चरखी दादरी: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) की निगरानी समिति के चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस प्रीतमपाल सिंह ने कहा कि दादरी जिले के पहाड़ों में क्रेशर व माइनिंग जोन की वस्तु स्थिति की रिपोर्ट जल्दी ही अधिकरण को सौंपी जाएगी. इस क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण के लिए अभी कुछ और कार्य किए जाने आवश्यक हैं.
चरखी दादरी जिले में माइनिंग जोन का दौरा करने के बाद स्थानीय विश्राम गृह में एनजीटी निगरानी समिति की सदस्या व पूर्व मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी, टीम के तकनीकी विशेषज्ञ एवं पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सेवानिवृत्त सचिव डॉ. बाबूराम के साथ जस्टिस प्रीतमपाल सिंह अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे.
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गांव मानकावास से मिली शिकायत के आधार पर प्रीतमपाल सिंह ने उपायुक्त राजेश जोगपाल को चार सदस्यों की एक कमेटी गठित कर मानकावास खनन क्षेत्र में वृक्षों की अवैध कटाई एवं भूजल दोहन की जांच करवाने के आदेश दिए हैं.
उन्होंने कहा कि यह कमेटी 15 अप्रैल तक अपनी जांच कर उपायुक्त को सौंप दे. इस कमेटी में अधिकारी भी शामिल रहेंगे. इसके बाद अधिकरण इस मामले में आगे की कार्रवाई करेगा.
जस्टिस प्रीतमपाल सिंह ने कहा कि उन्होंने अपनी टीम के साथ 17 व 18 मार्च को दादरी खनन क्षेत्र के 23 क्रशरों तथा माइनिंग जोन का दौरा किया है. इस दौरान एक ओर जहां मशीनरी पर धूल को रोकने के लिए टीन शेड, पौधरोपण, पानी का छिडक़ाव आदि व्यवस्था देखने को मिली, वहीं कुछ खामियां भी पाई गई हैं.
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उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में खनन कार्य रोजगार का प्रमुख जरिया बन चुका है. इसमें माइनिंग व क्रशिंग की अनुमति लेने के लिए ठेकेदारों ने प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मूलभूत कार्य तो किए हैं, फिर भी काफी सुधार किए जाने बाकी है.
दादरी जोन में उनकी जांच के मुख्य बिंदु प्रदूषण और वनीकरण है. इस आधार पर वे अपनी निरीक्षण रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल को देंगे. एनजीटी की मॉनिटरिंग कमेटी की सदस्या एवं हरियाणा सरकार की पूर्व मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी ने कहा कि इस जोन का कभी आकस्मिक निरीक्षण करवाया जाएगा जिससे सही तस्वीर ट्रिब्युनल के सामने आ सके.