान खाली करने के लिए शपथ पत्र देना अनिवार्य किया था. शपथ पत्र न देने की स्थिति में 31 मार्च के बाद मकान तोड़ देने के आदेश दिए थे.

टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अनुसार करीब 20 मकानों के शपथ पत्र नहीं दिए गए थे. 31 मार्च के बाद मकान तोड़ने के आदेश पर प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है.

स्टोरी- बहुचर्चित कांत एंक्लेव में आखिरकार तोडफोड शुरू, याचिका दायिर करने और कोर्ट में पार्टी बनने वाले एल एन पराशर खुश कहा कि अब जीव जंतुओं को मिलेगा बसेरा।

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एंकर- बहुचर्चित कांत एंक्लेव में आखिरकार आज पीला पंजा चल ही गया, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद सुबह से ही कांत एंक्लेव में फाॅरेस्ट विभाग तोडफोड कर रहा है, 11 सितम्बर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद में अरावली पर्वतीय इलाके में अवैध तरीके से निर्मित कांत एंक्लेव को 31 दिसंबर तक पूरी तरह ढहा देने का आदेश दिया था। मगर कोर्ट में पीडित परिवारों द्वारा याचिका दायिर करने के बाद समय लगा। जिसमें बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एल एन पराशर ने कोर्ट में कांत एंक्लेव को तोडने की याचिका दायिर की और पार्टी बन गये। आज उन्हें खुशी हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना हो रही है जिससे अब अरावली बच पायेगी और जीव जंतुओं को उनका बसेरा मिल पायेगा।
वीओ- सुप्रीम कोर्ट ने 11 सितम्बर 2018 को आदेश जारी करते हुए कहा था कि अरावली पर 18 अगस्त 1992 के बाद हुए अवैध निर्माण ढहा दिए जाएँ, जिसके आदेश के तहत आज कांत एंक्लेव में बडी तोडफोड की गई। सुबह से ही कांत एंक्लेव में फाॅरेस्ट विभाग तोडफोड मशीन लेकर पहुंचा और मकान तोडना शुरू कर दिया। 
बता दें कि 11 सितम्बर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने कांत एंक्लेव को तोडने के लिये फाॅरेस्ट विभाग को 31 दिसबंर का समय दिया था मगर पीडित परिवारों ने कोर्ट में याचिका दायिर करवाई और मामला लटक गया, इस दौरान बार एसोसिएशन  के पूर्व प्रधान एल एन पराशर ने सुप्रीम कोर्ट में कांत एंक्लेव को तोडने के लिये याचिका दायिर कर दी और पार्टी बन गये।
इस बारे में बार एसोसिएशन  के पूर्व प्रधान एल एन पराशर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आज उन्हें खुशी है कि आखिरकार आज कांत एंक्लेव में तोडफोड की जा रही है, अब अरावली बच पायेगी और वहां रहने वाले जीव जंतुओं को फिर से बसेरा मिलेगा। जिसके लिये वह सुप्रीम कोर्ट को बार - बार धन्यवाद करते हैं।

बाईट-एल एन पराशर, बार एसोसिएशन  के पूर्व प्रधान।
Last Updated : Apr 1, 2019, 5:02 PM IST
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