फरीदाबाद: दिल्ली के कॉल सेंटर संचालक नवीन भूटानी से रिश्वत लेने के आरोपी निलंबित इंस्पेक्टर विशाल को रविवार दोपहर अदालत में पेश किया गया. जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेज दिया गया. उसने 11 जनवरी को आत्मसमर्पण किया था. इसके बाद तीन-तीन दिन की रिमांड पर दो बार फरीदाबाद विजिलेंस की टीम ने उसे लिया.
अभी तक विजिलेंस के हाथ खाली!
इंस्पेक्टर विशाल के अधिवक्ता व जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एसएस चौहान और अधिवक्ता मंदीप सेहरा का कहना है कि टीम ने 6 दिन तक पूछताछ की लेकिन कुछ भी हासिल नहीं हुआ. इधर, पूरे पुलिस महकमे की नजर अदालत के ऊपर टिकी रही. सभी को लग रहा था कि टीम फिर रिमांड पर लेगी, लेकिन टीम ने ही रिमांड नहीं मांगा. इसे लेकर भी तरह-तरह की चर्चा चलनी शुरू हो गई है. एक चर्चा ये है कि आखिर कुख्यात बदमाशों से सबकुछ उगलवा लेने वाली पुलिस इंस्पेक्टर से क्यों नहीं कुछ उगलवा पाई.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, दिल्ली के उत्तम नगर निवासी नवीन भुटानी का करनाल की पार्टी से 1.20 करोड़ रुपये का कारोबार में लेन-देन था. दोनों के बीच लेन-देन को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था. अक्टूबर में करनाल की पार्टी ने कारोबारी को गुरुग्राम के अपना घर में बातचीत के लिए बुलाया. उसके बाद खेड़की दौला थाने से करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मी आए और उसको कार में बंधक बनाकर खेड़की दौला थाने में लेकर चले गए.
आरोप है कि वहां पर तत्कालीन एचएसओ विशाल ने कारोबारी के साथ मारपीट की और उसके बाद लैपटॉप खुलवाया. लैपटॉप खोलकर कारोबारी का कारोबार देखकर उससे तीन करोड़ रुपये की मांगे. नहीं देने पर मारपीट कर जेल भेजने की धमकी दी. उसके बाद एक करोड़ रुपये देने की बात हुई. जिसमें से 57 लाख रुपये लिए थे.
हेड कॉन्स्टेबल को रंगे हाथ पकड़ा था
बीती 28 दिसंबर को फरीदाबाद विजिलेंस टीम ने खेड़की दौला थाना के हेड कॉन्स्टेबल अमित को 5 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. विजिलेंस को दी शिकायत में शिकायतकर्ता ने खेड़की दौला थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी कि कैसे थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विशाल और उनकी टीम ने दिल्लीके व्यापारी को अवैध तौर पर हिरासत में ले 1 करोड़ की रिश्वत की डिमांड की थी.
ये भी पढे़ं- एक करोड़ रिश्वत मामला: तत्कालीन इंस्पेक्टर विशाल की रिमांड 3 दिन और बढ़ी