फरीदाबाद: अरावली हिल्स एरिया में लंबे समय से अतिक्रमण (Encroachment Faridabad Aravali Forest) का खेल चल रहा था. अरावली की पहाड़ियों को काट कर भू-माफियाओं ने यहां बड़े-बड़े निर्णाण किए. आलम ये है कि यहां दर्जनों वीआईपी फार्म हाउस बन चुके हैं, लेकिन अब इन सभी वीआईपी फार्म हाउस के दिन पूरे होने वाले हैं. खोरी गांव में तोड़फोड़ के बाद इन बड़े फार्म हाउस को लेकर सवाल उठने लगे थे, जिसके बाद प्रशासन ने इन्हें भी तोड़ने की कार्रवाई (Faridabad Vip Farm House Demolish) शुरू कर दी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बाकायदा फरीदाबाद प्रशासन की तरफ से अवैध रूप से बनाए गए फार्म हाउस का सर्वे कराया गया है.
वन विभाग का दावा है कि करीब 500 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा करके 130 अवैध निर्माण किए गए हैं जो अरावली की जमीन पर बने हैं. इनमें शिक्षण संस्थान, फार्म हाउस, बड़े-बड़े बैंक्वेट हाउस शामिल हैं. इन अवैध निर्माणों में राजनेताओं से लेकर नौकरशाहों और बड़ी-बड़ी हस्तियां की प्रॉपर्टी शामिल है. फरीदाबाद प्रशासन के की तरफ से अब इन फार्म हाउस के मालिकों को नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. प्रशासन अब इन सभी अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर रहा है, लेकिन इससे पहले इनके मालिकों को भी एक हफ्ते का समय दिया है, ताकि वह खुद ही इन निर्माणों को हटा लें.
अगर प्रशासन के द्वारा वहां पर तोड़फोड़ की जाती है तो उस तोड़फोड़ का खर्चा भी उन फार्म हाउस के मालिकों से ही वसूला जाएगा. आपको बता दें कि हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा (Moolchand Sharma Cabinet Minister) भी कह चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए अरावली वन क्षेत्र में बने अवैध फार्म हाउस (Aravali Illegal Farm House) और शिक्षण संस्थानों पर कार्रवाई की जाएगी.
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बता दें कि, पंजाब लैंड प्रिवेंशन एक्ट-1900 (Punjab Land Prevention Act- PLPA) को अंग्रेजों के समय में सन 1900 में तैयार किया गया था, तो उस वक्त ये कानून मिट्टी के कटाव को बचाने के लिए लागू किया गया था. ये अधिनियमन के उस समय संयुक्त पंजाब के लिए लागू किया गया था. जो पूरे हरियाणा राज्य के लिए भी लागू है. इस कानून के अंतर्गत कुछ गतिविधियों पर प्रतिबंध रखा गया है. दक्षिणी क्षेत्र में अरावली की पहाड़ियां शामिल हैं. ये कहा गया था कि यह अधिनियम प्रदेश के कुछ भागों के बेहतर संरक्षण और सुरक्षा प्रदान करने के लिए है. ये एक्ट भूमि के कटाव को रोकने के लिए बनाया गया था, क्योंकि पहले इस प्रकार की सड़कें व नहरें नहीं थी, जो वर्तमान में हैं. इसलिए हरियाणा ने गत वर्ष पीएलपीए में संशोधन किया था.
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