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प्रवासी मजदूरों के लिए मुसीबतों का घर बना चरखी दादरी का शेल्टर होम

चरखी दादरी में प्रशासन द्वारा बनाए गए शेल्टर होम्स की हालत बेहद दयनीय है. ये बात हम नहीं बल्कि वहां रह रहे प्रवासी मजदूरों ने कही है. उनका कहना है कि इन शेल्टर होम्स में उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

migrant labors are facing many problem in charkhi dadri shelter home
migrant labors are facing many problem in charkhi dadri shelter home
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Published : Mar 31, 2020, 7:22 PM IST

चरखी दादरी: हरियाणा में प्रवासी मजदूरों के लिए प्रशासन द्वारा शेल्टर होम्स बनाए जा रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने इन शेल्टर होम्स का रियलिटी चेक किया कि आखिर यहां रह रहे मजदूरों को कैसी सुविधाएं मिल रही हैं.

ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में ये सामने आया कि यहां मजदूरों को जेल से बदतर जिंदगी जीनी पड़ रही है. जब हमने दादरी में बने शेल्टर होम में मजदूरों से बात की, तो उन्होंने कहा कि यहां तो जेल से भी बदतर हालात हैं.

उन्होंने कहा कि यहां उन्हें काफी मुश्किलों में रात गुजारने पड़ रही है. वो फर्श पर सोने को मजबूर हैं और उन्हें रात को मच्छर भी काट रहे हैं. मजदूरों ने बताया कि इन शेल्टर होम्स में उनके लिए मेडिकल सुविधाएं भी मौजूद नहीं है.

ये भी पढे़ं- CORONA को लेकर हरियाणा मंत्रिमंडल की अहम बैठक जारी

कुछ प्रवासी मजदूरों ने बताया कि रात को उन्हें पीने के पानी के लिए भी तरसना पड़ता है. ईटीवी भारत की पड़ताल में ये भी सामने आया कि जो खाना मजदूरों को परोसा जा रहा था, वो भी ताजा नहीं था.

यहां तक की जो पुलिसकर्मी शेल्टर होम्स की ड्यूटी में लगे हैं, उन्हें भी अच्छा खाना नहीं मिल रहा है. दबी जुबां में वो भी यही रह रहे थे कि बड़े अधिकारी अपना पेट भर लेते हैं. सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि उनके पास मास्क और सैनिटाइजर भी मौजूद नहीं हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी ?

एसडीएम संदीप अग्रवाल ने बताया कि बेसहारा मजदूरों के लिए प्रशासन की तरफ से उचित व्यवस्था की गई है. मजदूरों के लिए समय पर खाना और चाय पहुंच रही है. एसडीएम ने बताया कि जब तक सरकार आदेश नहीं देगी, तब तक इन प्रवासी मजदूरों को बाहर नहीं जाने दिया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि किसी भी मजजूर को यहां कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी.

चरखी दादरी: हरियाणा में प्रवासी मजदूरों के लिए प्रशासन द्वारा शेल्टर होम्स बनाए जा रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने इन शेल्टर होम्स का रियलिटी चेक किया कि आखिर यहां रह रहे मजदूरों को कैसी सुविधाएं मिल रही हैं.

ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में ये सामने आया कि यहां मजदूरों को जेल से बदतर जिंदगी जीनी पड़ रही है. जब हमने दादरी में बने शेल्टर होम में मजदूरों से बात की, तो उन्होंने कहा कि यहां तो जेल से भी बदतर हालात हैं.

उन्होंने कहा कि यहां उन्हें काफी मुश्किलों में रात गुजारने पड़ रही है. वो फर्श पर सोने को मजबूर हैं और उन्हें रात को मच्छर भी काट रहे हैं. मजदूरों ने बताया कि इन शेल्टर होम्स में उनके लिए मेडिकल सुविधाएं भी मौजूद नहीं है.

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कुछ प्रवासी मजदूरों ने बताया कि रात को उन्हें पीने के पानी के लिए भी तरसना पड़ता है. ईटीवी भारत की पड़ताल में ये भी सामने आया कि जो खाना मजदूरों को परोसा जा रहा था, वो भी ताजा नहीं था.

यहां तक की जो पुलिसकर्मी शेल्टर होम्स की ड्यूटी में लगे हैं, उन्हें भी अच्छा खाना नहीं मिल रहा है. दबी जुबां में वो भी यही रह रहे थे कि बड़े अधिकारी अपना पेट भर लेते हैं. सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि उनके पास मास्क और सैनिटाइजर भी मौजूद नहीं हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी ?

एसडीएम संदीप अग्रवाल ने बताया कि बेसहारा मजदूरों के लिए प्रशासन की तरफ से उचित व्यवस्था की गई है. मजदूरों के लिए समय पर खाना और चाय पहुंच रही है. एसडीएम ने बताया कि जब तक सरकार आदेश नहीं देगी, तब तक इन प्रवासी मजदूरों को बाहर नहीं जाने दिया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि किसी भी मजजूर को यहां कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी.

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