चरखी दादरी: जिले के निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचरों की मुश्कलें बढ़ती जा रही है. दरअसल सरकार ने निजी स्कूलों की फीस को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे, जिसमें स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने की बात कही गई थी. लेकिन निज स्कूलों का कहना है कि इन निर्देशों के बाद कई छात्रों के माता पिता ट्यूशन फीस भी जमा नहीं करा रहे हैं.
इसको लेकर प्राइवेट स्कूल वेलफेयर असोसिएशन ने एक बैठक बुलाई. इस बैठक में कहा गया कि अब स्कूलों के पास टीचरों को वेतन देने के लिए फंड नहीं है. क्योंकि छात्रों के परिजन फीस ही सबमिट नहीं कर रहे हैं. निजी स्कूलों ने चेतावनी दी है कि अगर छात्रों के परिजनों ने 10 जुलाई तक फीस जमा नहीं कराई तो, उन बच्चों की ऑनलाइन क्लास बंद कर देंगे और ऐसे बच्चों के स्कूल से नाम काट देंगे.
इतना ही नहीं असोसिएशन ने कहा कि सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो बड़े आंदोलन की शुरूआत करेंगे. उन्होंने सरकार से भी मांग की है कि एक ऐसा आदेश जारी किया जाए, जिसमें बच्चों की ट्यूशन फीस समय पर मिल सकें, ताकि स्कूल संचालकों के लगातार हो रहे खर्चे और टीचर की सैलरी सहित अन्य अदायगी की जा सकें.
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गौरतलब है कि लॉकडाउन के चलते सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की फीस को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे, जिसमें सरकार ने निजी स्कूलों से सिर्फ ट्यूशन फीस लेने की बात कही थी. इसके बाद कई छात्रों के माता पिता ट्यूशन फीस भी सबमिट नहीं कर रहे हैं. निजी स्कूलों में फंड की कमी के चलते टीचरों की सैलरी पर खतरा मडरा रहा है.