चरखी दादरी: निर्माणाधीन ग्रीन कारिडोर 152 डी नेशनल हाईवे की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर एक वर्ष से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसानों का सब्र अब टूट रहा है. किसानों ने सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते हुए चेतावनी दी है कि अगर उन्हें प्रति एकड़ दो करोड़ का मुआवजा नहीं दिया गया. तो वे ना तो जमीन कब्जा करने देंगे और ना ही रोड बनने देंगें. चाहे उन्हें गोलियां ही क्यों ना खानी पड़े.
बता दें कि, नारनौल से गंगेहड़ी तक ग्रीन कारिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर दादरी जिले के 18 गांवों के किसानों द्वारा करीब एक वर्ष तक धरना दिया जा रहा है. बीच में सरकार व प्रशासन ने उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया था और उसके बाद कोरोना महामारी आ गई. जिसके चलते धरना स्थगित करना पड़ा. बावजूद इसके किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिला. जिसके बाद किसानों ने एकजुट होते हुए गांव खातीवास में धरना शुरू कर दिया है.
धरने की अगुवाई करते किसान नेता अनूप खातीवास ने कहा कि मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है. बावजूद इसके कोई समाधान नहीं हुआ. जिसके बाद दोबारा से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है.
अनूब खातीवास ने कहा कि जब तक उनको उचित मुआवजा नहीं मिलता, वे प्रशासन व एनएचआई द्वारा उनकी जमीन पर कब्जा नहीं करने देंगे. इसके लिए चाहे किसानों को कितनी बड़ी कुर्बानी क्यों ना देनी पड़े.
ये भी पढ़ें: हरियाणा के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश जैन का निधन, हुड्डा सरकार में बने थे मंत्री