ETV Bharat / state

चरखी दादरी: कंडम हुई नहर में विभाग कागजों में छोड़ रहा पानी, RTI में हुआ खुलासा - water

चरखी दादरी के सिंचाई विभाग ने एक बड़ा गोलमाल करते हुए लाखों रुपये का घालमेल किया है. विभाग ने घिकाड़ा-कलियाणा माइनर में पिछले 10 सालों से पानी दिखाया है. जो हकीकत के उलट है. इसका खुलासा आरटीआई से हुआ है.

विभाग कागजों में छोड़ रहा पानी
author img

By

Published : Jun 20, 2019, 2:19 PM IST

चरखी दादरी: सिंचाई विभाग ने दादरी शहर में एक बड़ा घालमेल करते हुए कागजों में ही नहर दिखा दी है. दरअसल दादरी शहर से गुजर रही घिकाड़ा से कलियाणा तक माइनर का कई स्थानों पर तो नामों-निशान ही नहीं है. कंडम पड़ी नहर में सिंचाई विभाग ने कागजों में दिखाया है कि पिछले 10 सालों से लगातार नहरी पानी छोड़ा जा रहा है. इस मामले का खुलासा आरटीआई से मिली जानकारी में हुआ है.

क्लिक कर देखें वीडियो

आरटीआई से हुआ खुलासा
आरटीआई एक्टीविस्ट जितेंद्र जटासरा ने आरटीआई से मिली सूचनाएं दिखाते हुए बताया कि कई सालों पहले ही घिकाड़ा-कलियाणा माइनर कंडम होकर लुप्त हो चुकी है. जबकि सिंचाई विभाग ने उन्हें जो जानकारी दी है, उसमें स्पष्ट है कि विभाग पिछले 10 सालों से लगातार इस माइनर में पानी छोड़ रहा है.

ऐसे में विभाग ने कागजों पर पानी दर्शाया है. जिससे स्पष्ट है कि विभाग ने लाखों रुपए का गोलमाल किया है. जितेंद्र ने बताया कि पूरे मामले को लेकर उन्होंने सीएम विंडो पर शिकायत भी भेजी है. ताकि जांच होने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके.

अधिकारी हुए मौन
पूरे मामले को लेकर सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता अरूण कुमार मुंजाल से बात की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि हमने जो जानकारी थी, वह आरटीआई में दे दी है.

चरखी दादरी: सिंचाई विभाग ने दादरी शहर में एक बड़ा घालमेल करते हुए कागजों में ही नहर दिखा दी है. दरअसल दादरी शहर से गुजर रही घिकाड़ा से कलियाणा तक माइनर का कई स्थानों पर तो नामों-निशान ही नहीं है. कंडम पड़ी नहर में सिंचाई विभाग ने कागजों में दिखाया है कि पिछले 10 सालों से लगातार नहरी पानी छोड़ा जा रहा है. इस मामले का खुलासा आरटीआई से मिली जानकारी में हुआ है.

क्लिक कर देखें वीडियो

आरटीआई से हुआ खुलासा
आरटीआई एक्टीविस्ट जितेंद्र जटासरा ने आरटीआई से मिली सूचनाएं दिखाते हुए बताया कि कई सालों पहले ही घिकाड़ा-कलियाणा माइनर कंडम होकर लुप्त हो चुकी है. जबकि सिंचाई विभाग ने उन्हें जो जानकारी दी है, उसमें स्पष्ट है कि विभाग पिछले 10 सालों से लगातार इस माइनर में पानी छोड़ रहा है.

ऐसे में विभाग ने कागजों पर पानी दर्शाया है. जिससे स्पष्ट है कि विभाग ने लाखों रुपए का गोलमाल किया है. जितेंद्र ने बताया कि पूरे मामले को लेकर उन्होंने सीएम विंडो पर शिकायत भी भेजी है. ताकि जांच होने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके.

अधिकारी हुए मौन
पूरे मामले को लेकर सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता अरूण कुमार मुंजाल से बात की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि हमने जो जानकारी थी, वह आरटीआई में दे दी है.

Intro:कंडम नहर, सिंचाई विभाग कागजों में छोड़ रहा है पानी
: धरातल पर माइनर ही नहीं, विभाग ने गोलामाल करके कागजों में पहुंचा दिया पानी
: आरटीआई में हुआ खुलासा, अधिकारी बोलने को तैयार नहीं
: सीएम विंडों पर ही शिकायत, जांच की मांग की
चरखी दादरी। दादरी शहर से गुजर रही घिकाड़ा से कलियाणा तक माइनर का कई स्थानों पर तो नामों-निशान ही नहीं है। कंडम पड़ी नहर में सिंचाई विभाग द्वारा पिछले 10 वर्षों से लगातार नहरी पानी छोड़ा जा रहा है। ऐसे में विभाग द्वारा नहरी पानी छोडक़र लाखों रुपए का गोलमाल सामने आया है। इस मामले का खुलासा आरटीए से मिली जानकारी में हुआ है। मामला सामने आने पर विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। जबकि किसानों व आरटीआई एक्टीविस्ट द्वारा जांच के लिए सीएम विंडो पर शिकायत भेजी है। Body:सिंचाई विभाग के अनुसार घिकाड़ा रोड से दादरी शहर के अंदर से कलियाण तक निकलने वानी माइनर आर-एक में सिंचाई के लिए लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। जबकि धरातल पर कई स्थानों पर तो माइनर का नामो-निशान भी नहीं है। कई वर्ष पूर्व से ही माइनर को कंडम घोषित कर दिया गया। कई स्थानों पर तो लोगों ने माइनर को उखाडक़र अपने मकान बना लिए हैं तो कई स्थानों व झाड़ व पेड़ उग चुके हैं। आरटीआई से हुए खुलासे के बाद माइनर का निरीक्षण किया गया तो पाया कि करीब एक किलोमीटर के क्षेत्र में माइनर की र्इंट तक नहीं है। लोगों द्वारा टूटी माइनर में मिट्टी डालकर मकान बना लिए हैं।
पूरे मामले को लेकर सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता अरूण कुमार मुंजाल से बात की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया। कहा कि हमने जो जानकारी थी, वह आरटीआई में दे दी है। कहा कि रिकार्ड अनुसार ही जानकारी दी गई है।
बाक्स:-
आरटीआई मांगी तो हुआ खुलासा
आरटीआई एक्टीविस्ट जितेंद्र जटासरा ने आरटीआई से मिली सूचनाएं दिखाते हुए बताया कि कई वर्षों पूर्व ही घिकाड़ा-कलियाणा माइनर कंडम होकर लुप्त हो चुकी है। जबकि सिंचाई विभाग द्वारा उन्हें जो जानकारी दी है, उसमे स्पष्ट है कि विभाग द्वारा पिछले 10 वर्षों से लगातार इस माइनर में पानी छोड़ा जा रहा है। ऐसे में विभाग द्वारा कागजों में पानी दर्शाया गया है। जिससे स्पष्ट है कि विभाग ने लाखों रुपए का गोलमाल किया है। जितेंद्र ने बताया कि पूरे मामले को लेकर उसने सीएम विंडों पर शिकायत भी भेजी है। ताकि जांच होने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके। Conclusion:बाक्स:-
धरातल पर माइनर नहीं तो कैसे पानी छोड़ा
समाजसेवी रिंपी फौगाट के अनुसार धरातल पर माइनर ही नहीं है तो विभाग ने नहरी पानी कैसे छोड़ दिया। इस मामले की बड़े स्तर पर जांच हो तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। रिंपी ने बताया कि करीब 15 वर्ष पूर्व ही माइनर कंडम हो चुकी थी और इस समय माइनर का कहीं अता-पता भी नहीं है। विभाग के अधिकारियों द्वारा सिर्फ कागजों में ही पानी छोड़ा गया है।
बाक्स:-
माइनर कंडम होने से प्यासे हैं खेत
किसान जगबीर सिंह, जयभगवान व कृष्ण इत्यादि ने बताया कि कई वर्ष पूर्व घिकाड़ा-कलियाणा माइनर द्वारा क्षेत्र के खेतों में सिंचाई होती थी। लेकिन माइनर कंडम होन व जगह-जगह से लुप्त होने के कारण करीब 10 वर्षों से उनके खेत सूखे पड़े हैं। नहरी पानी नहीं आने के कारण किसानों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कागजों में नहर को ठीक बताकर पानी छोड़ा जा रहा है जबकि धरातल पर कुछ नहीं है।
विजवल:- 1
दादरी शहर का शाइन बोर्ड, जर्जर व कंंडम हो चुकी माइनर, लुप्त हुई माइनर के स्थान पर बने मकान व जगह-जगह पेड़ व झाड़ उगे और कंडम माइनर के कट शाटस
विजवल:- 2
आरटीआई से मिली सूचना की जानकारी देते, आरटीआई में मिली जानकारी के कट शाटस
बाईट:- 3
जितेंद्र जटासरा, आरटीआई एक्टीविस्ट
बाईट:- 4
रिंपी फौगाट, समाजसेवी
बाईट:- 5
जगबीर सिंह, किसान
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.