चरखी दादरी: भारत की स्टार पहलवान विनेश फोगाट ने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न व अर्जुन पुरस्कार सरकार को वापस लौटा दिए हैं. जिसके बाद गांव बलाली के ग्रामीणों का दर्द सामने आया है. गांव की चौपाल पर हुक्का गुड़गुड़ाते व ताश खेलते ग्रामीणों ने विनेश के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और पीएम से मामले में दखल देने और पहलवानों को न्याय दिलाने की मांग उठाई है. ग्रामीणों ने कहा कि WFI का अध्यक्ष किसी खिलाड़ी को ही बनाया जाए.
ग्रामीणों ने जताई नाराजगी: गौरतलब है कि भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष व पहलवानों का मामला पिछले एक साल से चल रहा है. WFI के चुनाव के बाद जहां बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने अपने पदक लौटा दिए. वहीं, खेल मंत्रालय द्वारा WFI को भंग भी किया गया. विनेश द्वारा पदक वापस लौटाने के बाद उसके गांव बलाली में चौपाल पर दिनभर चर्चा रहती है. चौपाल पर ताश खेलते ग्रामीणों को बेटी द्वारा लिए फैसले व डब्ल्यूएफआई मामले को लेकर खासी नाराजगी है.
'बेटियों के न्याय का संघर्ष दुखदाई': चौपाल पर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि जब बेटी ने देश के लिए पदक जीते तो काफी सम्मान मिला और देश का नाम रोशन हुआ. अब बेटी विनेश अपने पदक लौटा रही हैं तो दुख भी होता है.चौपाल पर बैठे सोमबीर सांगवान, सुरेंद्र सिंह व मंजीत सहित कई ग्रामीणों ने कहा कि देश के लिए मेडलों की बौछार करने के बाद भी बेटी विनेश को दूसरे पहलवानों के साथ न्याय के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है. बेटियों के न्याय को लेकर जाे संघर्ष करना पड़ा वह दुखदाई है.
'WFI का अध्यक्ष किसी खिलाड़ी को बनाया जाए': ग्रामीणों ने कहा कि जब गांव की बेटी विनेश ने मेडल जीते तो पूरा देश खुशियां मना रहा था और आज बड़ा दुख होता है, जब उसको अपने पदक वापस करने पड़े. ग्रामीणों ने जहां प्रधानमंत्री से मामले में दखल देते हुए बेटियों को न्याय दिलाने की मांग उठाई, वहीं डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पद पर किसी खिलाड़ी की ही नियुक्ति करने की बात कही.
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