चरखी दादरीः दादरी जिले में एचटेट की परीक्षा के लिए 11 शिक्षण संस्थाओं के भवन में 12 परीक्षा केंद्र बनाए गए. सुबह और शाम की शिफ्टों में हुई परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों के आसपास पुलिस की कड़ी सुरक्षा रही और अंदर सभी परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र व अन्य सामान जांच करके ही जाने दिया गया. एचटेट लेवल एक व दो की परीक्षा शुरू होने से पूर्व ही सभी परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर महिला स्टाफ सहित 20 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था.
12 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित हुई परीक्षा
एसडीएम व ड्यूटी मैजिस्ट्रेट संदीप अग्रवाल ने बताया कि परीक्षा केंद्रों पर किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जा रही है. नकल रहित परीक्षा के लिए सुरक्षा के साथ-साथ अधिकारियों द्वारा चेकिंग की गई है.
एसडीएम ने बताया कि एचटेट की परीक्षा नकल रहित और पारदर्शी ढंग से करवाने के लिए चरखी दादरी में प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए थे. प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में सुरक्षा के कड़े प्रबंधों के बीच 12 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई.
उड़नदस्ते की टीमों ने की चेकिंग
बता दें कि कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को एचटेट लेवल तीन पीजीटी की परीक्षा छह परीक्षा केंद्रों पर हुई. 1554 आवेदकों ने परीक्षा दी, जबकि 1707 को आना था. परीक्षा गृह जिले में होने से 91 प्रतिशत परीक्षार्थी रहे उपस्थित.
इससे पहले परीक्षा के निर्धारित समय से दो घंटे पूर्व ही परीक्षार्थी परीक्षा केंद्रों पर आए और जांच प्रक्रिया से गुजरे. परीक्षा केंद्रों पर शांतिपूर्वक परीक्षा संपन्न होने के बाद जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली. इस बीच उड़नदस्ते की टीमें निरंतर चेकिंग करती रही.
परीक्षा केंद्र में जाने से पहले कड़ी चेकिंग
परीक्षा केंद्र में पहुंचने से पहले बाहर परिसर में कड़ी सुरक्षा के बीच सघन जांच की गई. पहले परीक्षार्थियों को कतारबद्ध करते हुए उनके रोल नंबर स्लीप चेक की गई और बाद में जूते, जुराब तक उतरवाकर अंदर गया.
महिलाओं और युवतियों के लिए चेकिंग के लिए अलग से व्यवस्था की गई. जो महिलाएं नाक में कोके पहनकर आई हुई थी, उन्हें उतरवाया गया. बाद में फिंगर प्रिंट, रोल नंबर स्लीप के साथ फोटो खींचने सहित पूरी तरह से जांच के बाद परीक्षा केंद्र के अंदर प्रवेश करने दिया गया.
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समय और पैसे दोनों की हुई बचत
नजदीक परीक्षा केंद्र होने के कारण समय और पैसे दोनों की बचत हुई है. अब से पहले परीक्षा देने के लिए दूसरे जिलों में जाना पड़ता था. इसमें बसों की व्यवस्था करने में भी सरकार फेल होती थी. अब गृह जिले में परीक्षा केंद्र आए हैं. सभी प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिल गया.
महिलाओं को मिली बड़ी राहत
सरकार के 50 किलोमीटर के दायरे में परीक्षा से सबसे ज्यादा राहत महिलाओं को मिली है. महिलाओं को छोटे बच्चों के साथ परीक्षा केंद्र तक जाना पड़ता था. इस दौरान बच्चों को भी बड़ी परेशानी होती थी. अकेली महिला दूर जाने में असमर्थ थी. अब महिलाओं के लिए सरकार का यह सबसे सराहनीय कदम है. सरकार के इस कदम का वो स्वागत करती है.