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खोरी गांव के बाद अब अरावली में इन 'फाइव स्टार' फॉर्म हाउसों पर होगी कार्रवाई, जल्द चलेगा बुलडोजर - खोरी गांव में अतिक्रमण

खोरी गांव में अतिक्रमण (Khori village demolition) हटाने की कार्रवाई के बाद फरीदाबाद प्रशासन अब जल्द ही दूसरी बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है. फरीदाबाद प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट (supreme court) के आदेश पर अरावली में अवैध रूप से बने फार्म हाउसों (encroachment in aravali) पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है.

encroachment faridabad aravali forest
faridabad aravali forest
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Published : Jul 28, 2021, 7:50 PM IST

Updated : Jul 28, 2021, 8:02 PM IST

फरीदाबाद: गांव खोरी में चल रही तोड़फोड़ के बीच अब अरावली में अवैध रूप से बने फार्म हाउस (encroachment in aravali forest) पर भी प्रशासन का पीला पंजा जल्द चलना शुरू हो जाएगा. प्रशासन के द्वारा अवैध रूप से बनाए गए फार्म हाउस को नोटिस देना शुरू कर दिया गया है. फरीदाबाद प्रशासन के अनुसार अरावली की करीब 500 हेक्टेयर जमीन पर अवैध रूप से फार्म हाउस विकसित किए गए हैं. कोर्ट के आदेश पर अरावली वन क्षेत्र सहित जिले की पंजाब लैंड प्रिवेंशन एक्ट-1900 (PLPA) के तहत चिह्नित पूरी जमीन पर बने अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी हो रही है.

बता दें कि, वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली में बड़ी तोड़फोड़ को अंजाम दिया गया था. तब अवैध रूप से बने फार्म हाउस को तोड़ा गया था और अब एक बार फिर से दूसरी बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने की तैयारी की जा रही है. दरअसल जब से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गांव खोरी में तोड़फोड़ की जा रही है तभी से ये सवाल उठ रहे थे कि आखिर अरावली में बने फार्म हाउसों पर कार्रवाई कब होगी. खोरी गांव की कई यूनियनों ने भी कोर्ट में फार्म हाउस पर कार्रवाई न करने को लेकर याचिकाएं दायर की थी. जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन अवैध फार्म हाउस पर प्रशासन का पीला पंजा चलेगा.

ये भी पढ़ें- खोरी गांव तोड़फोड़ मामला: सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका दूसरी याचिकाओं के साथ टैग

प्रशासन के मुताबिक जिले में 5,434 हेक्टेयर पीएलपीए नोटिफाइड एरिया है. इसमें से करीब 500 हेक्टेयर में अवैध निर्माण किए गए हैं. करीब 130 अवैध रूप से निर्माण हुए हैं. जिन लोगों ने कोर्ट से स्टे ले रखा था सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब स्टे खुद समाप्त हो गया है. डिप्टी कमिश्नर यशपाल यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश साफ है कि वन क्षेत्र और पीएलपीए नोटिफाइड एरिया में बने सभी अवैध निर्माण हटाए जाएं. ऐसे में जिन लोगों ने इस एरिया में निर्माण कार्य किए हुए हैं उन्हें 4 दिन का समय दिया जा रहा है ताकि वह अपने निर्माण खुद हटा सकें.

बता दें कि, पंजाब लैंड प्रिवेंशन एक्ट-1900 (Punjab Land Prevention Act- PLPA) को अंग्रेजों के समय में सन 1900 में तैयार किया गया था, तो उस वक्त ये कानून मिट्टी के कटाव को बचाने के लिए लागू किया गया था. ये अधिनियमन के उस समय संयुक्त पंजाब के लिए लागू किया गया था. जो पूरे हरियाणा राज्य के लिए भी लागू है. इस कानून के अंतर्गत कुछ गतिविधियों पर प्रतिबंध रखा गया है. दक्षिणी क्षेत्र में अरावली की पहाड़ियां शामिल हैं. ये कहा गया था कि यह अधिनियम प्रदेश के कुछ भागों के बेहतर संरक्षण और सुरक्षा प्रदान करने के लिए है. ये एक्ट भूमि के कटाव को रोकने के लिए बनाया गया था, क्योंकि पहले इस प्रकार की सड़कें व नहरें नहीं थी, जो वर्तमान में हैं. इसलिए हरियाणा ने गत वर्ष पीएलपीए में संशोधन किया था.

ये भी पढ़ें- हरियाणाः हुड्डा सरकार में बने गरीबों के घर, मनोहर राज में भी जरूरतमंदों को नहीं मिले

फरीदाबाद: गांव खोरी में चल रही तोड़फोड़ के बीच अब अरावली में अवैध रूप से बने फार्म हाउस (encroachment in aravali forest) पर भी प्रशासन का पीला पंजा जल्द चलना शुरू हो जाएगा. प्रशासन के द्वारा अवैध रूप से बनाए गए फार्म हाउस को नोटिस देना शुरू कर दिया गया है. फरीदाबाद प्रशासन के अनुसार अरावली की करीब 500 हेक्टेयर जमीन पर अवैध रूप से फार्म हाउस विकसित किए गए हैं. कोर्ट के आदेश पर अरावली वन क्षेत्र सहित जिले की पंजाब लैंड प्रिवेंशन एक्ट-1900 (PLPA) के तहत चिह्नित पूरी जमीन पर बने अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी हो रही है.

बता दें कि, वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली में बड़ी तोड़फोड़ को अंजाम दिया गया था. तब अवैध रूप से बने फार्म हाउस को तोड़ा गया था और अब एक बार फिर से दूसरी बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने की तैयारी की जा रही है. दरअसल जब से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गांव खोरी में तोड़फोड़ की जा रही है तभी से ये सवाल उठ रहे थे कि आखिर अरावली में बने फार्म हाउसों पर कार्रवाई कब होगी. खोरी गांव की कई यूनियनों ने भी कोर्ट में फार्म हाउस पर कार्रवाई न करने को लेकर याचिकाएं दायर की थी. जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन अवैध फार्म हाउस पर प्रशासन का पीला पंजा चलेगा.

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प्रशासन के मुताबिक जिले में 5,434 हेक्टेयर पीएलपीए नोटिफाइड एरिया है. इसमें से करीब 500 हेक्टेयर में अवैध निर्माण किए गए हैं. करीब 130 अवैध रूप से निर्माण हुए हैं. जिन लोगों ने कोर्ट से स्टे ले रखा था सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब स्टे खुद समाप्त हो गया है. डिप्टी कमिश्नर यशपाल यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश साफ है कि वन क्षेत्र और पीएलपीए नोटिफाइड एरिया में बने सभी अवैध निर्माण हटाए जाएं. ऐसे में जिन लोगों ने इस एरिया में निर्माण कार्य किए हुए हैं उन्हें 4 दिन का समय दिया जा रहा है ताकि वह अपने निर्माण खुद हटा सकें.

बता दें कि, पंजाब लैंड प्रिवेंशन एक्ट-1900 (Punjab Land Prevention Act- PLPA) को अंग्रेजों के समय में सन 1900 में तैयार किया गया था, तो उस वक्त ये कानून मिट्टी के कटाव को बचाने के लिए लागू किया गया था. ये अधिनियमन के उस समय संयुक्त पंजाब के लिए लागू किया गया था. जो पूरे हरियाणा राज्य के लिए भी लागू है. इस कानून के अंतर्गत कुछ गतिविधियों पर प्रतिबंध रखा गया है. दक्षिणी क्षेत्र में अरावली की पहाड़ियां शामिल हैं. ये कहा गया था कि यह अधिनियम प्रदेश के कुछ भागों के बेहतर संरक्षण और सुरक्षा प्रदान करने के लिए है. ये एक्ट भूमि के कटाव को रोकने के लिए बनाया गया था, क्योंकि पहले इस प्रकार की सड़कें व नहरें नहीं थी, जो वर्तमान में हैं. इसलिए हरियाणा ने गत वर्ष पीएलपीए में संशोधन किया था.

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Last Updated : Jul 28, 2021, 8:02 PM IST
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