चरखी दादरीः पिछले कुछ दिन से मौसम में आए परिवर्तन को लेकर जहां आमजन को परेशान है तो वहीं ये प्रदूषण प्रशासन के लिए भी गले की फांस बन गया है. इस समय दादरी जिले में एयर कंट्रोल इंडेक्स 450 पार पहुंच गया है. शनिवार को दिन में भी स्माग छाया रहा. जिसके कारण वाहन चालकों के साथ-साथ लोगों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से अस्थमा मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. एक्यूआई का स्तर बढ़ने पर नाक, कान और गला रोगियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है.
अस्थमा मरीजों की संख्या बढ़ी
हरियाणा-दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है. वायु प्रदूषण का स्तर दादरी जिला में 450 पार पहुंच चुका है. इसका सीधा असर अस्थमा रोगियों और बुजुर्गों पर देखने को मिल रहा है. आजकल क्षेत्र में एक्यूआई 450 से भी अधिक है. अस्थमा रोगियों के लिए ये बहुत ही खतरनाक साबित हो रहा है. नागरिक अस्पताल में आम दिनों में लगभग 30 के आसपास अस्थमा के रोगी आते हैं लेकिन आजकल इनकी संख्या बढ़कर 120 से भी अधिक हो गई है.
लापरवाही बनी गले की फांस!
एनजीटी औप सरकार के आदेशों के बाद भी दादरी शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर में आग लगाई जा रही है. ऐसे समय में नियमों को ठेंगा दिखाते हुए नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा कूड़ा जलाया जा रहा है. जिसके कारण शहर में हालात और भी खराब होते जा रहे हैं.
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अधिकृत कमेटी ने एक से पांच नवंबर तक जिले की अरावली की पहाड़ियों पर खनन कार्य पर रोक लगा दी है. इस दौरान क्रशर जोन पर पत्थर आदि तोडऩे और पिसाई का काम नहीं होगा. इन आदेशों की अवहेलना करने वाले क्रशर मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश हैं.
डॉक्टर कम और मरीज ज्यादा
दादरी में जितनी तेजी से वायु प्रदुषण बढ़ा है, उतनी ही तेजी से रोगियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. दादरी के नागरिक अस्पताल में डॉक्टर्स की कमी के चलते रोगियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे हालातों में सिर्फ एक डॉक्टर ही इमरजेंसी और ओपीडी में सेवाएं दे रहा है.
सांस के मरीजों के लिए हिदायत
सीएमओ डॉ. विरेंद्र यादव ने बताया कि अस्थमा रोगियों को धूल, मिट्टी या खुले वातावरण से बचना चाहिए और धूम्रपान नहीं करना चाहिए. इसके अलावा ठंडे स्थान से तथा ठंडे पेय पदार्थों से परहेज करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस समय प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है, ऐसे में रोगियों को बाहर जाने से पहले मास्क लगाना चाहिए.