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सिर्फ कोरोना वॉरियर कहने से कुछ नहीं होता, हमें सुविधा भी दो: आशा वर्कर्स

फरीदाबाद के सिविल अस्पताल के सामने आशा वर्करों ने अपनी कई मांगों लेकर सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया.

Asha workers protest in faridabad
Asha workers protest in faridabad
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Published : Sep 17, 2020, 7:17 PM IST

फरीदाबाद: गुरुवार को सिविल अस्पताल फरीदाबाद के सामने आशा वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आशा वर्कर्स यूनियन, सीआईटीयू और सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले ये विरोध प्रदर्शन किया गया.

गौरतलब है कि प्रदेश भर की तमाम आशा वर्कर्स पिछले काफी समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहीं हैं. इस अवसर पर आशाओं ने बताया कि पहले भी मांगों को लेकर पंचकूला में वार्ता हुई थी, लेकिन वहां से सिर्फ आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिला. जिसके चलते सभी आशाएं आज सड़क पर आकर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हैं.

आशा वर्करों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, देखें वीडियो

उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी तब तक प्रदर्शन चलता रहेगा. साथ ही कहा यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो आगामी 29 सितम्बर को करनाल में बड़ा प्रदर्शन होगा, जिसकी जिम्मेदार सरकार की होगी. आशा वर्करों ने कहा कि सिर्फ कोरोना वॉरियर कहने देने से नहीं होता है. उन्हें मानना और उसी हिसाब से सुविधा भी देनी होती है.

ये भी पढ़ें- J&K की राजभाषा से पंजाबी भाषा को हटाने का मुद्दा पहुंचा हरियाणा, विरोध प्रदर्शन शुरू

फरीदाबाद: गुरुवार को सिविल अस्पताल फरीदाबाद के सामने आशा वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आशा वर्कर्स यूनियन, सीआईटीयू और सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले ये विरोध प्रदर्शन किया गया.

गौरतलब है कि प्रदेश भर की तमाम आशा वर्कर्स पिछले काफी समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहीं हैं. इस अवसर पर आशाओं ने बताया कि पहले भी मांगों को लेकर पंचकूला में वार्ता हुई थी, लेकिन वहां से सिर्फ आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिला. जिसके चलते सभी आशाएं आज सड़क पर आकर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हैं.

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उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी तब तक प्रदर्शन चलता रहेगा. साथ ही कहा यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो आगामी 29 सितम्बर को करनाल में बड़ा प्रदर्शन होगा, जिसकी जिम्मेदार सरकार की होगी. आशा वर्करों ने कहा कि सिर्फ कोरोना वॉरियर कहने देने से नहीं होता है. उन्हें मानना और उसी हिसाब से सुविधा भी देनी होती है.

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