चरखी दादरी: जलभराव के कारण दादरी क्षेत्र के कई गांवों की सैकड़ों एकड़ जमीन (Charkhi Dadri waterlogging) पर किसानों की खेती बर्बाद हो रही है. बरसाती पानी की निकासी न होने के कारण चरखी दादरी में सैकड़ों एकड़ फसल पानी में डूबी हुई है. हालात ऐसे हैं कि फसल बर्बाद होने के चलते किसानों को खाने के लाले पड़े हैं. हालांकि प्रशासन द्वारा बार-बार पानी निकासी के पुख्ता प्रबंध करने के दावे किए जा रहे हैं बावजूद इसके पानी की निकासी नहीं होने से सैकड़ों एकड़ जमीन बंजर होने के कगार पर पहुंच गई है. चरखी दादरी के आधा दर्जन गांवों में पिछले 4-5 वर्षों से जलभराव की समस्याएं आ रही है.
हर साल स्थानीय प्रशासन व सिंचाई विभाग किसी तरह पानी की निकासी कर देता है, लेकिन इस बार पानी निकासी का कार्य शुरू होने से पहले ही हालात बिगड़ रहे हैं. गांव बिगोवा, इमलोटा, मोरवाला, लोहरवाड़ा सहित कई गांवों में पिछले दिनों हुई बारिश के कारण सैकड़ों एकड़ फसल पानी में डूब गई है. वहीं कृषि विभाग द्वारा जलभराव की रिपोर्ट तैयार की जा रही है. रिपोर्ट पूरी होने के बाद ही नुकसान का सही आंकलन हो पाएगा. एक अनुमान के मुताबिक क्षेत्र की करीब 600 एकड़ भूमि जलभराव से ग्रस्त है.
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फसलों में पानी निकासी का कोई प्रबंध नहीं होने के कारण फसल बर्बादी की कगार पर है. लगातार जलभराव होने व पानी की निकासी समय पर नहीं होने के कारण अनेक गांवों के किसानों की खेती लायक जमीन अब बंजर होने लगी है. इस जलभराव के कारण खरीफ की फसलों में काफी नुकसान हुआ है. इतना ही नहीं पानी निकासी के पुख्ता प्रबंध नहीं होने के कारण अब रबी फसल की बिजाई पर भी संकट के बादल पर छा सकते हैं. ऐसे में इन किसानों को अपने परिवार को चलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ रही है. न तो बच्चों की सही परवरिश हो पा रही है और न ही उनकी आर्थिक हालात में कोई सुधार हो रहा है.
किसानों का कहना है कि प्रशासन के दावों के बावजूद भी पानी की निकासी नहीं हुई. ऐसे में उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है. सरकार को तुरंत क्षेत्र में स्पेशल गिरदावरी करवाकर मुआवजा देना चाहिए. वहीं कृषि विभाग के एसडीओ डॉ. दिलबाग सिंह ने बताया कि जिले के कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है. पानी के चलते खरीफ की फसलों में काफी नुकसान हो रहा है. विभाग द्वारा जलभराव क्षेत्र की सर्वे करवाकर सरकार को भेजी जाएगी.
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