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पुलिस के डंडे का डर! रात के अंधेरे में बार्डर पार कर रहे प्रवासी

प्रवासी मजदूर पुलिस के डंडे के डर से रात के अंधेरे में बॉर्डर पार कर रहे हैं. कोरोना का डर तो है, लेकिन घर में भूखे मर रहे बच्चों की चिंता भी है. यही वजह है कि कोरोना और पुलिस के भय के बाद भी ये देर रात चोरी छिपे एक जिले से दूसरे जिले की ओर बढ़ रहे हैं.

migrant workers crossing charkhi dadri border
पुलिस के डंडे का डर! रात के अंधेरे में बार्डर पार कर रहे प्रवासी
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Published : May 3, 2020, 8:15 PM IST

चरखी दादरी: साहब, ठेकेदार ने निकाल दिया... रोटी देने से मना कर दिया... बाहर निकलने पर पुलिस डंडे मारती है और घर पर भूख, ये कहना है उन प्रवासी मजदूरों का जो उत्तरप्रदेश से दादरी काम करने आए थे. लॉकडाउन ने काम क्या ठप किया, ये प्रवासी मजदूर दाने-दाने को मोहताज हो गए.

अब आलम ये हो चुका है कि प्रवासी मजदूर पुलिस के डंडे के डर से रात के अंधेरे में बॉर्डर पार कर रहे हैं. कोरोना का डर तो है, लेकिन घर में भूखे मर रहे बच्चों की चिंता भी है. यही वजह है कि कोरोना और पुलिस के भय के बाद भी ये देर रात चोरी छिपे एक जिले से दूसरे जिले की ओर बढ़ रहे हैं. साथ ही हाथ जोड़कर साशन प्रशासन से बस किसी भी तरह घर पहुंचाने की मांग कर रहे हैं.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

बता दें कि उत्तर प्रदेश के रहने वाले प्रवासी दादरी क्रेशर जोन में काम करने आए थे और कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान यहां फंस गए. लॉकडाउन के शुरुआती दिन तो किसी तरह से कट गए, प्रशासन के निर्देशों पर ठेकेदार की ओर से कुछ दिन तो राशन-पानी दिया गया, लेकिन अब ठेकेदार ने भी राशन देने से मना कर दिया. ऐसे में वो करीब 30 लोग अपने घर उत्तर प्रदेश की ओर पैदल ही निकल गए हैं.

ये भी पढ़िए: लॉकडाउन में बदला प्रदेश का मिजाज, कविता के जरिए जानें क्या है प्रदेश का हाल

प्रवासियों ने बताया कि वो रात के अंधेरे में इसलिए चल रहे हैं, क्योंकि दिन में पुलिस उन्हें डंडे मारती है. ऐसी हालत में वो चोरी छिपे जंगल के रास्ते बॉर्डर पार कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से भी उन्हें घर पहुंचाने की मांग की है.

चरखी दादरी: साहब, ठेकेदार ने निकाल दिया... रोटी देने से मना कर दिया... बाहर निकलने पर पुलिस डंडे मारती है और घर पर भूख, ये कहना है उन प्रवासी मजदूरों का जो उत्तरप्रदेश से दादरी काम करने आए थे. लॉकडाउन ने काम क्या ठप किया, ये प्रवासी मजदूर दाने-दाने को मोहताज हो गए.

अब आलम ये हो चुका है कि प्रवासी मजदूर पुलिस के डंडे के डर से रात के अंधेरे में बॉर्डर पार कर रहे हैं. कोरोना का डर तो है, लेकिन घर में भूखे मर रहे बच्चों की चिंता भी है. यही वजह है कि कोरोना और पुलिस के भय के बाद भी ये देर रात चोरी छिपे एक जिले से दूसरे जिले की ओर बढ़ रहे हैं. साथ ही हाथ जोड़कर साशन प्रशासन से बस किसी भी तरह घर पहुंचाने की मांग कर रहे हैं.

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बता दें कि उत्तर प्रदेश के रहने वाले प्रवासी दादरी क्रेशर जोन में काम करने आए थे और कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान यहां फंस गए. लॉकडाउन के शुरुआती दिन तो किसी तरह से कट गए, प्रशासन के निर्देशों पर ठेकेदार की ओर से कुछ दिन तो राशन-पानी दिया गया, लेकिन अब ठेकेदार ने भी राशन देने से मना कर दिया. ऐसे में वो करीब 30 लोग अपने घर उत्तर प्रदेश की ओर पैदल ही निकल गए हैं.

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प्रवासियों ने बताया कि वो रात के अंधेरे में इसलिए चल रहे हैं, क्योंकि दिन में पुलिस उन्हें डंडे मारती है. ऐसी हालत में वो चोरी छिपे जंगल के रास्ते बॉर्डर पार कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से भी उन्हें घर पहुंचाने की मांग की है.

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