चरखी दादरी: यूक्रेन और रूस से बीच चार दिन से युद्ध (russia ukraine war) जारी है. अभी तक हजारों भारतीय छात्र यूक्रेन में फंसे हैं. भारत सरकार की तरफ से यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित निकालने का काम जारी है. इस बीच 17 साल की हरियाणवी छोरी ने मानवता की मिसाल पेश की है. चरखी दादरी की नेहा सांगवान ने भारत वापस लौटने से इंकार (neha sangwan refuses to leave ukraine) कर दिया है.
नेहा का कहना है कि यूक्रेन में वो जिस घर में किराये पर रह रही है. उस घर का मालिक जंग में शामिल होने गया है. उस घर में अब महिला और उसके तीन बच्चे रह रहे हैं. ऐसे में नेहा ने फैसला किया है कि वो उनके बच्चों की देखभाल के लिए यूक्रेन में ही रुकेगी. हरियाणा की बेटी के इस फैसले की हर कोई तारीफ कर रहा है. चरखी दादरी की बेटी नेहा सांगवान (neha sangwan charkhi dadri) के पिता भारतीय सेना में थे. वो दो साल पहले शहीद हो गए थे.
दो साल पहले ही अभिभवकों ने नेहा को एमबीबीएस कराने के लिए यूक्रेन भेजा था. नेहा ने बताया कि यूक्रेन के कीव में उसे हॉस्टल नहीं मिला तो वो वहां किराये पर रहने लगी. अब नेहा का कहना कि वो तब तक भारत वापस नहीं आएंगी (haryana daughter neha sangwan in ukraine) जबतक हालात सामान्य नहीं हो जाते. नेहा ना कहा कि इस बीच अगर मैं नहीं भी रही तो कोई गम नहीं है. नेहा सांगवान ने अपनी आंटी सविता जाखड़ से फोन पर वहां के हालातों के बारे में जानकारी दी.
नेहा ने बताया कि जिस घर में वो रह रही है वहां के मालिक ने यूक्रेन की सेना ज्वाइन कर ली. ऐसे में उनकी पत्नी और तीन बच्चे बंकर में डटे हुए हैं. नेहा भी उनके साथ बंकर में डटी हुई है. नेहा ने कहा कि मैं उनको ऐसी हालत में छोड़कर भारत नहीं आ सकती. नेहा की चाची सविता जाखड़ ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की है. सविता जाखड़ ने स्पष्ट किया के बेटी का परिवार मीडिया के सामने नहीं आ सकता. नेहा की माता ने बेटी को समझाया भी, बावजूद इसके नेहा ने वहीं रुकने का फैसला किया. नेहा के इस फैसले की हर कोई सराहना कर रहा है.
पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने कहा कि यूक्रेन के हालातों के बीच दादरी की बेटी ने वहां के नागरिकों को बचाने के लिए इंसानियत की मिसाल पेश की है. बेटी के इस जज्बे को स्लाम करते हैं और उनके दादरी लौटने पर सम्मानित करेंगे. बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंद्र श्योराण ने कहा कि यूक्रेन में बने हालातों के बीच हरियाणा व केंद्र की सरकार लगातार बच्चों की वापसी के लिए कार्य कर रही है. इसी बीच शहीद की बेटी ने युद्ध समाप्ती तक यूक्रेन में किरायेदार की पत्नी व उसके तीन बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए वहीं रूकने का फैसला लेकर इंसानियत की मिसाल पेश की है.
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