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चरखी दादरी: कोविड काल में लगाए गए स्वास्थ्य कर्मचारियों को हटाया, विरोध में किया प्रदर्शन - चरखी दादरी में प्रदर्शन

चरखी दादरी स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्सिंग के तहत लगे 36 कर्मचारियों को हटाने के विरोध में प्रदर्शन किया गया. हटाए गए कर्मचारियों ने बुधवार को बहाल करने की मांग को लेकर अस्पताल में धरना देते हुए रोष प्रदर्शन किया.

protest in civil hospital charkhi dadri
protest in civil hospital charkhi dadri
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Published : Apr 6, 2022, 4:11 PM IST

चरखी दादरी: कोविड काल के दौरान स्वास्थ्य विभाग में लगाए एनएचएम के अस्थाई कर्मचारियों को हटा दिया गया है. ये कर्मचारी नागरिक अस्पताल में नियुक्त थे और निजी कंपनी के माध्यम से लगे हुए थे. हटाए गए कर्मचारियों ने बुधवार को बहाल करने की मांग को लेकर सिविल अस्पताल में धरना देते हुए रोष प्रदर्शन किया. साथ ही निर्णय लिया कि अगर उनकी नौकरी बहाल नहीं की तो बड़ा आंदोलन शुरू करते हुए प्रदेश स्तरीय आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.

स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्सिंग के तहत लगे 36 कर्मचारियों को 31 मार्च से हटाते हुए घर भेज दिया गया था. यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों से जिले में सैंपलिग का काम ठप पड़ा है. उधर कर्मचारियों ने हटाने के आदेशों के विरोध में सर्व कर्मचारी संघ तथा स्वास्थ्य विभाग के ठेका कर्मचारियों के बैनर तले एकत्रित होकर रोष प्रदर्शन किया और कर्मचारियों के साथ अन्याय नहीं होने को लेकर मंथन किया. बाद में अस्पताल परिसर में धरना देते हुए रोष प्रदर्शन कर सरकार से नौकरी बहाली की मांग की.

ये भी पढ़ें- हेल्थ वर्कर बैठे हड़ताल पर, CMO पर लगाए अपने चहेतों को काम पर रखने के आरोप

प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए अस्थाई स्टाफ नर्स मनेश देवी ने कहा कि कोविड के समय में इन कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना सरकारी आदेशों की पालना की, लेकिन अब सरकार ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है. जब कोरोना की लहर पूरी पीक पर थी, तब इन कर्मचारियों ने स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवाएं शुरू करते हुए दिन-रात कड़ी मेहनत की जिसके चलते कोरोना पर काबू करने में विभाग को सफलता मिली. ऐसे में सरकार को इन कर्मचारियों की सेवाएं नियमित करते हुए इन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए था, लेकिन इसके उलट सरकार ने कोरोना का प्रभाव कम होते ही वापस घर भेजकर इनकी रोजी-रोटी छीनने का काम किया. अगर उनकी बहाली नहीं हुई तो बड़े स्तर पर आंदोलन करते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.

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चरखी दादरी: कोविड काल के दौरान स्वास्थ्य विभाग में लगाए एनएचएम के अस्थाई कर्मचारियों को हटा दिया गया है. ये कर्मचारी नागरिक अस्पताल में नियुक्त थे और निजी कंपनी के माध्यम से लगे हुए थे. हटाए गए कर्मचारियों ने बुधवार को बहाल करने की मांग को लेकर सिविल अस्पताल में धरना देते हुए रोष प्रदर्शन किया. साथ ही निर्णय लिया कि अगर उनकी नौकरी बहाल नहीं की तो बड़ा आंदोलन शुरू करते हुए प्रदेश स्तरीय आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.

स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्सिंग के तहत लगे 36 कर्मचारियों को 31 मार्च से हटाते हुए घर भेज दिया गया था. यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों से जिले में सैंपलिग का काम ठप पड़ा है. उधर कर्मचारियों ने हटाने के आदेशों के विरोध में सर्व कर्मचारी संघ तथा स्वास्थ्य विभाग के ठेका कर्मचारियों के बैनर तले एकत्रित होकर रोष प्रदर्शन किया और कर्मचारियों के साथ अन्याय नहीं होने को लेकर मंथन किया. बाद में अस्पताल परिसर में धरना देते हुए रोष प्रदर्शन कर सरकार से नौकरी बहाली की मांग की.

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प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए अस्थाई स्टाफ नर्स मनेश देवी ने कहा कि कोविड के समय में इन कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना सरकारी आदेशों की पालना की, लेकिन अब सरकार ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है. जब कोरोना की लहर पूरी पीक पर थी, तब इन कर्मचारियों ने स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवाएं शुरू करते हुए दिन-रात कड़ी मेहनत की जिसके चलते कोरोना पर काबू करने में विभाग को सफलता मिली. ऐसे में सरकार को इन कर्मचारियों की सेवाएं नियमित करते हुए इन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए था, लेकिन इसके उलट सरकार ने कोरोना का प्रभाव कम होते ही वापस घर भेजकर इनकी रोजी-रोटी छीनने का काम किया. अगर उनकी बहाली नहीं हुई तो बड़े स्तर पर आंदोलन करते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.

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