चरखी दादरी: दादरी की नई अनाजमंडी में शुरू हुई बाजरे की खरीद पर्याप्त व्यवस्थाओं के अभाव में किसानों और आढ़तियों के लिए जी का जंजाल बन गई है. वजह है कि संबंधित विभाग द्वारा जो बाजरा खरीद किया है, उसका समय पर उठान नहीं किया जा रहा है. हालत ये है कि कॉमन शैड और दुकानों के आगे लगे बाजरे को आवारा पशु खराब कर रहे हैं.
बुंदाबांदी के चलते अनाज हुआ खराब
यहां तक कि पिछले दिनों हुई बुंदाबांदी के चलते कई ढेरियों में बाजरा खराब भी हो गया है, लेकिन फिर भी बारिश से बचने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं. एक अक्टूबर से शुरू हुई बाजरे की खरीद प्रक्रिया को संबंधित विभाग सुचारू चलाने में विफल साबित हुआ है.
सरकार द्वारा जारी किए गए शैड्यूल के अनुसार दादरी की अनाजमंडी में बाजरा खरीद के दावे किए थे. शुरुआत में रोज खरीद नहीं हो पाने के कारण किसान परेशान रहे. उसके बाद अब आढ़ती खरीदे रहे हैं, लेकिन बाजरे का उठान नहीं होने से परेशान हो रहे हैं.
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बाजरे को आवारा पशुओं से हो रहा नुकसान
आढ़तियों का कहना है कि विभाग ने लाखों क्विंटल बाजरा खरीदा है, जिसमें से अभी भी अधिकांश बाजरा मंडी में लावारिस हालत में पड़ा है. विभाग की उठान प्रक्रिया बहुत धीमी है जिससे ऐसा लगता है कि उठान होने में महीने लग जाएंगे तब तक मौसम और आवारा पशुओं से बाजरे को बचा पाना मुश्किल होगा.
मंडी में नहीं है कोई चौकीदार
एक अव्यवस्था ये भी है कि मंडी में चौकीदार की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में मंडी परिसर में दिनभर आवारा पशुओं का जमघट बना रहता है जो बाजरे को खराब कर रहे हैं. आढ़तियों और किसानों का कहना है कि लेट उठान से जहां बाजरे के वजन में घटती आएगी, वहीं उसकी गुणवत्ता भी प्रभावित होगी.
किसान अभिषेक, राजेश और जयभगवान ने बताया कि अधिकारियों के उदासीन रवैए के चलते बाजरा उठान नहीं होने से बाजरा बेचने आए किसानों को खासी परेशाानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने मांग की है कि विभाग खरीद किए गए बाजरे का उठान जल्दी करवाए, ताकि आगे की खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चले और किसानों को बाजरे की बिक्री में किसी प्रकार की दिक्कत न आए.
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