चरखी दादरी: हरियाणा सरकार के कथनी और करनी में बड़ा फर्क है, ये हम नहीं बल्कि हरियाणा के किसान कह रहे हैं. गुरुवार को कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार में नंबर यानि की डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि जहां-जहां बाजरे की फसल की खरीद नहीं हुई है, वहां फिर से खरीदी की जाएगी, लेकिन मंडियों में अभी भी किसान धक्के खाने को मजबूर हैं और उनके फसल की खरीद नहीं हो पा रही.
चरखी दादरी जिले में करीब तीन हजार किसान टोकन और वैरिफिकेशन के झमेलों के बीच अपनी फसल की बिक्री का इंतजार कर रहे हैं. किसानों ने सोमवार को मंडी गेट पर ताला जड़ने की भी चेतावनी दी है.
बता दें कि हरियाणा से बाहर का बाजरा मंडियों में आने के चलते सरकार रजिस्ट्रेशन करवाने वाले किसानों की बाजरा फसल की वैरिफिकेशन करने के आदेश जारी किए थे, जिनमें करीब तीन हजार किसान ऐसे हैं, जिनकी वैरिफिकेशन हो चुकी है और अपना बाजरा मंडियों में लाने के लिए इंतजार कर रहे हैं. वहीं कुछ ऐसे भी किसान हैं जिनको टोकन जारी कर दिए गए और फसल नहीं बेच पाए.
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टोकन के चक्कर में फसल नहीं बेच पाने वाले किसानों ने अपनी बाजरा की फसल मंडियों में डाली हुई है, जिसको बेचने के लिए किसानों को रातभर रखवाली करनी पड़ती है. ऐसे में किसान अपनी फसल बेचने के लिए काफी परेशान है.
अनाजमंडी प्रधान रामकुमार रिटोलिया ने बताया कि किसानों को सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन खरीद नहीं हो रही है, रिटोलिया ने कहा कि किसानों ने चेतावनी दी है कि दिक्कतों का समाधान नहीं होने पर सोमवार को मंडी के गेटों पर ताला जड़ेंगे और अनिश्चितकाली हड़ताल भी करेंगे.