चरखी दादरी: जिस उम्र में लोगों के लिए चलना भी मुश्किल होता है. उम्र के उसी पड़ाव में रामफल ने एक, दो नहीं बल्कि 33 मैराथन में हिस्सा ही नहीं लिया और मेडल भी जीते हैं. रामफल जिन्हें चरखी दादरी के ओल्ड बॉय के नाम से भी जाना जाता है. 72 साल की उम्र में रेस लगाकर किसी के भी पसीने छुड़ा सकते हैं.
ये हैं दादरी के ‘ओल्ड बॉय’
कमोद गांव के रहने वाले रामफल 72 साल के हैं, लेकिन इस उम्र में भी वो सभी काम करते हैं, जो एक फिट इंसान कर सकता है. वो सुबह 4 बजे उठकर अपने नाती-पोतों के साथ खेलते हैं, कसरत करते हैं, गाय चराते हैं और फिर निकल पड़ते हैं 8 किलोमीटर लंबी दौड़ लगाने. यही नहीं रामफल के साथ दौड़ते-दौड़ते उनके पोता-पोती भी मेडल लाने लगे हैं.
फिटनेस देख छूट जाएंगे आपके पसीने
ढलती उम्र भी रामफल की जज्बे को नहीं रोक पाई है. सेवानिवृति के बाद भी दादरी के धावक रामफल खेल जगत से जुड़े रहे और कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पदकों का ढेर लगा लिया है. रामफल ने सेवानिवृत होने के बाद से अब तक 33 मेडल जीते हैं, जिनमें 20 गोल्ड मेडल शामिल हैं.
72 साल की उम्र हर रोज दौड़ते हैं 10 किलोमीटर
पिछले दिनों मानेसर में हुई मैराथन दौड़ में रामफल ने रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया है. इसके अलावा छोटी दौड़ प्रतियोगिता में भी रामफल ने कई पुरस्कार हासिल किए हैं. पहले भी दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड हाफ मैराथन दौड़ में 72 साल के वृद्ध धावक रामफल ने 17 देशों के 50 हजार धावकों की मौजूदगी में रिकॉर्ड बनाया और गोल्ड मेडल जीता था. जिस पर पूर्व जनरल और पूर्व गर्वनर जेजे सिंह भावलपुर ने रामफल को सम्मानित किया था.
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‘ओल्ड बॉय’ की झोली में हैं 33 गोल्ड
रामफल ने नौकरी से सेवानिवृति लेने के बाद 65 साल की उम्र से दौड़ना शुरू किया. रामफल बताते हैं कि वो सुबह 4 बजे उठकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं, जिसमें वो लगातार दौड़ और पैदल चलने का अभ्यास भी करते हैं. इसके अलावा वो इस उम्र में भी 10 किलोमीटर तक दौड़ लगाते हैं. रामफल के नक्शे कदम पर उसकी 6 साल की पोती भव्या भी चल रही है. दूसरी कक्षा में भव्या ने अपने दादा के साथ प्रैक्टिस करते हुए स्कूल स्तर पर गोल्ड जीता है.