चरखी दादरी: ग्रीन कारिडोर 152 की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर धरनारत किसानों को जमीन की टेंशन सता रही है. गांव रामनगर में चले रहे धरने पर शुक्रवार को तीन किसानों की हालत बिगड़ गई. तीनों किसानों को उपचार के लिए दादरी के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
7 महीने से धरना दे रहे किसान
बता दें कि दादरी जिले के 17 गांवों के किसान पिछले 7 महीने से गांव रामनगर में धरनारत हैं. किसानों की मांग है कि ग्रीन कारिडोर 152 डी की अधिग्रहीत जमीन का उचित मुआवजा दिया जाए. हालांकि प्रशासन व सरकार द्वारा नये कलेक्टर रेट निर्धारित करते हुए मुआवजा राशि में बढ़ोत्तरी की गई थी. लेकिन किसानों ने इसे मामूली सी बढ़ोत्तरी बताया और विरोध करते हुए उचित मुआवजा देने की मांग पर अड़े हैं.
किसानों की बिगड़ी तबीयत
शुक्रवार को गांव रामनगर में धरने पर बैठे गांव मोड़ी निवासी सुल्तान सिंह, गांव खातीवास निवासी अनूप सिंह और कप्तान सिंह की हालत बिगड़ गई. हालांकि किसानों ने अपने स्तर पर प्राथमिक उपचार दिया. लेकिन हालत ज्यादा बिगड़ने पर तीनों किसानों को उपचार के लिए दादरी के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया.
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जमीन की सता रही टेंशन
उपचाराधीन किसानों ने बताया कि पिछले 7 महीने से वे अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. बावजूद इसके किसानों की मांगों के पूरा नहीं किया जा रहा है. जमीन की टेंशन किसानों को सता रही है.
पांच किसानों की हुई मौत
जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसान बीते सात महीने से धरना दे रहे हैं. इस दौरान जमीन अधिग्रहण से प्रभावित पांच किसानों की मौत हो चुकी है. सबसे पहले 12 मई को गांव खातीवास निवासी किसान जगदीश ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर आत्महत्या कर ली थी. उसके बाद गांव ढाणी फोगाट निवासी किसान रामअवतार की ढाणी फोगाट धरने पर व खातीवास निवासी किसान धर्मपाल की अपने घर पर हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. वहीं गांव दातौली निवासी किसान दलबीर ने रामनगर धरने पर जहर खाकर जान दे दी थी व गांव ढाणी फौगाट निवासी किसान महेंद्र की हार्ट अटैक से मौत हुई है.