ETV Bharat / state

दादरी के 'ओल्ड बॉय' की फिटनेस देख छूट जाएंगे आपके पसीने

रामफल ने नौकरी से सेवानिवृति लेने के बाद 65 साल की उम्र से दौड़ना शुरू किया. रामफल बताते हैं कि वो सुबह 4 बजे उठकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं, जिसमें वो लगातार दौड़ और पैदल चलने का अभ्यास करते हैं.

ramphal 72 year old runner of charkhi dadri
दादरी के इस ‘ओल्ड बॉय’ की फिटनेस देख छूट जाएंगे आपके पसीने
author img

By

Published : Dec 5, 2019, 1:19 PM IST

Updated : Dec 5, 2019, 1:48 PM IST

चरखी दादरी: जिस उम्र में लोगों के लिए चलना भी मुश्किल होता है. उम्र के उसी पड़ाव में रामफल ने एक, दो नहीं बल्कि 33 मैराथन में हिस्सा ही नहीं लिया और मेडल भी जीते हैं. रामफल जिन्हें चरखी दादरी के ओल्ड बॉय के नाम से भी जाना जाता है. 72 साल की उम्र में रेस लगाकर किसी के भी पसीने छुड़ा सकते हैं.

ये हैं दादरी के ‘ओल्ड बॉय’

कमोद गांव के रहने वाले रामफल 72 साल के हैं, लेकिन इस उम्र में भी वो सभी काम करते हैं, जो एक फिट इंसान कर सकता है. वो सुबह 4 बजे उठकर अपने नाती-पोतों के साथ खेलते हैं, कसरत करते हैं, गाय चराते हैं और फिर निकल पड़ते हैं 8 किलोमीटर लंबी दौड़ लगाने. यही नहीं रामफल के साथ दौड़ते-दौड़ते उनके पोता-पोती भी मेडल लाने लगे हैं.

फिटनेस देख छूट जाएंगे आपके पसीने

ढलती उम्र भी रामफल की जज्बे को नहीं रोक पाई है. सेवानिवृति के बाद भी दादरी के धावक रामफल खेल जगत से जुड़े रहे और कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पदकों का ढेर लगा लिया है. रामफल ने सेवानिवृत होने के बाद से अब तक 33 मेडल जीते हैं, जिनमें 20 गोल्ड मेडल शामिल हैं.

दादरी के ‘ओल्ड बॉय’ की फिटनेस देख छूट जाएंगे आपके पसीने, देखिए रिपोर्ट.

72 साल की उम्र हर रोज दौड़ते हैं 10 किलोमीटर

पिछले दिनों मानेसर में हुई मैराथन दौड़ में रामफल ने रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया है. इसके अलावा छोटी दौड़ प्रतियोगिता में भी रामफल ने कई पुरस्कार हासिल किए हैं. पहले भी दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड हाफ मैराथन दौड़ में 72 साल के वृद्ध धावक रामफल ने 17 देशों के 50 हजार धावकों की मौजूदगी में रिकॉर्ड बनाया और गोल्ड मेडल जीता था. जिस पर पूर्व जनरल और पूर्व गर्वनर जेजे सिंह भावलपुर ने रामफल को सम्मानित किया था.

ये भी पढ़िए: गृहमंत्री अनिल विज के जिले में डॉक्टर्स का टोटा !

‘ओल्ड बॉय’ की झोली में हैं 33 गोल्ड

रामफल ने नौकरी से सेवानिवृति लेने के बाद 65 साल की उम्र से दौड़ना शुरू किया. रामफल बताते हैं कि वो सुबह 4 बजे उठकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं, जिसमें वो लगातार दौड़ और पैदल चलने का अभ्यास भी करते हैं. इसके अलावा वो इस उम्र में भी 10 किलोमीटर तक दौड़ लगाते हैं. रामफल के नक्शे कदम पर उसकी 6 साल की पोती भव्या भी चल रही है. दूसरी कक्षा में भव्या ने अपने दादा के साथ प्रैक्टिस करते हुए स्कूल स्तर पर गोल्ड जीता है.

चरखी दादरी: जिस उम्र में लोगों के लिए चलना भी मुश्किल होता है. उम्र के उसी पड़ाव में रामफल ने एक, दो नहीं बल्कि 33 मैराथन में हिस्सा ही नहीं लिया और मेडल भी जीते हैं. रामफल जिन्हें चरखी दादरी के ओल्ड बॉय के नाम से भी जाना जाता है. 72 साल की उम्र में रेस लगाकर किसी के भी पसीने छुड़ा सकते हैं.

ये हैं दादरी के ‘ओल्ड बॉय’

कमोद गांव के रहने वाले रामफल 72 साल के हैं, लेकिन इस उम्र में भी वो सभी काम करते हैं, जो एक फिट इंसान कर सकता है. वो सुबह 4 बजे उठकर अपने नाती-पोतों के साथ खेलते हैं, कसरत करते हैं, गाय चराते हैं और फिर निकल पड़ते हैं 8 किलोमीटर लंबी दौड़ लगाने. यही नहीं रामफल के साथ दौड़ते-दौड़ते उनके पोता-पोती भी मेडल लाने लगे हैं.

फिटनेस देख छूट जाएंगे आपके पसीने

ढलती उम्र भी रामफल की जज्बे को नहीं रोक पाई है. सेवानिवृति के बाद भी दादरी के धावक रामफल खेल जगत से जुड़े रहे और कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पदकों का ढेर लगा लिया है. रामफल ने सेवानिवृत होने के बाद से अब तक 33 मेडल जीते हैं, जिनमें 20 गोल्ड मेडल शामिल हैं.

दादरी के ‘ओल्ड बॉय’ की फिटनेस देख छूट जाएंगे आपके पसीने, देखिए रिपोर्ट.

72 साल की उम्र हर रोज दौड़ते हैं 10 किलोमीटर

पिछले दिनों मानेसर में हुई मैराथन दौड़ में रामफल ने रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया है. इसके अलावा छोटी दौड़ प्रतियोगिता में भी रामफल ने कई पुरस्कार हासिल किए हैं. पहले भी दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड हाफ मैराथन दौड़ में 72 साल के वृद्ध धावक रामफल ने 17 देशों के 50 हजार धावकों की मौजूदगी में रिकॉर्ड बनाया और गोल्ड मेडल जीता था. जिस पर पूर्व जनरल और पूर्व गर्वनर जेजे सिंह भावलपुर ने रामफल को सम्मानित किया था.

ये भी पढ़िए: गृहमंत्री अनिल विज के जिले में डॉक्टर्स का टोटा !

‘ओल्ड बॉय’ की झोली में हैं 33 गोल्ड

रामफल ने नौकरी से सेवानिवृति लेने के बाद 65 साल की उम्र से दौड़ना शुरू किया. रामफल बताते हैं कि वो सुबह 4 बजे उठकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं, जिसमें वो लगातार दौड़ और पैदल चलने का अभ्यास भी करते हैं. इसके अलावा वो इस उम्र में भी 10 किलोमीटर तक दौड़ लगाते हैं. रामफल के नक्शे कदम पर उसकी 6 साल की पोती भव्या भी चल रही है. दूसरी कक्षा में भव्या ने अपने दादा के साथ प्रैक्टिस करते हुए स्कूल स्तर पर गोल्ड जीता है.

Intro:नौकरी से सेवानिवृति के बाद भी रामफल का जज्बा... फिटनेस देख छूटा युवाओं का पसीना
: ढलती उम्र भी नहीं रोक पाई प्रतिभा, राष्ट्रीय स्पर्धाओं में दिखाते हुए 33 मेडल जीते
: खेतों के कच्चे रास्तों में मेहनत कर बनाया दौड़ में नेशनल स्तर पर रिकार्ड
प्रदीप साहू
चरखी दादरी। इंसान में अगर जज्बा और हौंसला बुलंद हो तो वह कुछ भी हासिल कर सकता है, चाहे उम्र कुछ भी हो। इस बात को चरखी दादरी के गांव कमोद निवासी 72 वर्षीय रामफल ने साबित कर दिखाया है। यहां रामफल की फिटनेस देख युवाओं का भी पसीना छूटा है। जिन्होंने पिछले दिनों मैराथन दौड़ में रिकार्ड समय में पार करते हुए गोल्ड जीतकर साबित कर दिया है कि ढलती उम्र भी उनकी प्रतिभा को नहीं रोक पाई। सेवानिवृति के बाद भी दादरी के धावक रामफल खेल जगत से जुड़े रहे और अनेकों राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पदकों का ढेर लगा लिया है। रामफल ने सेवानिवृत होने के बाद से अब तक 33 मेडल जीते हैं जिनमें 20 गोल्ड मेडल शामिल हैं।Body:चालीस की उम्र पार करते ही अगर दौडऩा पड़ जाए तो सांस फूल जाती है। लेकिन दादरी के गांव कमोद निवासी रामफल 72 की उम्र पार करने के बाद भी ऐसे दौड़ते हैं कि जवान भी उनको देखकर हैरान रह जाते हैं। हर रोज घर के कार्य करके खेतों के कच्चे रास्तों में सुबह-शाम 8 किलोमीटर की दौड़ लगाते हैं। पिछले दिनों मानेसर में हुई मैराथन दौड़ में रामफल ने रिकार्ड बनाकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया है। इसके अलावा छोटी दौड़ प्रतियोगिता में भी रामफल ने कई पुरस्कार हासिल किए। पहले भी दिल्ली में आयोजित वल्र्ड हाफ मैराथन दौड़ में 72 वर्षीय वृद्ध धावक रामफल ने 17 देशों के 50 हजार धावकों की मौजूदगी में रिकार्ड बनाया और गोल्ड मेडल जीता था। जिस पर पूर्व जनरल और पूर्व गर्वनर जेजे सिंह भावलपुर पंजाब ने रामफल को सम्मानित किया था। ओल्ड ब्वाय के नाम से प्रसिद्ध रामफल अब तक राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर 33 मेडल जीत चुके हैं। जिनमें राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर सहित 20 गेल्ड मेडल हैं।Conclusion:जिस उम्र में लोग अपने पैरों पर सही से खड़े भी नहीं हो पाते हैं उस उम्र में इस बुजुर्ग ने दौड़ में गोल्ड मेडल जीतकर प्रदेश का नाम रौशन किया है। जहां लोग छोटी सी उम्र से ही एथलीट बनने की तैयारी करते हैं, लेकिन रामफल ने नौकरी से सेवानिवृति लेने के बाद 65 वर्ष की उम्र से इसकी शुरुआत की। रामफल बताते हैं कि वो सुबह 4 बजे उठकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं, जिसमें वो लगातार दौड़ और पैदल चलने का अभ्यास भी करते हैं। इसके अलावा वो इस उम्र में भी 10 किलोमीटर तक दौड़ लगाते हैं। रामफल के नक्शे कदम पर उसकी 6 वर्षीय पोती भव्या भी चल रही है। दूसरी कक्षा में भव्या ने अपने दादा के साथ प्रेक्टिस करते हुए स्कूल स्तर पर गोल्ड जीता है। रामफल की पुत्रवधू सुमन कहती हैं कि 72 साल के उसके ससुर उन लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो उम्र का बहाना बनाकर अपनी परेशानियों से हार मान लेते हैं। इन्होंने दिखा दिया कि अगर आपके अंदर किसी काम को करने का जुनून है, तो आप उसे आसानी से कर सकते हैं।
विजवल:- 1
गांव का सइन बोर्ड, मेडल व सर्टिफिकेट दिखाते, जीते गए मेडल व बुजुर्ग धावक रामफल के प्रेक्टिस करते हुए कट शाटस
बाईट:- 2
रामफल, धावक गोल्ड मेडलिस्ट
बाईट:- 3
भव्या, पोती
बाईट:- 4
सुमन, पुत्रवधू
Last Updated : Dec 5, 2019, 1:48 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.